भ्रमित ना हो श्री महाशिवरात्रि व्रत पर्व हमेशा की तरह इस बार भी 8 तारीख को प्रदोष बेला महाशिवरात्रि रात्रि अभिषेक रात्रि पूजन बेला है तथा शिव चतुर्दशी जैसे भोला चौदस के नाम से भी ब्रज में जाना जाता है 9 मार्च को है दिन शनिवार और शिव खप्पर पूजा अमावस्या देवपित्रकार अमावस्या 10 मार्च रविवार को है।।


इसमें विचारणीय विषय यह है कि........

8 तारीख दिन शुक्रवार महाशिवरात्रि व्रत पर्व रात्रि बेला में चार प्रहर की पूजा की जाती है जिसमें रात्रि को करीब 10:00 बजे भद्रा प्रवेश कर जाएंगे और अगले दिन 9 तारीख को सुबह 8:10 तक भद्रा रहेंगे इसलिए भगवान शिव को जल चढ़ाने का जो मुहूर्त है वह रात्रि कल में 10:00 बजे से पहले ही शुरू कर देना चाहिए बाकी  दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है करीब 7:00 बजे से 10:40 तक दिन में 8 तारीख को ही पंचक भी लग जाएगी तो यहां भ्रम की स्थिति यह बनती है कि हमें व्रत 8 तारीख में रहना चाहिए या 9 तारीख में रहना चाहिए देखिए जिन लोगों को रात्रि काल में भगवान शिव का अभिषेक अर्चन करना है 4 प्रहर की पूजा करनी है उन्हें व्रत 8 तारीख में रहना चाहिए और जो लोग माताएंजेहर चढ़ाते हैं भगवान शिव को कलश चढ़ाते हैं ध्वज चढ़ाते हैं नारियल फूल फल आदि चढ़ाते भोला चौदस का व्रत रहते हैं वह 9 तारीख को व्रत दिन में रहे इस तरह से भगवान शिव की पूजा मानी जाएगी ।।

आचार्य पंडित बनवारी लाल गौड़।।

 गोधूलीपुरम छात्रावास वृंदावन ।।

9410 444 324,,

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