केराकत। किसानों की आय बढ़ाने में  एकीकृत कृषि प्रणाली की है महत्वपूर्ण भूमिका- डॉ संजीत कुमार

केराकत,जौनपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अयोध्या के कुलपति डॉ बिजेन्द्र सिंह के संरक्षण एवं निदेशक प्रसार प्रोफेसर एपी राव के कुशल मार्गदर्शन में संचालित कृषि विज्ञान केंद्र अमिहित पर रविवार को पूर्वान्ह ग्यारह बजे आयोजित गोष्ठी में  किसानों की आय बढ़ाने में एकीकृत कृषि प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका विषयक समूह चर्चा के दौरान केन्द्र वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ संजीत कुमार ने प्रतिभागी प्रगतिशील किसानों, वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों के साथ समूह चर्चा किया।

वहीं किसानों से एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाने के लिये अपील किया। उन्होंने कहा कि किसान भाई अपने प्रक्षेत्र पर उपलब्ध संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए एकीकृत कृषि प्रणाली जरुर अपनाएं इस प्रणाली द्वारा किसानों की आय में वृद्धि के साथ-साथ रोजगार की अपार सम्भावनाएं हैं। किसान अपने खेतों पर एकीकृत कृषि प्रणाली अपनाकर, जलवायु परिवर्तन से होने वाले जोखिमों को कम करते हुए अपनी आय को में वृद्धि कर सकते हैं। इस समूह चर्चा के दौरान डॉ संजीत कुमार ने एकीकृत कृषि प्रणाली के विभिन्न घटकों, फसल उत्पादन, सब्जियों की वैज्ञानिक खेती, फलों की खेती, पशुपालन, मुर्गी पालन, मछली पालन, बत्तख पालन, मधुमक्खी पालन, केचुआ खाद उत्पादन आदि पर विस्तृत चर्चा किया गया। विषय वस्तु विशेषज्ञ फसल सुरक्षा डॉ संदीप कुमार ने मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन एवं धान की फसल में कीट नियन्त्रण, रोग नियन्त्रण आदि पर  विस्तृत चर्चा की। विषय वस्तु विशेषज्ञ (मृदा विज्ञान) ने प्राकृतिक खेती के विभिन्न घटको, जीवामृत, पंचामृत, बीजामृत, संजीवक, दशपर्णी अर्क आदि को बनाने की विधि को बताया। वहीं कार्यक्रम में विषय वस्तु विशेषज्ञ शस्य विज्ञान डॉ संजय कुमार ने एकीकृत पोषक तत्व प्रबन्धन, एकीकृत खरपतवार प्रबन्धन एवं फ़सलो में सिंचाई व जल निकास प्रबन्धन आदि पर विस्तृत चर्चा किया। कृषि वानिकी डॉ अनिल कुमार ने किसानों को फलदार वृक्षों को उगाने, सब्जियों की वैज्ञानिक खेती एवं फल एवं सब्जियों के संरक्षण पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। विषय वस्तु विशेषज्ञ पशुपालन डॉ अमित कुमार सिंह ने पशुओं के लिये वर्षभर चारा उत्पादन एवं प्राथमिक पशु चिकित्सा प्रबन्धन पर विस्तृत चर्चा की। गोष्ठी में प्रगतिशील किसान रुद्र प्रताप सिंह, अरुण कुमार सिंह, बिजेन्द्र कुमार सिंह, अखिलेश सिंह आदि अपने अपने अनुभव साझा किये। वहीं चर्चा परिचर्चा के दौरान प्रदीप कुमार यादव, सचिन यादव, धीरज कुमार, विवेक सिंह एवं विश्वजीत सिंह समेत तमाम किसान उपस्थित रहे।

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