मुख्यमंत्री जनपद प्रतापगढ़ में श्रीमद्भागवत कथा में सम्मिलित हुये

श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान व वैराग्य की कथा: मुख्यमंत्री

सनातन धर्म सशक्त है, तो विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है, सभी
को भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए

लोग मोक्ष का अर्थ मुक्ति से मानते हैं, लेकिन इसका महत्व उससे
विराट है, बालक, युवा, गृहस्थ, साधक एवं बुजुर्ग की प्रकृति के अनुरूप
 उनके कार्य क्षेत्र में सफलता का मार्ग प्रशस्त हो सके, वहीं मोक्ष है

पांच हजार वर्ष पहले श्रीमद्भागवत कथा सुनने का सौभाग्य शुकतीर्थ
में राजा परीक्षित को हुआ था, यह सिलसिला अनवरत चला आ रहा

शुकतीर्थ के पुनरोद्धार का मौका हमारी सरकार को मिला, शुकतीर्थ से
माँ गंगा की धारा कई किमी0 दूर जा चुकी थी, लेकिन उस समय शुकतीर्थ
में माँ गंगा की धारा को वहां दोबारा लाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ

लखनऊ: 07 नवम्बर, 2024: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज जनपद प्रतापगढ़ के ग्राम करमाही में उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य व पूर्व मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह के यहां आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में सम्मिलित हुये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कथाव्यास जगद्गुरु स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज को अंगवस्त्र व माला भेंटकर उनका सम्मान किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सनातन धर्म सशक्त है, तो विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। सभी को भारतीय संस्कृति व सनातन धर्म पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान व वैराग्य की कथा है। श्रीमद्भागवत पुराण को मोक्ष ग्रंथ भी माना गया है। लोग मोक्ष का अर्थ मुक्ति से मानते हैं, लेकिन उससे विराट इसका महत्व है। बालक, युवा, गृहस्थ, साधक एवं बुजुर्ग की प्रकृति के अनुरूप उनके कार्य क्षेत्र में सफलता का मार्ग प्रशस्त हो सके, वहीं मोक्ष है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा भगवान की पावन कथा है। पांच हजार वर्ष पहले कथा को सुनने का सौभाग्य शुकतीर्थ में राजा परीक्षित को हुआ था। पांच हजार वर्षों से यह सिलसिला अनवरत चला आ रहा है। कथा कोटि-कोटि लोगों की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। कथाव्यास हमेशा धर्म की जय बोलते हैं। उसके साथ ही विश्व कल्याण, प्राणियों में सद्भावना की बात करते हैं। लोग कथा के मूल तत्वों को समझकर जन-जन तक पहुंचाएं। जब इंसान जन्म लेता है, तो साथ में कुछ ऋण भी लेकर पैदा होता है। सभी ऋणों से मुक्ति का माध्यम यह भागवत कथा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि करमाही में कार्तिक मास में लोगों को श्रीमद्भागवत महापुराण की पावन कथा श्रवण करने का आनन्द प्राप्त हो रहा है। यह सौभाग्य की बात है। यहां के सुरम्य स्थल पर ऐसा लग रहा है, जैसे यहां शुकतीर्थ स्थापित कर दिया हो। अयोध्याधाम से पधारे जगद्गुरु स्वामी श्री राघवाचार्य जी अपनी विद्वता से श्रीमद्भागवत कथा को वर्तमान में समाज की समसामायिक समस्याओं के समाधान का एक माध्यम बनाकर कथा की वास्तविकता को प्रमाणित करते हैं। हमारा सौभाग्य है कि शुकतीर्थ के पुनरोद्धार का मौका हमारी सरकार को मिला। शुकतीर्थ से माँ गंगा की धारा कई किमी0 दूर जा चुकी थी, लेकिन हमें शुकतीर्थ में माँ गंगा की धारा को वहां दोबारा लाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रतापगढ़वासी अपनी सहजता व सरलता के कारण जहां कहीं भी गये, उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है। सभी लोग देश और दुनिया में इसी तरह जाकर अपनी पहचान बनायें। प्रदेश के हित के लिये प्रतापगढ़ के विकास की आवश्यकता है। पूरे प्रदेश में जनपद प्रतापगढ़ की पहचान अमृतफल आंवले से जानी जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने डाॅ0 महेन्द्र सिंह व उनके परिवार के सभी सदस्यों को धन्यवाद दिया कि इतने पावन मास और सुरम्य स्थल में कथा का जो आयोजन किया गया, ऐसे लगता है कि यहां पर श्रीकृष्णतीर्थ स्थापित हो गया है।
कथाव्यास जगद्गुरु स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज ने मुख्यमंत्री जी के कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने एवं समस्त तीर्थस्थलों को सुन्दर एवं विकसित करने का कार्य जो हुआ है, वह बहुत ही सराहनीय है। अयोध्या नगरी को संवारने के कारण अयोध्या की विश्व में ख्याति हुई है और इस कारण पूरी दुनिया के लोग अयोध्या नगरी पहुंच रहे हैं।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल और उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री जी को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण व शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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