पराली जलाना दण्डनीय अपराध, फसल अवशेष का बेहतर प्रबन्धन करें किसान: डीएम, 
पराली व फसल अवशेष खेतों में न जलाये किसान 

बहराइच 28 अक्टूबर। मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन,  राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देश पर जिलाधिकारी डॉ दिनेश चन्द्र ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनपद के सभी डिप्टी कलेक्टरों, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारियों, कृषि, पशुपालन, गन्ना, पंचायत अधिकारियों की बैठक देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आहूत की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि शासन एवं मा. एनजीटी द्वारा पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के दृष्टिगत पराली/फसल अवशेष जलाने पर दण्डनीय अपराध घोषित किया गया है। जिलाधिकारी ने सभी एसडीएम एवं बीडीओ को अपनी-अपनी तहसीलों एवं विकास खण्ड स्तर पर तत्काल ग्राम स्तरीय कर्मचारियों एवं ग्राम प्रधानों तथा क्षेत्रीय पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर शासन के निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने जनपद में कम्बाईन हार्वेस्टर संचालकों को कठोर चेतावनी देते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि बिना पराली प्रबन्धन अवशेष यंत्रों सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम(एसएमएस) एवं अन्य इनसीटू यंत्रों का उपयोग किये चलती पायी जाय तो तत्काल सीज कर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के लिए जुर्माना लगाते हुए तथा जब तक यंत्र क्रय कर मशीन के साथ न लगा लिया जाय तब तक कम्बाईन हार्वेस्टर मशीन रिलीज न किया जाय। उन्होंने राजस्व लेखपाल, ग्राम प्रधान तथा ग्राम स्तरीय कर्मचारियों को निर्देश दिया कि अपने-अपने ग्राम पंचायतों में किसानों को पराली जलाने से होने वाले मानव स्वास्थ्य एवं पर्यावरणीय क्षति की जानकारी उपलब्ध कराये तथा उन्हें जागरूक कर पराली को इनसीटू यंत्रो का उपयोग कर खेतो में मिलाकर भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाकर अधिक उत्पादन लेने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने जनपद के सभी कृषि, राजस्व, विकास विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों से पराली/फसल अवशेष जलाने से रोकने हेतु विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये। 
बैठक में उपस्थित उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही ने समस्त उपस्थित अधिकारियों से पराली न जलाने की घटना को रोकने की अपील की गयी। उन्होंने जिलाधिकारी डॉ चन्द्र को अवगत कराया कि शासन द्वारा ग्राम पंचायतों एवं पशुपालन तथा मनरेगा के समन्वय से पराली का जनपद की गौशालाओं में संरक्षण करने के निर्देश दिये गये है। जिलाधिकारी ने डीपीआरओ उमाकान्त पाण्डेय, डीसी मनरेगा के.डी. गोस्वामी एवं सीवीओ डॉ राजेन्द्र प्रसाद को आपसी समन्वय सुनिश्चित कर अधिकाधिक मात्रा में पराली को जनपद की गौशालाओं में निराश्रित पशुओं के चारे के उपयोग हेतु उपलब्ध कराना सुनिश्चित कराया जाय। जिलाधिकारी ने डीसी मनरेगा को ग्राम पंचायतों में पराली प्रबन्धन के अन्तर्गत (पराली दो, खाद लो)े के अन्तर्गत कम्पोस्टिंग कराने के निर्देश दिये। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, एडीएम मनोज, मुख्य राजस्व अधिकारी अवधेश कुमार मिश्र, डीडीओ महेन्द्र कुमार पाण्डेय, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय, भूमि संरक्षण अधिकारी सौरभ वर्मा, उप सम्भागीय अधिकारी उदय शंकर सिंह, जिला, नगर निकायों के अधिशाषी अधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार, बीडीओ एवं कृषि विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे। 

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