मुख्यमंत्री ने पुण्यश्लोक महारानी अहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी
वर्ष स्मृति अभियान के अन्तर्गत प्रदेश कार्यशाला को सम्बोधित किया
मुख्यमंत्री ने पुण्यश्लोक माता अहिल्याबाई होल्कर, पं0 दीन दयाल उपाध्याय
तथा डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी
महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने भारत और भारतीयता के प्रति समर्पित होकर
सनातन धर्म एवं महिला स्वावलम्बन के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया : मुख्यमंत्री
सनातन धर्म एवं महिला स्वावलम्बन के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया : मुख्यमंत्री
माता अहिल्याबाई होल्कर ने बिना किसी भय के सनातन धर्म
की पुनर्स्थापना के पवित्र अभियान को अपने हाथों में लिया
प्रधानमंत्री जी ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप देकर तथा
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर के भव्य मन्दिर का निर्माण कराकर
एक नई अयोध्या के दर्शन के माध्यम से इसी अभियान को आगे बढ़ाया
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कार्य किए जा
रहे, नारी शक्ति वंदन अधिनियम और लखपति दीदी अभियान इसी कड़ी का हिस्सा
रहे, नारी शक्ति वंदन अधिनियम और लखपति दीदी अभियान इसी कड़ी का हिस्सा
महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से एक करोड़
महिलाएं प्रदेश में सशक्तिकरण की नई गाथा लिख रही
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से लेकर खेलो इण्डिया, फिट इण्डिया मूवमेंट
या नारी शक्ति वंदन अधिनियम जैसे कार्यक्रम महारानी अहिल्याबाई
होल्कर के योगदान को आगे बढ़ाने के क्रम में चलाए जा रहे
माता अहिल्याबाई होल्कर के त्रिशताब्दी वर्ष के अवसर पर जनपद गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, कानपुर, आगरा, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा
मात्र 08 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार
उ0प्र0 पुलिस बल में महिलाओं की उपस्थिति 10 हजार से बढ़कर 40 हजार करने में सफल हुई
उ0प्र0 पुलिस बल में महिलाओं की उपस्थिति 10 हजार से बढ़कर 40 हजार करने में सफल हुई
उ0प्र0 पुलिस बल में किसी भी भर्ती में 20 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए
आरक्षित किए गये, आधी आबादी आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही
आरक्षित किए गये, आधी आबादी आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही
लखनऊ : 14 मई, 2025 :ः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने भारत और भारतीयता के प्रति समर्पित होकर सनातन धर्म एवं महिला स्वावलम्बन के लिए बहुत बड़ा योगदान दिया था। उन्होंने सत्ता सम्भालने के बाद स्पष्ट रूप से यह उद्घोषणा की थी कि उनका पथ धर्म का पथ है। धर्म का पथ ही न्याय का पथ है और न्याय का पथ ही हमें सर्वशक्तिमान और समर्थ बनाने में सहायक हो सकता है। इस भाव के साथ महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने उस कालखण्ड में मालवा के माध्यम से सनातन धर्म की पुनर्स्थापना में अपना योगदान दिया।
मुख्यमंत्री जी आज यहां पुण्यश्लोक महारानी अहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष स्मृति अभियान के अन्तर्गत प्रदेश कार्यशाला के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने पुण्यश्लोक माता अहिल्याबाई होल्कर, पं0 दीन दयाल उपाध्याय तथा डॉ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री जी ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि पुण्यश्लोक महारानी अहिल्याबाई होल्कर के त्रिशताब्दी समारोह में 21 से 31 मई, 2025 तक 10 दिवसीय वृहद अभियान के कार्यक्रम के हमें जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है। रानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान के लिए कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए भारत की सनातन धर्म की परम्परा ने पुण्यश्लोक के रूप में उन्हें सम्मान दिया है। हमारे वेदों का उद्घोष है कि ‘धर्मो रक्षति रक्षितः’, अर्थात यदि हम धर्म की रक्षा करेंगे, तो धर्म हमारी रक्षा करेगा। महारानी अहिल्याबाई होल्कर इस वेद वाक्य की साक्षात प्रतिमूर्ति बनी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने धर्म की रक्षा की शुरुआत उस कालखण्ड में की, जब यह देश विदेशी आक्रांताओं से भयभीत था और सनातन धर्म पर हमले हो रहे थे। उन स्थितियों में अपनी राजनीतिक सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम तक भारत के सनातन धर्म की पहचान और हमारे लिए पूज्य धर्मस्थलों की पुनर्स्थापना के महत्वपूर्ण कार्य को महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने अपने हाथों में लिया। श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर की पुनर्स्थापना का कार्य उस समय बहुत कठिन रहा होगा। औरंगजेब और उसके तत्काल बाद की विषम परिस्थितियों में मुगल सत्ता देश में थी और उनका वर्चस्व भी था। इसके बावजूद रानी अहिल्याबाई होल्कर ने श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर की पुनर्स्थापना का कार्य सम्पन्न किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर वही मन्दिर है, जो पुण्यश्लोक माता अहिल्याबाई होल्कर द्वारा सन् 1777 से सन् 1780 के मध्य स्थापित किया गया था। केदारनाथ धाम में अनेक प्राकृतिक आपदाएं आई। वर्ष 2012-13 में भी ऐसी ही एक आपदा आई थी, लेकिन मन्दिर अजेय बना रहा। आज भी यहां का मार्ग अत्यंत दुर्गम है। उस कालखण्ड में केदारनाथ मन्दिर को भव्य रूप दिया गया। भारत में सबसे पहले जिस मन्दिर पर आक्रमण किया गया था, वह सोमनाथ मन्दिर था। गजनी से आए लुटेरे मोहम्मद गजनी ने 1000 वर्ष पूर्व सोमनाथ मन्दिर को क्षतिग्रस्त किया था। माता अहिल्याबाई होल्कर ने उस कालखण्ड में फिर से भगवान सोमनाथ के मंदिर की स्थापना का संकल्प लिया था। माता अहिल्याबाई होल्कर ने सुदूर रामेश्वरम में भी ऐसे ही कार्य किए। अनेक ऐसे स्थल, जो सनातन धर्म की पहचान थे, उनके पुनरुद्धार सहित माता अहिल्याबाई होल्कर ने बिना किसी भय और परवाह के मालवा की सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए सनातन धर्म को पहचान दिलाने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माता अहिल्याबाई होल्कर ने महिला स्वावलम्बन की दिशा में भी अनेक कार्य किए। उन्होंने महिष्मती की साड़ियों को पहचान दिलाई माहिष्मती की साड़ियां, काशी में बनने वाली साड़ियों की भांति ही विख्यात है। यह अपनी कला और जरी-जरदोजी के लिए भारत में प्रसिद्ध है। हर सनातन धर्मावलम्बी अपने यहां मांगलिक कार्यों में इनका प्रयोग करते हैं। इनके विकास का कार्य भी उस कालखण्ड में माता अहिल्याबाई होल्कर ने प्रारम्भ किया। उन्होंने हिन्दू श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु देश में नदियों के किनारे पक्के घाटों का निर्माण कराया। उन्होंने मध्य प्रदेश के माहिष्मति के साथ ही, काशी तथा हरिद्वार के घाटों के निर्माण सहित देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर घाटों का निर्माण कराया। उस समय पाइप पेयजल की व्यवस्था नहीं थी। इसलिए कुएं और बावड़ियां बनाई जाती थीं। देश में जहां भी इन कार्यों की आवश्यकता पड़ी, माता अहिल्याबाई होल्कर ने पूरी मजबूती के साथ अपना योगदान दिया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वतंत्र भारत दुनिया में सबसे मजबूत लोकतंत्र के रूप में स्थापित हुआ है, इसके पीछे महारानी अहिल्याबाई होल्कर का विराट व्यक्तित्व है। केरल में जन्में एक संन्यासी ने मात्र 32 वर्ष की आयु प्राप्त की, लेकिन उन्होंने भारत की सांस्कृतिक एकता के लिए देश के अन्दर चार कोनों में चार पीठों की स्थापना की। 1500 वर्ष पहले आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित चार पीठों के माध्यम से भी भारत की इस एकता के दर्शन होते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने अपने स्वयं की संचित धनराशि से उन मन्दिरों का पुनरुद्धार किया था, जो गुलामी के उस कालखण्ड में विदेशी आक्रांताओं की क्रूरता और बर्बरतापूर्ण कार्रवाई का शिकार हुए थे। आज उसी का परिणाम है कि श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर को एक भव्य रूप में स्थापित करने का कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कर-कमलां से हुआ है। 13 दिसंबर, 2021 को प्रधानमंत्री जी ने उल्लेख किया था कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने जो कार्य सैकड़ां वर्ष पूर्व काशी में करके दिखाया था, यह उसी का एक विस्तार है। यह महारानी अहिल्याबाई होल्कर के प्रति हमारी विनम्र श्रद्धांजलि और उनकी स्मृतियों को हमारा नमन है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उस समय जब देश गुलाम था और विदेशी आक्रांताओं से भयभीत था, माता अहिल्याबाई होल्कर ने बिना किसी भय के सनातन धर्म की पुनर्स्थापना के पवित्र अभियान को अपने हाथों में लिया। वह अभियान सार्थक रूप से आगे बढ़ा। इसी अभियान को स्वतंत्र भारत में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सोमनाथ मन्दिर के पुनरुद्धार के माध्यम से आगे बढ़ाया। 21वीं सदी के पूर्वार्ध में इसी अभियान को प्रधानमंत्री जी ने श्रीकाशी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप देकर तथा अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि मन्दिर के भव्य मन्दिर का निर्माण कराकर एक नई अयोध्या के दर्शन के माध्यम से आगे बढ़ाया है। यह श्रृंखला आगे बढ़ती जा रही है। मां विंध्यवासिनी धाम का भव्य स्वरूप भी आपके सामने है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस वर्ष प्रयागराज महाकुम्भ का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ है। महाकुम्भ के आयोजन में देश और दुनिया के सनातन धर्मावलंबियों के साथ ही, अन्य जिज्ञासुआें ने भी प्रयागराज में मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती की त्रिवेणी में डुबकी लगाई और पुण्य के भागीदार बनें। उन्होंने महाकुम्भ के भव्य और विहंगम दृश्य के माध्यम से सनातन धर्म की एक झांकी भी देखी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाकुम्भ के दौरान प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु अयोध्या, काशी और नैमिषारण्य भी गए। यदि अयोध्या, काशी, नैमिषारण्य और चित्रकूट में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं समय से उपलब्ध नहीं कराई गई होती, तो आने वाले सभी लोगों को असुविधा होती। देश में यह पहली बार हुआ कि सुदूर दक्षिण भारत के केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना, पूर्वोत्तर के राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय व मिजोरम तथा उत्तर के राज्य जम्मू कश्मीर व हिमाचल प्रदेश तथा नेपाल व भूटान सहित दुनिया के 100 से अधिक देशों से श्रद्धालु और पर्यटक प्रयागराज आए। महाकुम्भ के बहाने उन्हें अयोध्या और काशी के दर्शन करने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ। जब भी कोई श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन करने आता है, तो वह महारानी अहिल्याबाई होल्कर के प्रति अपनी कृतज्ञता भी अवश्य ज्ञापित करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण की दिशा में अनेक कार्य किए जा रहे हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम और लखपति दीदी का अभियान भी इसी कड़ी का हिस्सा है। यह महिला स्वावलम्बन के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से एक करोड़ महिलाएं प्रदेश भर में सशक्तिकरण की एक नई गाथा लिख रही हैं। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से बेटी के जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई और फिर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से बेटी की दहेज मुक्त शादी सम्पन्न हो सके, इस दृष्टि से सरकार स्वयं कन्यादान करने के कार्यक्रमों का हिस्सा बनती है। यह भी नारी सशक्तिकरण और स्वावलम्बन के ही उदाहरण है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ से लेकर खेलो इण्डिया, फिट इण्डिया मूवमेंट या नारी शक्ति वंदन अधिनियम जैसे कार्यक्रम महारानी अहिल्याबाई होल्कर के योगदान को आगे बढ़ाने के क्रम में चलाए जा रहे हैं। यह आत्मनिर्भर और विकसित भारत की आधारशिला भी हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सरकार ने यह तय किया है कि माता अहिल्याबाई होल्कर के त्रिशताब्दी वर्ष के अवसर पर जनपद गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, कानपुर, आगरा, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल का निर्माण किया जाएगा। अब महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। जब वर्ष 2017 में हमारी सरकार बनी थी, उस समय उत्तर प्रदेश पुलिस बल में महिलाओं की उपस्थिति मात्र 10,000 थी। मात्र 08 वर्षों में भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार उत्तर प्रदेश पुलिस बल में महिलाओं की उपस्थिति लगभग 40,000 करने में सफल हुई है। इनमें कांस्टेबल से लेकर ए0डी0जी0 स्तर तक की महिलाएं हैं। जब प्रयास किया गया तो उसके सार्थक परिणाम भी सामने आए। हमने उत्तर प्रदेश पुलिस बल में किसी भी भर्ती में 20 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए हैं। उत्तर प्रदेश में पहले 15 प्रतिशत महिलाएं कामकाजी थी, विगत 08 वर्षों में उनकी संख्या 35 प्रतिशत से अधिक हुई है। मिशन शक्ति अभियान भी इसी श्रृंखला का एक हिस्सा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि धर्म पर आधारित कोई भी व्यवस्था न्याय, आत्मनिर्भरता तथा सशक्तिकरण का माध्यम बने, देवी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा यह भाव अपनी शासन व्यवस्था को चलाते समय रखा गया था। यही भाव आज भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार की कार्यपद्धति में देखा जा सकता है। इस कार्यशाला का उद्देश्य भी इसी भाव को आगे बढ़ाना है। आज भारत अपनी पहचान के लिए मोहताज नहीं है। यह नया भारत है। नया भारत अपने सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा करना जानता है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने दुश्मन को जिस प्रकार से जवाब दिया है, दुनिया ने भारत की इस ताकत का लोहा माना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमें एक व्यापक जनसम्पर्क का अभियान चलाना चाहिए। छोटी-छोटी गोष्ठियां आयोजित की जानी चाहिए। महापुरुषों के स्मृति दिवस के आयोजनों से जुड़ना चाहिए। यह माता अहिल्याबाई होल्कर का 300वां जन्म शताब्दी वर्ष है। 31 मई, 2025 को माता अहिल्याबाई होल्कर का 300 जयंती का कार्यक्रम होगा। 21 से 31 मई, 2025 तक विभिन्न जन संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से हमें माता अहिल्याबाई का पुण्य स्मरण करना है। इनके माध्यम से केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे कार्यों को रेखांकित किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में 12 करोड़ शौचालय बने हैं। 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन की सुविधा का लाभ दिया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से 50 करोड़ लोगों को देश में स्वास्थ्य सुविधा का कवर मिला है। 12 करोड़ परिवारों को उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत रसोई गैस के निःशुल्क कनेक्शन दिए गए हैं। यह सभी कार्य महिला सशक्तिकरण के उदाहरण है। यह श्रृंखला यहीं पर नहीं रुकी है। प्रधानमंत्री जी ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के माध्यम से विधान सभाओं से लेकर लोक सभा में महिलाओं की 33 फीसदी उपस्थिति की गारण्टी दी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आधी आबादी आज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। ग्राम प्रधान हो या सांसद, फाइटर विमान की चालक हो या पुलिस बल, अर्धसैनिक बल की अधिकारी या जवान के रूप में कार्य करती हो, एक प्रशासनिक व्यवस्था के साथ जुड़ी हो या सार्वजनिक जीवन में कार्य करने वाली हो, किसी स्वयं सहायता समूह के माध्यम से अपनी सेवाएं समाज को प्रदान करने वाली हो या एक सामान्य नागरिक के रूप में अपना जीवन यापन करने वाली हो, इन सभी महिलाआें का समाज के निर्माण में अपना-अपना योगदान है। भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बारे में इन्हें अवगत कराया जाना चाहिए। यह देवी अहिल्याबाई होल्कर के प्रति हमारी विनम्र श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी, उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, कार्यक्रम की राष्ट्रीय सह संयोजक एवं सांसद श्रीमती कविता पाटीदार, भारतीय जनता पार्टी के संगठन महामंत्री श्री धर्मपाल, प्रदेश महामंत्री तथा कार्यक्रम के प्रदेश संयोजक श्री संजय राय, महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष तथा कार्यक्रम की प्रदेश की सह संयोजक श्रीमती गीता शाक्य सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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