‘सर्वधर्म समभाव’, ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ एवं 

‘जय जगत’ का संदेश देगी सी.एम.एस. झाँकी

लखनऊ, 24 जनवरी। ‘परमपिता है एक, विश्व परिवार हमारा है’ की भावना से लबरेज सिटी मोन्टेसरी स्कूल की अनूठी झाँकी गणतन्त्र दिवस परेड में जनमानस को ‘सर्वधर्म समभाव’, ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ एवं ‘जय जगत’ का संदेश देगी। चारबाग में रवीन्द्रालय स्थित झाँकी स्थल पर आज आयोजित एक प्रेस वार्ता में यह झाँकी पत्रकारों को दिखाई गई। इस अवसर पर झाँकी के विभिन्न पहलुओं से पत्रकारों को अवगत कराते हुए सी.एम.एस. प्रबन्धक प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने बताया कि यह झाँकी समाज में खुशहाली व समृद्धि का संदेश प्रसारित कर रही है एवं एकता, शान्ति, सद्भाव व सौहार्द पर आधारित विश्व व्यवस्था की प्रेरणा दे रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि गणतन्त्र दिवस परेड में सी.एम.एस. की यह झाँकी जनमानस के विशेष आकर्षण का केन्द्र होगी।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रो. किंगडन ने कहा कि सी.एम.एस. की यह झाँकी मात्र प्रदर्शन भर के लिए नहीं है अपितु इसके पीछे एक उद्देश्य है कि धार्मिक एकता व सामाजिक एकता मानवता के विकास की धुरी है। ऐसे में, सी.एम.एस. की यह झाँकी प्रेम, प्यार, सहयोग, सौहार्द व भाईचारा से ओतप्रोत विश्व व्यवस्था का आह्वान करती है और इस धरती पर आध्यात्मिक सभ्यता की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करती है। प्रो. किंगडन ने कहा कि यह अनूठी झाँकी संदेश दे रही है कि हम सब एक ही परमपिता परमात्मा की संतान है और हमें अपने देश की महान सभ्यता, संस्कृति एवं ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना के अनुरूप विश्व समाज को सुन्दर एवं सुरक्षित बनाने का प्रयत्न करना चाहिए।

झाँकी की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए प्रो. किंगडन ने बताया कि सी.एम.एस. की झाँकी चार भागों में हैं और सभी भाग अनूठे ढंग से ‘विश्व एक परिवार’ का संदेश दे रहे हैं। प्रथम भाग में एक ग्लोब के ऊपर प्रभु श्री राम, महात्मा बुद्ध, ईसा मसीह, मोहम्मद साहब, गुरू नानक देव एवं बहाउल्लाह आदि विभिन्न धर्मावतारों को प्रदर्शित करते हुए संदेश दिया गया है कि सभी धर्मों का स्रोत एक ही परमपिता परमात्मा है। झाँकी के द्वितीय भाग मंे अनेकता में एकता प्रदर्शित करते हुए एक ही छत के नीचे मन्दिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरूद्वारा, बौद्ध विहार, बहाई मन्दिर आदि विभिन्न पूजा स्थल दिखाये गये हैं। झाँकी के तृतीय भाग में एक विद्यालय को प्रदर्शित किया गया है, जो भावी पीढ़ी को उच्च जीवन मूल्यों के साथ आदर्श विश्व नागरिक बनाकर सामाजिक विकास में अहम भूमिका निभा रहा है। झाँकी के अंतिम भाग में एक बच्चे को ग्लोब उठाये हुए ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश देते हुए दिखाया गया है। यह भाग संदेश दे रहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य-4 (एस.डी.जी.-4) के अनुसार छात्रों को विश्व नागरिकता की शिक्षा अनिवार्य रूप से दी जानी चाहिए।


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