उतरौला(बलरामपुर) दलित छात्रावास के निर्माण के दो दशक बीतने के बाद इसके पदों का सृजन शासन ने नहीं किया। पदों के सृजन न होने से किसी कर्मचारी की तैनाती नहीं हो सकी।
शासन ने दलित छात्रों के आवासीय सुविधा के लिए मोहम्मद युसूफ उस्मानी इण्टर कालेज उतरौला के परिसर के बगल राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास का निर्माण कराया। इसमें सत्रह कमरों के बने छात्रावास में छात्रों को आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल रही है। छात्रों को कमरों में बेड, मेज कुर्सी का अभाव बना होने से छात्र अपने घरों से बेड कुर्सी मेज ले करके आते हैं। छात्रावास में किचन बना हुआ है लेकिन सरकार द्वारा रसोइया की तैनाती न होने से छात्र अपने अपने कमरों में खाना बनाने को मजबूर हैं। हालत यह है कि छोटे से कमरे में दो दो छात्र रहते हैं और उसी में किसी तरह भोजन स्वयं बनाते हैं। सफाई कर्मचारी न होने से छात्र अपने कमरों की सफाई व परिसर की सफाई स्वयं करते हैं। बिजली आपूर्ति होने पर कमरें में भीषण गर्मी में पंखा नहीं है। कुछ छात्र अपने घरों से पंखा लेकर कमरे में लगा रखा है। छात्रावास में लगे इंडिया मार्का हैंडपंप खराब पड़ा है।  जिला हरिजन समाज कल्याण विभाग के अधीन संचालित इस छात्रावास में छात्रों को प्रवेश के लिए तहसील उतरौला के सभी विघालयो को पत्र लिखकर दलित छात्रों को छात्रावास में रहने के लिए आवेदन शैक्षिक सत्र के शुरू होने के पहले मांगता है लेकिन आवश्यक सुविधाओं के अभाव में कई वर्षों से दूर दराज के विघालयो के दलित छात्र इस छात्रावास में प्रवेश नहीं लेते है। जिला हरिजन समाज कल्याण अधिकारी एम पी सिंह ने बताया कि राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावास उतरौला के निर्माण के लगभग बीस वर्ष बीतने के बाद शासन ने छात्रावास संचालन के लिए छात्रावास अधीक्षक, रसोइया, सफाई कर्मचारी, चौकीदार के पदों का सृजन नहीं किया है।  
पदो का सृजन न होने से  यहां पर कर्मचारियों की तैनाती शासन से नहीं की जा रही है। इस छात्रावास के संचालन के लिए रिक्त पदों पर तैनाती के लिए शासन व विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है लेकिन अभी तक रिक्त पदों पर शासन से तैनाती नहीं हुई है।
असग़र अली
उतरौला

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