प्रदेश को वर्ष 2027 तक मलेरिया मुक्त करेगी योगी सरकार

 

- योगी सरकार प्रदेश के हर मरीज के इलाज और जांच पर दे रही जोर

 

- सीएम योगी के निर्देश पर मलेरिया मामलों की रिपोर्टिंग और पूर्ण उपचार सुनिश्चित करने पर दिया जा रहा विशेष ध्यान

 

- राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जून को मलेरियारोधी माह के तौर पर मनाया जा रहा है

 

लखनऊ, 20 जूनयोगी सरकार वर्ष 2027 तक प्रदेश को मलेरिया मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में योगी सरकार मलेरिया के हर केस की जांच व हर मरीज के पूर्ण इलाज पर जोर दे रही है। सीएम योगी की मंशा के अनुरुप राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जून को मलेरियारोधी माह के तौर पर मनाया जा रहा है। बता दें कि प्रदेश में इस साल अब तक 771 मलेरिया के मरीज मिले हैं। 

 

केस रिपोर्टिंग और प्रबंधन पर दिया जा रहा जोर

मलेरिया उन्मूलन की दिशा में आ रही चुनौतियों को दूर करने के लिए भारत ने देश के विभिन्न हिस्सों में बेहतर केस रिपोर्टिंग और प्रबंधन पर ज़ोर दिया है। वेक्टर नियंत्रण प्रक्रिया मे तेजी लाते हुए निरंतर महामारी विज्ञान और कीट विज्ञान निगरानी को बढ़ाया है। साथ ही सामुदायिक भागीदारी, प्रशिक्षण और क्षमता विकास पर बल दिया है। साथ ही क्षेत्रीय रणनीति तैयार कर उन्मूलन के लिए प्रतिबद्धता दर्शायी है। राज्य मलेरिया अधिकारी डाॅ. विकास सिंघल ने बताया कि मलेरिया मामलों की रिपोर्टिंग और पूर्ण उपचार सुनिश्चित करने पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। वास्तव में यह सुनिश्चित करने के लिए हर मामले की जांच और पूरा इलाज किया जाता है। सभी जिला मलेरिया अधिकारियों, संबंधित कर्मचारियों और प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया गया है और सभी जिलों मे मलेरिया की जांच के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट उपलब्ध कराई गई है। इस क्रम में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा अधिक से अधिक सर्वेक्षण कर बुखार पीड़ितों की मलेरिया की जांच की जा रही है। समुदाय में लोगों को मलेरिया से बचाव एवं लक्षणों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

 

मच्छर नियंत्रण के लिए की जा रही फॉगिंग 

राज्य मलेरिया अधिकारी ने बताया कि जून के आखिरी सप्ताह में मानसून आने की उम्मीद है। इस दौरान मच्छरजनित बीमारियां भी पनपती हैं। इनसे बचाव की व्यापक तैयारियों के मद्देनजर जून को मलेरिया माह के रूप मनाया जाता है। इसको लेकर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। मलेरिया मच्छरजनित बीमारी है, जो मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होती है। इसके परजीवी के शरीर में प्रवेश करने के बाद 14 से 21 दिन के अंदर बुखार आता है। इससे बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि इसके लक्षणों को पहचान कर इसका समय से इलाज किया जाए। इसका पूर्ण इलाज और रोकथाम किया जा सकता है। लखनऊ की जिला मलेरिया अधिकारी डाॅ. रितु श्रीवास्तव ने बताया कि मच्छर नियत्रंण के लिए इंसेक्टिसाइड का छिड़काव और फॉगिंग की जा रही है। समुदाय को जागरूक करने के लिए गोष्ठियां की जा रही हैं। शहरी क्षेत्र में इन्सेक्ट कलेक्टर द्वारा उन क्षेत्रों की पहचान की जा रही है, जहां मच्छरों का घनत्व अधिक है और वहां पर प्राॅयरिटी के आधार पर इंसेक्टिसाइड का छिड़काव और फॉगिंग की जा रही है। शहरी क्षेत्र में यह काम नगर निगम तथा ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत द्वारा किया जा रहा है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा डेंगू, मलेरिया से बचाव एवं लक्षणों के बारे में समुदाय को बताया जा रहा है एवं बुखार पीड़ितों की रैपिड डायग्नोस्टिक किट के द्वारा मलेरिया की जांच की जा रही है।

 

 

यह हैं मलेरिया के लक्षण

-        सर्दी व कंपन के साथ बुखार आना

-        तेज सिर दर्द, बुखार उतरने के समय अधिक पसीना आना

-        थकान, चक्कर आना, कमजोरी बढ़ना

-        उल्टी आना

-        थोड़ी-थोड़ी देर में प्यास का लगना, हाथ व पैर में ऐंठन होना

 

ऐसे करें खुद का बचाव

 

-        घर व आसपास कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें

-        गमलों, छत पर पड़े पुराने टायर, प्रयोग में न आने वाली सामाग्री में पानी को एकत्र न होने दें

-        कूलर का पानी जल्दी-जल्दी बदलते रहें, समय-समय पर मिट्टी का तेल डालते रहें

-        सोते समय मच्छरदानी, मच्छररोधी क्वायल का प्रयोग करें

-        पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें जिससे शरीर के अधिक से अधिक हिस्से को ढककर रखा जाए और मच्छरों से बचाव किया जाए

-        गर्भवती इनसेक्टीसाइड ट्रीटेड मच्छरदानी (आईटीएन) में सोएं

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नोएडा एयरपोर्ट के पास आम लोगों को मिलेंगे सस्ते घर

 

यमुना सिटी में 6000 सस्ते प्लॉट्स की योजना प्रस्तावित, यीडा जल्द कर सकता है घोषणा

 

योजना के तहत केवल 7.77 लाख रुपए में जेवर एयरपोर्ट के पास मिल सकेगा अपना प्लॉट

 

सस्ते घर की प्रस्तावित योजना के अंतर्गत 30 वर्ग मीटर के प्लॉट लोगों को कराए जाएंगे उपलब्ध

 

दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, आगरा, मथुरा, अलीगढ़ और फरीदाबाद से सीधे कनेक्ट होता है ये क्षेत्र

 

लखनऊ/नोएडा, 20 जून। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास अपने मकान का सपना देखने वाले प्रदेश के लोगों के लिए यह हकीकत बन सकता है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास जल्द ही एक प्लॉट स्कीम लाने जा रहा है, जिसमें करीब 6 हजार प्लॉट्स को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। उल्लेखनीय है कि यीडा क्षेत्र में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकासकर्ता के चयन के बाद प्राधिकरण क्षेत्र में स्थित विभिन्न संपत्तियों के आवंटन के लिए जन सामान्य ने रुचि दिखाई है। प्राधिकरण की विगत आवासीय भूखंड योजना में लगभग 1.50 लाख से अधिक आवेदकों द्वारा भूखंड आवंटन के लिए आवेदन किया गया था। इसके बाद से ही प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत आर्थिक रूप से दुर्बल एवं निम्न आय वर्ग के लिए छोटे आकार के भूखंडों का नियोजन और आवंटन किए जाने की आवश्यकता जताई जा रही है।

 

30 वर्ग मीटर का हो सकता है भूखंड

यीडा के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण तेजी से इस योजना की तैयारी कर रहा है। प्राधिकरण के द्वारा सेक्टर 16, 17, 18, 2022डी में 60 वर्ग मीटर से 4000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक के लगभग 28900 भूखंडों का आवंटन किया गया है, जिसमें इनफॉर्मल सेक्टर के लिए चिह्नित भूमि पर 30 वर्ग मीटर के भूखंडों की योजना लाई जानी प्रस्तावित है। प्राधिकरण की ओर से कोशिश की जा रही है कि छोटे प्लॉट्स आम आदमी की पहुंच में हों। 30 वर्ग मीटर के एक भूखंड का कुल प्रीमियम वर्तमान आवंटन दर पर 25,900 रुपए प्रति वर्ग मीटर के अनुसार 7 लाख 77 हजार रुपए होगा। यमुना एक्सप्रेसवे दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, आगरा, मथुरा, अलीगढ़ के बीच स्थित है। यह फरीदाबाद से भी कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इसलिए यह स्कीम बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

 

यीडा क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्मियों को मिलेगा आरक्षण

इस योजना में आरक्षण का भी प्राविधान किया जाना प्रस्तावित है। इसमें सर्वाधिक 25 प्रतिशत आरक्षण उन वर्कर्स को दिया जाएगा जो यीडा द्वारा आवंटित कार्यरत औद्योगिक इकाइयों में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही 5 प्रतिशत आरक्षण यीडा द्वारा आवंटित कार्यरत संस्थानों के कर्मचारियों को प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 5 प्रतिशत एक्स सर्विस मैन को, 5 प्रतिशत वॉर विडो, 5 प्रतिशत एससी-एसटी को, 4 प्रतिशत दिव्यांगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। शेष 51 प्रतिशत जनरल आवेदकों को भूखंड आवंटित किया जाएगा।

 

योग्य आवेदक ही कर सकेंगे आवेदन

आवेदक को भारत का नागरिक होना चाहिए। उसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। एक व्यक्ति एक ही आवेदन कर सकेगा। किसी भी स्कीम में प्लॉट या फ्लैट पाने वालों के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदक की आय तीन लाख रुपए से प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आय प्रमाणपत्र भी आवेदन के साथ अटैच होना चाहिए। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा निवास प्रमाण पत्र भी होना चाहिए। इसके साथ ही योजना के तहत सभी सफल आवेदकों और आवंटी 10 वर्ष तक आवंटित प्लॉट को ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त आवंटन के 60 दिनों के अंदर आवेदकों को रजिस्ट्रेशन फीस समेत टोटल प्रीमियम की 30 प्रतिशत राशि और जीएसटी (यदि देय हो तो) जमा करानी होगी। शेष 70 प्रतिशत राशि दस समान किस्तों में 10 प्रतिशत ब्याज पर चुकानी होगी।

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चुनाव खत्म होते ही ढेर होने लगे अपराधी

 

- सीएम योगी के जीरो टॉलरेंस नीति को अमलीजामा पहनाने में फिर से जुटी यूपी पुलिस

 

- चुनाव बाद यूपी पुलिस का अपराधियों के खिलाफ अभियान हुआ तेज

 

- यूपी पुलिस : इलेक्शन संपन्न, एक्शन शुरू

 

- बैकफुट पर माफिया, 15 दिन में 9 पर कसा शिकंजा, एनकाउंटर में दो ढेर, 96 घायल

 

- प्रशांत सिंह 'प्रिंस' और निलेश राय जैसे दुर्दांत हुए ढेर, माफिया विजय मिश्र को हुई सजा

 

- मेरठ का माफिया विनय त्यागी और कानपुर का पप्पू स्मार्ट पुलिस शिकंजे में

 

- सिपाही गैंग पर कसा शिकंजा, तो मूंछ गिरोह की साढ़े चार करोड़ की संपत्ति हुई कुर्क

 

लखनऊ, 20 जून। यूपी में निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव के साथ ही विभिन्न पर्व-त्योहारों को सकुशल संपन्न कराने वाली यूपी पुलिस का इकबाल एक बार फिर बुलंदी पर है। अपराध और आपराधियों के विरुद्ध मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस की नीति को अमलीजामा पहनाने में जुटी यूपी पुलिस की निगाहें अपराधियों के खिलाफ दोबारा टेढ़ी हो चुकी हैं। बीते 15 दिनों की रिपोर्ट पर नजर डालें तो बदमाशों के खिलाफ चली 79 ताबड़तोड़ कार्रवाई से अपराधियों के पांव एक बार फिर उखड़ने शुरू हो गये हैं। 4 जून से 19 जून के बीच हुए इन मुठभेड़ों में दो दुर्दांत बदमाशों को ढेर किया जा चुका है, जबकि 96 अपराधी घायल हुए हैं। एनकाउंटर के दौरान अबतक 139 बदमाशों को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है। हालांकि इन मुठभेड़ों के दौरान सात पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

 

माफिया विजय मिश्रा को हुई सजा

प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार के अनुसार राज्य स्तर के चिह्नित 68 माफिया गैंग के सदस्य और सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। अबतक विभिन्न माफिया गिरोह के 9 सदस्यों के खिलाफ विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई की गई है। इनमें से तीन की गिरफ्तारी की जा चुकी है, जबकि 1 के खिलाफ गैंगेस्टर और 2 के खिलाफ गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इसके अलावा भदोही के माफिया विजय मिश्रा के खिलाफ विचाराधीन अभियोग में न्यायालय में सघन पैरवी करते हुए बीते 13 जून को उसे सजा दिलाई जा चुकी है। वहीं मुजफ्फरनगर का 50 हजार का फरार इनामिया माफिया विनय त्यागी उर्फ टिंकू को गिरफ्तार करने में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है।

 

पप्पू स्मार्ट अरेस्ट, प्रशांत और निलेश ढेर

उन्होंने बताया कि कानपुर के सऊद अख्तर गैंग का शातिर अपराधी आसिफ उर्फ पप्पू स्मार्ट पर भी 25 हजार का इनाम घोषित था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यही नहीं अंबेडकरन नगर के अजय सिंह उर्फ सिपाही गैंग के सक्रिय सदस्य उत्कर्ष सिंह को भी एसटीएफ ने दबोच लिया है। उत्कर्ष पर भी 25 हजार का इनाम घोषित था। इसके साथ ही मुजफ्फरनगर के कुख्यात माफिया सुशील उर्फ मूंछ की 4.4570 हेक्टेयर जमीन को कुर्क किया गया है, जिसकी कीमत साढ़े चार करोड़ रुपए आंकी गई है। वहीं पुलिस मुठभेड़ में जौनपुर के कुख्यात प्रशांत सिंह उर्फ प्रिंस और मुजफ्फरनगर के दुर्दांत निलेश राय को ढेर किया जा चुका है।

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दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना में 2.35 लाख से ज्यादा युवा हुए प्रशिक्षित, 1.25 लाख को मिला रोजगार

 

ग्रामीण युवाओं का भविष्य सुधारने के लिए यूपी में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का सफलपूर्वक किया जा रहा संचालन

 

योगी सरकार योजना के तहत ग्रामीण युवाओं की क्षमता को पहचानकर उन्हें उनकी रुचि के आधार पर रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रही

 

बीपीएल सूची में शामिल परिवारों के 15-35 आयुवर्ग के सदस्यों, 15-45 वर्ष की महिलाओं, मनरेगा श्रमिकों, बेरोजगारों, अल्प शिक्षित या स्कूल ड्रॉपआउट को लक्षित कर रही योजना

 

लखनऊ, 20 जून। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत  योगी सरकार ग्रामीण युवाओं की क्षमता को पहचानकर उन्हें उनकी रुचि के आधार पर रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। इस योजना के तहत अब तक 2,35,334 ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है और 1,25,822 युवाओं को सेवायोजित किया गया है। यह योजना विशेष रूप से बीपीएल सूची में शामिल परिवारों के 15-35 आयुवर्ग के सदस्यों (महिलाओं के लिए 15-45 वर्ष), मनरेगा के श्रमिकों, बेरोजगारों, अल्प शिक्षित अथवा स्कूल ड्रॉपआउट को लक्ष्य बनाती है। उल्लेखनीय है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के 98वें जन्मदिवस के अवसर पर भारत सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना का उद्देश्य गरीब ग्रामीण युवाओं को नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ना है। उत्तर प्रदेश में यह योजना उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा संचालित की जा रही है।

 

युवाओं को प्रदान किया जा रहा विभिन्न रोजगारपरक कोर्सेज में प्रशिक्षण

प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि इस योजना के तहत, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन ग्रामीण युवाओं की क्षमता को पहचानकर उन्हें उनकी रुचि के आधार पर रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है। युवाओं को आधुनिक कक्षाओं और लैब में प्रशिक्षण के साथ-साथ नि:शुल्क आवास, भोजन, प्रशिक्षण सामग्री, यूनिफॉर्म आदि की सुविधा भी प्रदान की जा रही है। विभिन्न विषयों जैसे अपैरल, ऑटोमोटिव, ब्यूटी एंड वेलनेस, कैपिटल गुड्स, कंस्ट्रक्शन, डॉमेस्टिक वर्क्स, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, फूड प्रॉसेसिंग, ग्रीन जॉब्स, लेदर, आईटी-आईटीईएस, लॉजिस्टिक्स, पावर, रिटेल, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, टेलीकॉम, टेक्सटाइल, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी आदि के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल्स भी सिखाई जा रही हैं।

 

विकसित गांव, विकसित प्रदेश का सपना हो रहा साकार

इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें अपने हुनर से स्वाबलंबी बनाकर विकास के कीर्तिमान स्थापित करने में सक्षम बनाना है। दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के माध्यम से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले युवाओं को कौशल से जोड़कर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से कौशल से सशक्त बन रहे युवा बेहतर कल का निर्माण कर रहे हैं, जिससे विकसित गांव और विकसित प्रदेश का सपना साकार हो रहा है।

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माता विंध्यवासिनी देवी से जुड़ीं कथाओं को शोकेस करेगी योगी सरकार, आर्ट गैलरी बनेगी माध्यम

 

-मीरजापुर में 3.43 करोड़ रुपए की लागत से कराया जाएगा निर्माण, कार्ययोजना को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया शुरू

 

-यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है आर्ट गैलरी के निर्माण का जिम्मा, माता विंध्यवासिनी तीर्थ क्षेत्र में ही होगा निर्माण

 

-वर्षा अवधि के अतिरिक्त 6 महीने में आर्ट गैलरी के निर्माण को किया जाएगा पूर्ण, कार्यों की पूर्ति के लिए स्पेशलाइज्ड एजेंसियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू

 

लखनऊ/ मीरजापुर, 20 जून। उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक चेतना के केंद्रों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने श्री काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या के कायाकल्प के बाद मीरजापुर में माता विंध्यवासिनी देवी के धाम को भी नव्य-भव्य रूप देने की शुरुआत कर दी है। यहां आने वाले भक्तों को अब माता विंध्यवासिनी की लीलाओं से जुड़ी कथाओं और तीर्थ के माहत्म को दर्शाने वाली विभिन्न कलाकृतियों को आर्ट गैलरी के माध्यम से शोकेस किया जाएगा। आर्ट गैलरी के निर्माण ये यहां आने वाले पर्यटकों को आस्था, कला और संस्कृति का अनुपम संगम देखने को मिलेगा। उल्लेखनीय है कि भगवती विंध्यवासिनी आद्या महाशक्ति हैं तथा विन्ध्याचल सदा से उनका निवास-स्थान रहा है। यही कारण है कि विंध्यगिरि को एक जागृत शक्तिपीठ माना जाता है और न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश-दुनिया से भक्त माता विंध्यवासिनी के चरणों में निरंतर शीश नवाने आते हैं।

 

पर्यटन विकास का माध्यम बनेगी आर्ट गैलरी

विंध्य कॉरिडोर योजना के अंतर्गत मां विंध्यवासिनी माता मंदिर के अंतर्गत परिक्रमा पथ समेत विभिन्न प्रकार के निर्माण व विकास कार्यों को गति दी जा रही है। इसी क्रम में, आर्ट गैलरी के निर्माण के जरिए विंध्य क्षेत्र के पर्यटन विकास की प्रक्रिया को और बल मिलेगा। गौरतलब है कि सीएम योगी की मंशा अनुरूप मीरजापुर व विंध्य क्षेत्र के समेकित विकास का जो खाका खींचा गया था उसे क्रियान्वित करते हुए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। यही कारण है कि आर्ट गैलरी के निर्माण कार्य को गति देने की प्रक्रिया भी तेज हुई है।

 

यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है जिम्मा

आर्ट गैलरी के निर्माण का जिम्मा यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) को सौंपा गया है। यूपीपीसीएल द्वारा कार्यों की पूर्ति के लिए स्पेशेलाइज्ड एजेंसियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ई-निविदा माध्यम के जरिए संबंधित एजेंसियों की नियुक्ति के लिए यूपीपीसीएल ने आवेदन मांगे हैं। गौरतलब है कि आर्ट गैलरी से संबंधित सभी निर्माण कार्यों को 3.43 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा। कार्यावंटन के बाद नियुक्त एजेंसियों को वर्षा अवधि के अतिरिक्त 6 माह में सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण किया जाएगा।

 

विभिन्न प्रकार के कार्यों को दी जा रही गति

विंध्य कॉरिडोर योजना के अंतर्गत मां विंध्यवासिनी माता मंदिर के अंतर्गत परिक्रमा पथ परकोटा (ए ब्लॉक से लेकर एच ब्लॉक तक) बनाया जा रहा है। परकोटों के छत पर ए ब्लॉक से लेकर एच ब्लॉक तक कुल आठ केंद्र बिंदु हैं। 16 स्थानों पर मंदिर का अलग-अलग गुम्बद नुमा डिजाइन पत्थरों से बनाया जा रहा है। यहां देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी जो मां विंध्यवासिनी मंदिर की छत से इसकी भव्यता एवं दिव्यता प्रदर्शित करेगी। इसके अतिरिक्त, गलियों का चौड़ीकरण करने के पश्चात सड़क के बीच डिवाइडर का भी निर्माण कार्य चल रहा है। डिवाइडर को तरह-तरह के रंग बिरंगे पौधे, आर्क लैंप्स और रोशनी सज्जा युक्त किया जाएगा।

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माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर जनता दर्शन के दौरान लोगों की समस्याओं को सुनते और उनके निस्तारण का आदेश देते हुए

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