जौनपुर। ईद पर सेवई का मकदस, रिश्तों में मिठास घोलना

जौनपुर। मुस्लिमों का पवित्र महीना रमजान चल रहा है,इसके बाद ईद मनाई जाएगी। ईद त्योहार मुस्लिमों का पवित्र त्योहार है। इसे लेकर लोग काफी ज्यादा खरीदारियां करते हैं। बाजारों में इस त्योहार की काफी ज्यादा रौनक देखी जाती है। इस दिन लोग मिठाई का सेवन करते हैं और इसमें सबसे ज्यादा लोग सेवई और खीर खाना पसंद करते हैं.
          
आखिर क्यों सेवई खाई जाती है इसके पीछे की क्या मान्यता है जानते हैं। ईद पर पकवानों के सेवन की अलग मान्यता है कहा जाता है कि इस दिन सेवई और खीर का सेवन इस लिए किया जाता है कि क्योंकि ये आपसी तालमेल और रिश्ते में मिठास भरता है। लोग इसे खाने के अलावा एक दूसरे को उपहार में भी देते हैं और भाई चारे में मिठास की कामना करते हैं। ईद के अवसर पर दो तरह की सेवई बनाई जाती है इसमें दोनों सेवइयां लगभग घरों में बनाई जाती है। इसमें शीर खुरमा का स्वाद लोगों को बेहद पसंद आता है, ये दूध और मेवा के साथ पकाया जाता है, इसके बाद इसे ईद वाले दिन लोगों को नास्ते में परोसा जाता है। इसे अलग अलग तरीकों से पकाया जाता है। ज्यादातर जगहों पर सेंवई में शीर खुरमा पिस्ता, बादाम, काजू, नारियल और छुहारा डालकर तैयार की जाती है। ये काफी पौष्टिक माना जाता है और लोगों को स्वाद के साथ तालमेल से भी समृद्ध बनाता है। ईद के त्योहार पर किमामी सेवई का भी काफी ज्यादा पसंद है। इसे चाशनी के साथ पकाया जाता है। इसके अलावा इसमें चीनी मेवा और सेवई का उपयोग किया जाता है। साथ ही साथ इसमें मखाना खोआ, बादाम और मेठे मिलाए जाते हैं जो सेवई के स्वाद को बढ़ाता है, इसे खाने के साथ साथ लोग आपसी तालमेल में भी मधुरता घोलता है। इसलिए लोग ईद के मौके पर सेवई खीर और भी कई मीठे पकवान बनाना पसंद करते हैं। इसका प्रमुख कारण रिश्तों में मिठास घोलना होता है।

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