हिंदीसंवाद ब्यूरो चीफ प्रीतम शुक्ला की रिपोर्ट

*नर्स की बेटी, जो कई बार चुनाव हारीं, मगर जिद नहीं छोड़ी… अब ट्रस बनीं ब्रिटेन की PM*

ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री के नाम का ऐलान हो गया है और कंजरवेटिव पार्टी के नेता के चुनाव की प्रक्रिया में लिज ट्रस ने जीत दर्ज की है. यानी अब लिज ट्रस ब्रिटेन की अगली प्रधानमंत्री होंगी.
ब्रिटेन में लंबे समय से चली आ रही है कंजरवेटिव पार्टी के चुनाव प्रक्रिया के बाद अब तय हो गया है कि ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा. पार्टी में हो रही प्रधानमंत्री की रेस में लिज ट्रस ने बाजी मार ली है और इस चुनाव में जीत दर्ज की है. लिज ट्रस का पहले ही तय माना जा रहा था कि वो ब्रिटेन की तीसरी महिला होंगी, जो प्रधानमंत्री की कुर्सी पर काबिज होंगी. वैसे आपको बता दें कि इस बार सालों से पीएम बनने की घोषणा ब्रिटेन की महारानी बकिंघम पैलेस से करती आई हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. इसकी घोषणा स्कॉटलैंड से हुई है, क्योंकि महारानी एलिजाबेथ इस समय स्कॉटलैंड के बलमॉरल कैसल में हैं.

उनके पीएम की रेस में पहला स्थान आने के बाद लोग जानना चाहते हैं कि वो कौन हैं और उनका क्या बैकग्राउंड रहा है. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि लिज ट्रेस के बारे में और बताते हैं उनका राजनीतिक सफर कैसा रहा है. साथ ही जानेंगे उनके जीवन से जुड़ी खास बातें. इसके अलावा हम आपको बताएंगे कि किस तरह से पीएम का चुनाव किया जाता है और पार्टी में पीएम उम्मीदवार का फैसला किया जाता है. तो जानते हैं ब्रिटेन पीएम से जुड़ी खास बातें…

कौन हैं लिज ट्रेस?
47 साल की ट्रेस बोरिस सरकार में विदेश मंत्री के पद पर रहीं और पिछले 22 सालों से राजनीति में सक्रिय हैं. पहले वो लिबरल डेमोक्रेट्स के साथ थी बाद में कंजर्वेटिव पार्टी के साथ हो गईं. अगर उनके व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उनका जन्म ऑक्सफॉर्ड में हुआ और वो लंदन में रहती हैं. ट्रेस गणित प्रोफेसर और नर्स की बेटी हैं. उन्होंने ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. उनकी शादी अकाउंटेंट Hugh O’Leary के साथ हुई है. उनकी दो बेटी हैं. जब वो चार की थीं, तब ही उनका परिवार ग्लास्गो के पास पैसलि में आ गया था.

उनके बारे में उनके भाई ने बीबीसी रेडियो को बताया था कि ट्रस बचपन से ही हारने से नफरत करती थीं और जीतने के रिस्क की वजह से गायब हो जाती थीं. उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र, राजनीति और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की थी और स्टूडेंट पॉलिटिक्स में सक्रिय रही थीं. उन्होंने शुरुआत लिबरल डेमोक्रेट्स के साथ की थी, लेकिन बाद में कंजरवेटिव के साथ नाता जोड़ा. वहीं, ट्रस पहले राजशाही का विरोध करती थीं. अपनी पढ़ाई करने के बाग ट्रस ने अकाउंटेंट के तौर पर काम किया और अकाउंटेंट साथी Hugh O’Leary से शादी कर ली.

कैसा रहा करियर?
अगर उनके राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने 2001 में चुनाव लड़ना शुरू किया. पहली बार उन्हें हार मिली, इसके बाद 2005 में फिर से उन्हें West Yorkshire में भी हार मिली. इसलिए बाद वो 2006 में ग्रीनविच में काउंसर बनीं और 2008 से उन्होंने राइट ऑफ सेंटर रिफॉर्म थिंक टैंक के लिए काम शुरू कर दिया. फिर 2010 में उनकी राजनीति को खास पहचान मिली और वो 2010 में सांसद बनीं. 2010 में चुनाव जीतने के बाद 2012 में वो सरकार में शिक्षा मंत्री बनीं और 2014 में उन्हें एनवायरमेंट सेकेट्री बनाया.

इसके बाद उन्होंने ब्रेक्सिट का सामना किया और उस वक्त बोरिस जॉनसन तो ब्रेक्सिट से हीरो बने थे, लेकिन उन्होंने इसका विरोध किया था. हालांकि, उनका पक्ष हार गया तो उन्होंने ब्रेक्सिट को नए विचार के साथ अपनाया और उस वक्त उनका मानना था कि ब्रेक्सिट चीजों को अलग तरीके से करने का अवसर प्रदान किया है. जब 2019 में बोरिस जॉनसन प्रधान मंत्री बने, तो उन्हें इंटरनेशनल ट्रेड सेकेट्री बनाया गया. फिर 2021 में सबसे अहम पद फॉरेन सेकेट्री की जिम्मेदारी मिली. बता दें कि जब हाल ही में बॉरिस जॉनसन ने जब इस्तीफा दिया था तो कई मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था. इसमें ऋषि सुनक भी थे, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था.

पार्टी में कैसे तय होता है कौन बनेगा प्रधानमंत्री?
ब्रिटेन में पार्टियों की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार का निर्णय उसके सदस्यों के वोट से होता है जो ब्रिटेन की आबादी के एक फ़ीसदी से भी कम हैं. विजेता का चुनाव कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य करते हैं. वे जिस उम्मीदवार को चुनेंगे, वे संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ की बहुमत वाली पार्टी के नेता के रूप में अपने आप ही प्रधानमंत्री बन जाएंगे.

कैसे होता है इसका चुनाव?
ब्रिटेन में फिलहाल कंजरवेटिव पार्टी सत्ता में है. प्रधानमंत्री को चुनने की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होती है- नॉमिनेशन, एलिमिनेशन और फाइनल प्रॉसेस. सबसे पहले नामांकन होता है. पहली वोटिंग नामांकन करने वाले उम्मीदवारों के लिए होती है. फिर हर बार वोटिंग में 2 उम्मीदवार बाहर होते जाते हैं और यह चरण तब तक चलते रहते हैं जब तक कि 2 उम्मीदवार शेष नहीं रह जाते. इसके बाद फाइनल राउंड होता है.

आखिरी राउंड में जनता के बीच जाकर मतदान करने की अपील करनी होती है. फाइनल राउंड की वोटिंग में सांसद ही नहीं पार्टी के 2 लाख कार्यकर्ता पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डालते हैं. इसके अलावा ब्रिटेन के करीब 0.3 फीसदी लोग भी मतदान करते हैं.

कैसे चुना जाता है प्रधानमंत्री?
ब्रिटेन का प्रधानमंत्री वही होता है जो सत्ताधारी दल का नेता होता है. ब्रिटेन में पीएम पद के लिए कई उम्मीदवार होते हैं, सभी को सांसद से लेकर कार्यकर्ता तक का समर्थन प्राप्त करना जरूरी होता है.

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