विजय शंकर दुबे की रिपोर्ट 

प्रभा खैतान फाउंडेशन द्वारा उत्तर प्रदेश की भाषाओं का दो दिवासिए उत्सव आखर - भाषा के रंग साहित्यिक कार्यक्रम का आज श्री गणेश लखनऊ में हुआ। 
आखर उत्सव का शुभ आरंभ
 मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मनिनये बृजेश पाठक जी और प्रभा खैतान फाउंडेशन के मेम्बर्स ने दीप प्रज्वालित किया। 
पाठक जी ने अहसास वूमेन ऑफ लखनऊ को बधाई देते हुए कहा की बग़ैर हिंदी भाषाओं के हिंदी पूरी नहीं और क्षेत्त्रिय भाषाएँ हिंदी को समृद्ध बनाती हैं। 
लोक गीतकार अमिताभ श्रीवास्तव, 
रंजना अग्रहारी, मुन्ना अनवर, दीपेंद्र कुंवर और चंद्रेश जी ने लोक गीतों से आखर के साहित्यिक कार्यक्रम का शुभआरंभ किया। 
अनामिका श्रीवास्तव जी ने कहा की इन लोक गीतों का भाव और भावना अलग है। लोक धुनें फिल्मी संगीत फ़िल्मों में प्रचलित हैं। 
अवधी का लोक संसार और सहित्यकि
विद्या विन्धु सिंह, अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी, सूर्यप्रसाद दीक्षित और शोभा बाजपेयी
अभिनंदन - कनक रेखा चौहान जी द्वारा
अनिता भटनागर जैन, शिप्रा चतुर्वेदी, अदिति यादव एंड रानु उनियाल
अभिनंदन - दीपा मिश्रा जी द्वार


3. उल्लास - ग्रामीण अंचल के गीत

उत्तर प्रदेश के अयोध्या नगर के राम जी और उनकी मंडली द्वारा गाये गए ग्रामीण गीतों ने सबका मन मोह लिया।
लकड़ी साथी, रहना कबीर दास और जोगो बहुरिया हो गया भोर जैसे गीतों से उन सब ने श्रोतागणों मे उत्साह के रंग बिखेर दिये।
राम जी का अभिनंदन - कनक रेखा चौहान द्वारा हुआ। 

4.अवधी कविता के रंग
 
रश्मि शुक्ल, प्रदीप महाजन, राधा पांडेय और विनीता मिश्रा 
ने अपनी अवधी कविताओं से दर्शकों को सांझा किया। प्रदीप महाजन जी ने सोशल मीडिया पर छंद सुनाए। 
मनमोहक प्रीत प्रेम मुंहर प्रेम गीत से विनीता मिश्रा जी ने श्रोताओं को गद् गद् कर दिया। रश्मि शुक्ला जी ने नारी शक्ति पर अपनी कविता सुनायीं। 
इन सब का 
अभिनंदन दीपा मिश्रा जी द्वारा हुआ।

5.हिंदी सिनेमा मैं अवधी भाषा की गूँज

मनोज राजन त्रिपाठी, आत्म प्रकाश मिश्र और कनक रेखा चौहान जी ने इस साहित्यिक
 सत्र में सिनेमा में अवधी के गहरे प्रभाव को दर्शाते हुए 
अपने श्रोतागणों को गंगा जमुना, पीपली लाईव, गुलाबो सिताबो जैसी फिल्मों पर चर्चा की। 

6. बुंदेलखंडी लोकजीवन और साहित्य के सोपान

बहादुर सिंह परमार, गोरी शंकर रंजन, सरोज गुप्ता और सुमित दुबे जी ने बुंदेलखंड की लोक संस्कृति और परंपराओं सेअपने विचारों को श्रोताओं से सांझा किया। सभी का
 । 

7.बोली बानी में अयोध्या का विविध राम साहित्य

यतींद्र मिश्र और माधुरी हलवासिया
अयोध्या की साहित्यिक संस्कृति और भगवान् श्री राम की कथाओं की चर्चा करते हुए
 यतींद्र मिश्र जी ने दर्शाकों को अयोध्या की साहित्य संस्कृति में सम्मिलित अवधिकार, उर्दुकार, बुंदेलीकार के बारे में बताया। 
उनका
 अभिनंदन  दीपा मिश्रा जी द्वारा हुआ। 

8.कथक प्रदर्शन
अयोध्या शरण मिश्रा जी ने अपने पूर्वजों की धरोहर का मान रखते हुए राम लला की जन्मभूमि अयोध्या और ठाकुर जी की सुंदर लीलाओं का नृत्य के द्वारा मंचन 

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