केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में “बकरी नस्ल सुधार के लिए नवोत्थान प्रजनन तकनीकियों” पर दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ


भा॰कृ॰अ॰प॰ – केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान, मखदूम में बकरी नस्ल सुधार के लिए नवोत्थान प्रजनन तकनीकियों पर दिनांक 05 फ़रवरी, 2024 दिन सोमवार से दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में 14 राज्यों से आये हुए 4 वैज्ञानिक, 13 प्रोफेसर एवं 6 विषय विशेषज्ञों को बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान, बकरी नस्ल सुधार पर प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डाo संजय कुमार, अध्यक्ष, कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा किया गया। उन्होंने 14 राज्यों से आये हुए कुल 23 वैज्ञानिकों, प्रोफेसरों एवं विषय विशेषज्ञों (17 पुरुष एवं 6 महिला) को भारतीय अर्थव्यवस्था में बकरी से होने वाले फायदों पर प्रकाश डाला एवं मनुष्य की आजीविका सुरक्षा के लिए बकरी के दूध और मांस के महत्व पर बात की। उन्होने बताया कि बकरी-दूध हमारे लिए जीवन-दूध है और “हर घर एक बकरी धन” का नारा भी दिया। इसके साथ ही संस्थान के निदेशक डॉ. मनीष कुमार चेटली ने संस्थान में होने वाली विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों से परिचित कराया एवं कृत्रिम गर्भाधान से नस्ल सुधार पर विशेष चर्चा की। इस कार्यक्रम के पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. रवि रंजन, वरिष्ठ वैज्ञानिक रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रवि रंजन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. एम. के. सिंह द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में डॉ. अशोक कुमार, डॉ. मुकेश भकत, डॉ. ए. के. दीक्षित, डॉ. बी. राय, डॉ. अनु रहल, डॉ. एस. पी. सिंह, डॉ. के. गुरुराज एवं डॉ. वाई. के. सोनी उपस्थित रहे।

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