बारह लाख से अधिक बच्चों को खिलाई जायेगी एलबेंडाजोल की टेबलेट।
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बलरामपुर। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अर्थात नेशनल डीवामिंग डे (एनडीडी) का आयोजन एक फरवरी को किया जाएगा। इस दिन एक से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोर-किशोरियों को पेट से कीड़े (कृमि) निकालने के लिए एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जाएगी। इस दिन दवा खाने से छूटे हुए बच्चों को पांच फरवरी को मॉपअप राउंड चला कर दवा खिलाई जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलरामपुर डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हर वर्ष दो बार अभियान चलाकर पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाती है।
 बताया कि एनडीडी अभियान के अंतर्गत जनपद बलरामपुर के 2008 सरकारी, 870 निजी विद्यालयों के अलावा 1882 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत कुल 1241549 बच्चों को एलबेंडाजॉल की गोली खिलाने का लक्ष्य है। उन्होंने यह भी बताया कि एक से दो वर्ष तक के बच्चों को 200 मिग्रा, यानि आधी गोली व दो से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोरों को 400 मिग्रा, यानि पूरी गोली खिलाई जानी है। छोटे बच्चों को गोली पीसकर दी जानी है जबकि बड़े बच्चों को इसे चबाकर खाना है।
 डॉ मुकेश कुमार रस्तोगी ने बताया कि पेट में कीड़े होने से बच्चों और किशोर-किशोरियों में खून की कमी, कुपोषण, भूख न लगना, कमजोरी, स्वास्थ्य खराब होना और समुचित मानसिक विकास का न होना जैसी समस्याएं हो जाती हैं। इन्हीं समस्याओं से बचाने के लिए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सीएमओ ने बताया कि बच्चे अक्सर जमीन में गिरी चीज उठाकर खा लेते हैं। कई बार वह नंगे पैर ही संक्रमित स्थानों पर चले जाते हैं। इससे उनके पेट में कीड़े (कृमि) विकसित हो जाते हैं। इससे बच्चा शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने लगता है। एल्बेन्डाजॉल खा लेने से यह कीड़े पेट से बाहर हो जाते हैं, जिससे शरीर में आयरन की शोषक क्षमता बढ़ जाती है, जिससे शरीर में एनीमिया अर्थात खून की कमी दूर होती है।राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत एक से पांच वर्ष तक के बच्चों, छह से 19 वर्ष तक के स्कूल न जाने वाले बच्चों और घूमंतु व ईंट- भट्ठों आदि जगहों पर काम करने वाले श्रमिक बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से एलबेंडाजॉल की गोली खिलाई जाएगी। इसके अलावा छह से 19 वर्ष तक के स्कूल जाने वाले बच्चों को शिक्षक-शिक्षिकाओं के माध्यम से पेट के कीड़े निकालने वाली दवा खिलाई जाएगी। डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने  बताया कि इस संबंध में बाल विकास परियोजना अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी सहित स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, बीपीएम , बीसीपीएम को जिला एवम ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

      हिन्दी संवाद न्यूज़ से
       रिपोर्टर वी. संघर्ष
       9140451846
         बलरामपुर। 

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