मुख्यमंत्री ने एम्स गोरखपुर में ब्लड सेण्टर
एवं डायलिसिस सेण्टर का उद्घाटन किया

ब्लड सेण्टर स्वास्थ्य संस्थानों की आत्मा : मुख्यमंत्री

डायलिसिस सेण्टर का संचालन हो जाने से पूर्वान्चल के
किडनी रोगियों को अब डायलिसिस के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा

प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत में आयुष्मान कार्ड की जो सुविधा दी गयी,
वह विश्व में किसी देश में नहीं, इसका लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति को मिलना चाहिए

तकनीक का उपयोग आज की आवश्यकता के
अनुरूप करते हैं, तो बहुत से लोगों की जान बचा सकते

एम्स और बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज में सुविधाओं में
वृद्धि तथा गुणवत्ता को लेकर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए
 
गोरखपुर एम्स पिछले तीन वर्षों से अपने पाठ्यक्रम
संचालित कर रहा, साथ ही, स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करा रहा

गोरखपुर एम्स को भी टीम वर्क के माध्यम से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अपने आप को तैयार करना चाहिए, एम्स के नाम के अनुरूप उसके कार्य भी दिखने चाहिए

फैकेल्टी मेम्बर को अपनी ओ0पी0डी0 सीमित नहीं रखनी चाहिए, जितने
भी मरीज आयें, उनका संवेदनशीलता के साथ बेहतर उपचार करना चाहिए  


लखनऊ : 02 मार्च, 2024

     उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), गोरखपुर में स्वास्थ्य सुविधाओं में वृद्धि हेतु ब्लड सेण्टर एवं डायलिसिस सेण्टर का उद्घाटन किया। उन्होंने ब्लड सेण्टर एवं डायलिसिस सेण्टर की स्थापना के लिए सभी को बधाई देते हुए कहा कि ब्लड सेण्टर स्वास्थ्य संस्थानों की आत्मा कही जाती है। वर्तमान समय में बिना ब्लड सेण्टर के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य व्यवस्था का संचालन अत्यंत चुनौती पूर्ण होता है। आज एम्स, गोरखपुर में ब्लड सेण्टर की व्यवस्था प्रारम्भ हो गयी। यहां लोगों की आवश्यकता की अन्य जरूरी चिकित्सा सुविधाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। डायलिसिस सेण्टर का संचालन हो जाने से पूर्वान्चल के किडनी रोगियों को अब डायलिसिस के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज में इंसेफ्लाइटिस से पीड़ित मरीजां के उपचार व्यवस्था को नजदीक से देखा था। आज से 20 से 25 वर्ष पहले गोरखपुर में 02 से 03 ब्लड सेण्टर थे। उस समय गोरखपुर में पर्याप्त आई0सी0यू0 नहीं थे। ब्लड सेण्टर की गुणवत्ता अच्छी नहीं थी। वर्ष 2007 में ब्लड सेण्टर की स्थापना गोरखनाथ मंदिर ट्रस्ट के द्वारा की गयी थी। इसके अलावा, वर्ष 2017 में पहली ब्लड सेपरेटर यूनिट गोरखनाथ मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित गोरखनाथ अस्पताल में उपलब्ध करायी गयी। गोरखपुर में इस सुविधा से भारत सरकार भी आश्चर्यचकित थी। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के अस्पताल द्वारा ही वर्ष 2014 में गोरखपुर में एबसेस की पहली यूनिट लगाई गयी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि हम तकनीक का उपयोग आज की आवश्यकता के अनुरूप करते हैं, तो बहुत से लोगों की जान बचा सकते हैं। आज एक व्यक्ति के एक यूनिट ब्लड से 04 लोग लाभान्वित हो सकते हैं। तकनीक के उपयोग के कारण अब किसी व्यक्ति को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है, तो उसके लिए पूरे ब्लड की आवश्यकता नहीं पड़ती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इंसेफ्लाइटिस से बचाव के लिए संसाधनों के अभाव के बावजूद बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरां ने बहुत परिश्रम किया था। इसका कोई भी उल्लेख आज नहीं होता है। इस पर कोई भी रिसर्च पेपर नहीं लिखे गये। आज बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है। पीडियाट्रिक विभाग में बच्चों का सभी सुविधाओं के साथ अच्छा इलाज किया जा रहा है। यहां एक सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक भी बनाया गया है। एम्स भी इन सुविधाओं से युक्त है। एम्स और बी0आर0डी0 मेडिकल कालेज में सुविधाओं में वृद्धि तथा गुणवत्ता को लेकर एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रतिस्पर्धा नकारात्मक नहीं होनी चाहिए, क्यांकि नकारात्मकता किसी को आगे नहीं बढ़ा सकती। सकारात्मकता व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। कोरोना महामारी के दौरान भी इसी सकारात्मकता के कारण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश ने कोरोना महामारी पर विजय पायी। स्वास्थ्य विभाग को नोडल बनाकर इस महामारी से निपटने का कार्य किया गया। इसके साथ, अन्य सभी विभागों ने मिलकर एक टीम के रूप में कार्य किया। सेनिटाइजेशन, खाद्य आपूर्ति, नागरिक आपूर्ति आदि के लिए सभी विभागों के समन्वय से इस महामारी पर विजय पाई गयी। इसी तरह से इंसेफ्लाइटिस जैसी बीमारी को भी नियंत्रित कर लिया गया। यह सब कार्य दृढ़ इच्छा शक्ति से ही सम्भव हो सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना पर नियन्त्रण का भारत का मॉडल पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण है। भारत ने विश्व में सबसे ज्यादा कोरोना टीकाकरण किया है। भारत की बनी कोरोना वैक्सीन दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावी रही है। महामारी की शुरुआत से अब तक 04 वर्षां से जरूरतमंदों को लगातार निःशुल्क राशन दिया जा रहा है। आगे भी 05 वर्ष तक सभी को निःशुल्क खाद्यान्न मिलता रहेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज भारत पूरी मजबूती के साथ सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। आर्थिक क्षेत्र में भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। अर्थव्यवस्था की गति को आगे बढ़ाते हुए व अपने नागरिकों की रक्षा करते हुए भारत ने पूरे विश्व में एक नया मॉडल प्रस्तुत किया है। यह कार्य प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में टीमवर्क के कारण ही हो पाया है। यदि ऐसा टीमवर्क स्वास्थ्य संस्थान भी करेंगे, तो इसके बेहतर परिणाम आयेंगे। टीमवर्क के साथ सकारात्मकता भी महत्वपूर्ण है। सभी को इसके साथ जुड़ना पड़ेगा और इस अभियान को आगे बढ़ाना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रथम एम्स की स्थापना के बाद कई दशक तक देश में कोई नया एम्स स्थापित नहीं हो पाया था। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने शासन काल में 06 नये एम्स स्थापित किये थे। प्रधानमंत्री जी ने बढ़ाकर आज इनकी संख्या 22 कर दी है। आज यह सभी एम्स कार्य कर रहे हैं। पिछले सप्ताह जनपद रायबरेली में भी एम्स का उद्घाटन हो गया है। गोरखपुर में यह एम्स पिछले तीन वर्षों से अपने पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। साथ ही, स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इलाज में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। सकारात्मकता के साथ कार्य करने के साथ ही, मरीजां के साथ संवेदनशीलता के साथ पेश होना चाहिए। यह सारे कार्य एम्स को लम्बी दूरी तक ले जायेंगे। इससे यहां के चिकित्सकों को देश व दुनिया में सफलतम चिकित्सक बनने का अवसर प्राप्त होगा। इन सब बातों पर पूरी तरह से ध्यान देना पड़ेगा। उत्तर प्रदेश में कोरोना को नियंत्रित करने की सफलता को सबने देखा है। प्रदेश की आबादी सर्वाधिक होने के बावजूद इस महामारी में देश के अन्य समृद्ध राज्यों की तुलना में उ0प्र0 में मृत्यु दर सबसे कम थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में कोरोना काल में जितनी भी कल्याणकारी योजनाएं चलाई गयीं, सभी राज्यों में उ0प्र0 ने सबसे प्रभावी ढंग से इन्हें लागू किया था। प्रदेश सरकार द्वारा भी अन्य तमाम कार्यक्रम चलाये गये। 40 लाख प्रवासी कामगारों को भी सफलतम तरीके से नियोजित किया गया। शासन का दृढ संकल्प था कि कोरोना के संक्रमण को फैलने नही देंगे। पी0पी0ई0 किट की कमी को पूरा करने के लिए इसे चीन जैसे देशों से मगाया गया। चीन के खराब पी0पी0ई0 किट के स्थान पर एम0एस0एम0ई0 विभाग द्वारा इसे बनाने का कार्य दिया गया। इससे जो पी0पी0ई0 किट 6 हजार में मिलता था वह 250 रूपये में प्राप्त हो गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रयास से ही सभी चीज संभव होती है। कोरोना की पहली लहर में उ0प्र0 के 36 जिलां में आई0सी0यू0 बेड नहीं थे। एक महीने के भीतर इन जनपदों में आई0सी0यू0 बेड उपलब्ध कराया गया था। इसके लिए वहां टेक्निशियन व फिजिशियन को प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया था। लखनऊ के एस0पी0जी0आई0 व के0जी0एम0यू0 से प्रदेश के सभी आई0सी0यू0 यूनिट को जोड़कर शासन द्वारा इसकी मानीटरिंग की जाती थी। जहां भी कोई समस्या होती थी, लखनऊ की टीम उनकी मदद करती थी। इसके लिए तीन स्टेट प्लेन व हेलिकॉप्टर हर समय उपलब्ध रहते थे। यह आपात स्थिति में टीम को वहां पहुंचाने का काम करते थे। टीम वर्क के माध्यम से ही कोरोना महामारी पर विजय प्राप्त किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि टीम वर्क के बेहतर परिणाम को देखने के बाद गोरखपुर एम्स को भी टीम वर्क के माध्यम से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अपने आप को तैयार करना चाहिए। एम्स के नाम के अनुरूप उसके कार्य भी दिखने चाहिए। यहां डायलिसिस की सुविधा जो स्थापित हो रही है, वह सुविधा सबको मिलनी चाहिए। प्रदेश में शासन द्वारा सभी जनपदों में डायलिसिस की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करवाई गयी है। कुछ अस्पतालों में इसे पी0पी0पी0 मोड में उपलब्ध करवाया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारा यह भी प्रयास होना चाहिए कि आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी सभी को प्राप्त हो। राज्य सरकार ने 05 करोड़ परिवारों को आयुष्मान भारत की सुविधा उपलब्ध करायी है। यह सुविधा आगे भी तेजी से बढ़ायी जाये। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत में आयुष्मान कार्ड की जो सुविधा दी गयी है, वह विश्व में किसी देश में नहीं है। इसका लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति को मिलना चाहिए। सभी डाक्टरों को इसे समझना चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने सभी फैकेल्टी मेम्बर से आग्रह किया कि उनको अपनी ओ0पी0डी0 सीमित नहीं रखनी चाहिए, बल्कि जितने भी मरीज आयें, उनका संवेदनशीलता के साथ बेहतर उपचार करना चाहिए।  
कार्यक्रम को सांसद श्री रवि किशन शुक्ल, एम्स, गोरखपुर के अध्यक्ष श्री देश दीपक वर्मा एवं कार्यकारी निदेशक प्रो0 डॉ0 कृष्ण गोपाल पाल ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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