राजकुमार गुप्ता 
मथुरा । अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण न होने तक पैरों में चरण पादुका न पहने का संकल्प लेने वाले सूर्यवंशी क्षत्रिय परिवारों ने वृन्दावन से भेजे गयी पनाही और पगड़ी धारण किये। प्रियाकान्तजु मंदिर संस्थापक देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने अयोध्या के क्षत्रीय परिवारों को पनाही, साफा, मिष्ठान और छत्र स्वरूप में छतरी भिजवायी थीं। अवध के क्षत्रीय समाज के प्रतिनिधियों ने ब्रज से आयी इस भेंट को धारण कर संकल्प पूर्णता पर हर्ष व्यक्त किया है ।  
गौरतलब है कि अयोध्या में सूर्यवंशी क्षत्रीय समाज ने श्रीराम मंदिर न बनने तक पैरों में चरण पादुका (पनाही) पहनने और सर पर साफा, पगड़ी न बांधने का प्रण लिया था । वर्षों से अयोध्या में कई क्षत्रीय परिवार नंगे पैर और बिना पगड़ी के रहकर इस प्रतिज्ञा को निभाते आ रहे थे । 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद इन क्षत्रीय परिवारों का संकल्प पूर्ण हुआ ।
ठा0 श्रीप्रियाकान्तजु मंदिर प्रबंधक रवि रावत ने बताया कि प्रियाकान्तजु मंदिर की ओर से अयोध्या के 31 सूर्यवंशी क्षत्रीय परिवारों को पनाही, पगड़ी, मिष्ठान और छतरी अयोध्या भिजवायी गयीं । इससे पूर्व अयोध्या में आयोजित रामकथा में देवकीनंदन महाराज ने श्रीराम मंदिर आन्दोलन में योगदान करने वाले पूवर्जों के सूर्यवंशी परिवारों को पटका पहनाकर सम्मानित किया था।गुरूवार को अयोध्या में पूराब्लाक, कमां गाँव स्थित सत्याश्रम पर पूर्व न्यायाधीश डी.पी सिंह ने सूर्यवंशी क्षत्रियों को पगड़ी पहनाकर देवकीनंदन महाराज द्वारा वृन्दावन से भेजी गयीं छतरी, पनाही व मिष्ठान भेंट किये।
इस मौके पर प्रयागराज के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति ने कहा कि सूर्यवंशी क्षत्रियों का श्रीराम मंदिर आन्दोलन में दिया गया योगदान भुलाया नहीं जा सकता है । अपने धर्म-संस्कृति और मंदिरों के लिये उन्होने समय-समय मुगल आक्रान्ताओं से मुकाबला कर जान की बाजी लगायी थी । श्रीराम मंदिर निर्माण के लिय 500 वर्ष पूर्व क्षत्रीय परिवारों द्वारा लिया संकल्प राम मंदिर निर्माण के साथ पूर्ण हुआ है ।
अखिल भारतीय क्षत्रीय कल्याण परिषद के राजेश कुमार, राजेन्द्र प्रताप सिंह, शिवप्रताप सिंह, सूर्यभान सिंह, ओमप्रकाश सिंह, शुभम सिंह सूर्यवंशी, समर बहादुर सिंह, रामलौट सिंह, फूलचंद सिंह, देवनारायण सिंह सहित दजर्नो परिवारों को ब्रज से मिले इस सम्मान पर हर्ष व्यक्त किया ।  

फोटो परिचय - अयोध्या में सूर्यवंशी क्षत्रियों ने वृन्दावन से देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज द्वारा भेजी गयी पगड़ी और छतरी धारण कर अपने संकल्प पूर्णता पर हर्ष व्यक्त किया

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