मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग के कार्यों की समीक्षा की

प्रदेश में आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा व होम्योपैथी
पद्धति (आयुष) से जुड़े संस्थानों के संचालन, सम्बन्धित विधा के चिकित्सकों के
पंजीयन के लिए एकीकृत आयुष बोर्ड का गठन किया जाए : मुख्यमंत्री

आयुष बोर्ड के गठन से नए संस्थानों की स्थापना व विकास में प्रक्रियागत
सहजता होगी, उपाधि प्राप्त चिकित्सकों के पंजीयन में आसानी होगी

प्रदेश में स्थापित होने वाले नए संस्थानों में शोध-अध्ययन, पेटेंट को
बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता

उ0प्र0 तेजी से हेल्थ टूरिज्म के नए केंद्र के रूप में उभर रहा


लखनऊ : 29 सितम्बर, 2023

     मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि प्रदेश में आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा व होम्योपैथी पद्धति से जुड़े संस्थानों के संचालन और सम्बन्धित विधा के चिकित्सकों के पंजीयन के लिए एकीकृत ‘आयुष बोर्ड’ का गठन किया जाए। मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक बैठक में आयुष विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
वर्तमान में प्रदेश में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के सम्बन्ध में पृथक रूप से तीन बोर्ड संचालित हैं। अब इन सभी को एकीकृत रूप देते हुए एक बोर्ड के अधीन समाहित करने की आवश्यकता है। इससे नए संस्थानों की स्थापना व विकास में प्रक्रियागत सहजता होगी। साथ ही, उपाधि प्राप्त चिकित्सकों के पंजीयन में भी आसानी होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बदलते समय के साथ युवाओं के बीच योग व प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) पद्धति में कैरियर बनाने की चाह बढ़ी है। बड़ी संख्या में निजी क्षेत्र की ओर से योग एवं नैचुरोपैथी संस्थानों की स्थापना को लेकर प्रस्ताव भी मिल रहे हैं। ऐसे में आयुष बोर्ड के अंतर्गत योग एवं नैचुरोपैथी संस्थानों के विनियमन और चिकित्सकों के पंजीयन की कार्यवाही की जानी चाहिए।
प्रस्तावित आयुष बोर्ड का मुखिया एक महानिदेशक होगा। जबकि आयुर्वेद, योग व प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा व होम्योपैथी पद्धतियों के अलग-अलग निदेशक स्तर के अधिकारी इस व्यवस्था को संचालित करेंगे। उन्होंने उत्तर प्रदेश के आयुष अधिनियम को शीघ्र तैयार किये जाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि व्यापक दृष्टिकोण के साथ नए अधिनियम में इन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के प्रोत्साहन के लिए अनुकूल अवसरों के सृजन हेतु सभी आवश्यक प्रबन्ध रखे जाएं। संस्थानों के लिए तय मानकों को व्यावहारिक बनाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश तेजी से हेल्थ टूरिज्म के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। योग एवं नेचुरोपैथी जैसी भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहित करना इस दिशा में अत्यंत उपयोगी होगा। प्रदेश में स्थापित होने वाले नए संस्थानों में शोध-अध्ययन और पेटेंट को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता है।
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