उत्तर प्रदेश,
क़ादरी कॉमेटी सुन्नी जामा मस्जिद पोखरभिंडा उर्फ़ बनरहवा, नौतनवा जनपद- महराजगंज 
के अंतर्गत नौतनवा क्षेत्र के पोखरभिंडा उर्फ़ बनरहवा में आज मुस्लिम समुदाय के लोगों का कलामे पाक मुक़्क़मल हुवा!

*जिसमें हज़रत हाफ़िज़ व कारी मोहम्मद आरफीन सिद्दीकी को लोगों नें बधाई दी*

 यह मुस्लिम समुदाय के लोगों का पाक महीना चल रहा है जिसको रमजान के महीना के नाम से जाना जाता है!

 रमजान उल मुबारक के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे महीने का रोजा रखते हैं!

उसी महीने में तरावीह की नमाज भी अदा करते हैं जिसमें कहीं-कहीं पर छोटी तरवीह भी होती है जिसमें कलाम ए पाक की छोटी-छोटी आयतें मौलाना व हाफिज के द्वारा पढ़ी जाती हैं!

 कहीं-कहीं पर लोग बड़ी तरावीह भी पढ़ते हैं जिसमें कलाम ए पाक की सभी सूरत ओं का सुनना होता है और जो बड़े हाफिज होते हैं वह सारे लोग कलाम ए पाक के 30 पारह को लोगों को सुनाते हैं

उसी को तरावीह कहते हैं साथ ही साथ आज पोखर भिंडा उर्फ बनरहावा गांव में हाफिज के द्वारा मुकम्मल कलाम ए पाक सुनाया गया!

*जिसमें लोगों ने हाफिज ओ कारी आरफीन सिद्दीकी को मुबारकबाद दिया*

साथ ही साथ मुस्लिम समाज समुदाय के लोगों में बहुत ही हर्ष देखने को मिला!

 रमजान के पाक महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग 30 दिन का रोजा रखते हैं!

गर्मी हो या ठंढक तूफान हो या बारिश सभी मौसमों का सामना करने के बाद भी लोग रोज़ा रखते हैँ, और रब को मनाने की भरपूर कोशिश करते हैँ,

 इसी महीना में पाक कलाम जिको कलामे पाक (कुरान शरीफ)कहा जाता है जिसको रमजान के 30 दिनों में हाफिज के द्वारा मस्जिदों में पढ़ा जाता है!

कुछ जगहों पर 15 दिन की तरवीह भी होती है तो कुछ जगहों पर 27 दिन की तरवीह होती है तो कहीं कहीं पर पूरे 30 दिन तरावीह की नमाज लोग पढ़ते हैं!
और 30 दिन कलाम ए पाक की तिलावत करते व सुनते व सुनाते भी हैं लोग को सुनते भी हैं!

 आज पोखारभिंडा उर्फ बनवरहवा ग्राम सभा में हाफ़िज़ के द्वारा कलाम ए पाक मुकम्मल सुनाया गया!

*हाफ़िज़ व कारी मोहम्मद आरफीन सिद्दीकी को बहुत सारे ओलमाओ नें मुबारक बाद पेश की, मौलाना गुलाम मोहिउद्दीन, मौलाना ज़मीरुल्लाह, कारी मोहम्मद बशीर, अहमद रिज़वी, कारी रिज़वान अहमद, कारी खैरुद्दीन अलीमी (प्रबंधक- दारुल उलूम सलामतुल उलूम शिकारगढ़)कारी ओजूद आलम, मौलाना अब्दुल क़ुद्दूस, कारी मोहम्मद दानिश,मुबारक बाद पेश किये!*
*कारी मोहम्मद असगर अली, कारी मोहम्मद इम्तियाज़, कारी मोहम्मद गयासुद्दीन नूरी, कारी अली अहमद*(शैखुल हदीस मोगलाहा)
*कारी मोहम्मद रफीक*
*मास्टर शमीम अहमद (अशरफी सीरत ट्रस्ट नौतनवा)जिसमें गांव के लोगों ने एक साथ मिलकर के कलाम ए पाक को सुनाने वाले हाफिज को बधाई व मुबारकबाद पेश की*

साथ ही साथ उनको ईनाम वो इकराम देकर के सम्मानित भी किया!
 बहुत सारी मस्जिदों में हाफिज जी लोगों को मोटरसाइकिल,व चार पहिया (कार)भी इनाम में दिया गया!
 मुस्लिम समुदाय के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार रमजान का महीना माना जाता है!
 बड़ी ही लगन के साथ लोग तरावी की नमाज अदा करते हैं!
 लोगों का कहना है कि इस महीने में श्यातीनों को जंजीरों में जकड़ दिया जाता है!
और इसमें हर इबादत का 70 गुना सवाब मिलता है!
इसलिए इस महीना में सभी लोग इबादत बहुत ही लगन से करते हैँ और रब को राज़ी भी करते हैँ!
जिसको रमजान कहा जाता है!
रमजान के महीना में ही क़ुरान उतरा था!
इसलिए इस महीना में लोग बहुत ही लगन व दिल से इबादत करते हैँ!
गांव के तमामी लोगों नें अपने पकीजा दुवाओं से नवाज़ा,
जिसमें,
हाजी मोहम्मद नज़ीर, हाजी मुबारक खान, मोहम्मद शौकत खान, इकराम खान, जमशेद अहमद, नूर मोहम्मद, नूर (अशर्फी क्लाथ हाउस) हैदर भाई, अज़मत अली तमामी हज़रात मौजूद रहे, इसी के साथ साथ पूरे गांव के लोगों नें मुबारक बाद पेश की,
*शाह आलम,ज़ाहिद अली,महताब आलम, जुबेर आलम, शामसाद आलम, अफ़ज़ल अंसारी*
✍️अफ़रोज़ अहमद

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