जौनपुर। गौशाला की पैरों में पड़ी बेड़ी को तोड़ने के लिए असली रामभक्त आगे आएं

निकाय चुनाव में गौशाला व विद्यालय कब्जा मुक्त कराने के लिए उठी आवाज़


मुंगराबादशाहपुर,जौनपुर। स्थानीय नगर पालिका परिषद के चुनाव को लेकर तरह-तरह की अटकलों का बाजार गर्म होता जा रहा है। वहीं लोगों का नब्ज‌ टटोलने से पता चलता है कि अबकी बार गौशाला का मुद्दा तथा कथित रामभक्तों व बाहुबलियों के लिए गले की फांस बनेगा। मालूम हो कि जब 1947 के पहले पैरों में पड़ी परतंत्रता की बेड़ी को लेकर भारत मां कराह व चित्कार रही थी। मां के आंखों से अन्तर्वेदना के आंसू बह रहे थे। तब भारत मां के असली बेटों ने मां के पैरों में पड़ी परतंत्रता की जंजीरों को तोड़ने के लिए फांसी के फंदे को गले का हार समझ कर पहन लिया था। उसी प्रकार तथा कथित रामभक्त रुपी माफियों के चंगुल में फंसकर गौशाला कराह रही है और गौऊओं की आत्माएं मुक्ति के लिए असली रामभक्तों को पुकार रही है। गौरतलब है कि इस गौशाला के लिए एक बीघा से ज्यादा जमीन नगर निवासी संस्थापक हिंदू इंटर कालेज के बाबू स्व यमुना प्रसाद गुप्त  ने नगरपालिका को 1968 में सार्वजनिक कार्यों के लिए दान में दिया था। जिसे लूटेरे चोरमैनों ने करोड़ों की संपत्ति को औने-पौने दाम पर माफियाओं को कब्जा करा दिया है। यहीं हाल मां सरस्वती का मंदिर की आबरुं लूटी जा रही है। जबकि इसी से निकल कर राजनेता व उच्च अधिकारी हुए हैं। उनके संज्ञान में होने के बाद भी वे मौन बैठे हुए है। लगता है कि उनके ऊपर माफिया हावी है। उनको भी इसका प्राश्चित करना तय है। पवित्र नवरात्र पर्व पर व्रतधारियों व पाक रमजान में नमाजियों ने क्या तालीम सीखा है यह चुनाव उनके लिए चुनौती भरा है। क्योंकि नगर में एक दिल दहलाने वाला मंजर हो चुका है। यह चुनाव ढोंगी रामभक्तों व असली रामभक्तों में होना तय है। फैसला जनता को करना है। फिलहाल सभी चुनावी मैदान में अपनी अपनी प्रबल दावेदार ठोंक रहे हैं और टिकट लेने के लिए तरह तरह की पैंतरेबाजी की जा रही है लेकिन नगरवासी अपने मुद्दे से भटकते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं।

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