राजकुमार गुप्ता
मथुरा।।वृन्दावन। छटीकरा रोड़ स्थित चिंतामणि कुंज में बसंत पंचमी महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।महोत्सव के अंतर्गत मां सरवस्ती पूजन, संत ,ब्रजवासी, वैष्णव सेवा, समष्टि झरां भंडारा आदि अनेकों कार्यक्रम हुए।इसके अलावा 200 से भी अधिक निर्धनों व निराश्रितों को कम्बल वितरित किए गए।
चिंतामणि कुंज के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानंद महाराज ने कहा कि बसंत पंचमी का पर्व सनातन हिन्दू धर्म का प्रमुख पर्व है।इस दिन मां सरसवती की पूजा की जाती है।जिससे हमारा मन एवं वाणी पवित्र होती है।साथ ही हमारे शरीर में सात्विक ऊर्जा का समावेश होता है।
ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी
एवं ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि ऋग्वेद के अनुसार मां सरस्वती के जिन दो रूपों का वर्णन किया गया है, उनमें से एक मां वाग्देवी का प्राकट्य भगवान श्रीकृष्ण की जिह्वा से हुआ था।इसीलिए आज मां वागेश्वरी देवी जयंती मनाए जाने का भी विधान है।
ब्रजभूमि कल्याण परिषद के संयोजक निर्मलप्रकाश सूरा एवं भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित रामकृष्ण गोस्वामी ने कहा कि मां सरस्वती  बुद्धि, विद्या,  वाणी के अलावा कला-कौशल एवं ज्ञान-विज्ञान की भी अधिष्ठात्री देवी हैं।इसीलिए इनकी आराधना करने से हमारा सर्वांगीण विकास होता है।
महोत्सव में पंडित रामनिवास गुरुजी (गोवर्धन),आचार्य रामविलास चतुर्वेदी, सौरभ गौड़, आचार्य बद्रीश, युवा साहित्यकार डॉ राधाकांत शर्मा, आचार्य ईश्वरचंद्र रावत, पंडित जयगोपाल शास्त्री, स्वामी कृष्णानंद झा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।

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