जौनपुर। अंजुमनों ने पेश किए दर्द भरे नौहे किया मातम

जौनपुर। नगर के बलुआघाट मोहल्ला स्थित मकबूल मंजिल में शनिवार की रात अंजुमन हुसैनिया क ऐतिहासिक तरही आल इंडिया शब्बेदारी 79 व दौर सम्पन्न हुआ। जिसमे देश की मशहूर कई अंजुमनों के अलावा शहर की प्रमुख अंजुमनों ने पूरी रात कर्बला के सबसे छोटे शहीद अली असगर की याद में अपने दर्द भरे कलाम पेश किया। अलविदाई मजलिस के बाद गहवारे अली असगर और अलम, ताबूत निकाला गया, जिसकी जियारत के लिए हजारों लोग मौजूद रहे। शब्बेदारी का आगाज तिलावते कलाम-ए-पाक से मोहम्मद मज़हर ने किया। पेशखानी असिफ व हसन फतेहपुरी ने अपने कलाम पेश किए। सोजख्वानी  सैयद गौहर अली ज़ैदी व उनके हमनवा ने पढ़ा। मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना मोहम्मद मेहदी नकवी आज़मगढ़ ने कहा कि इमाम हुसैन के सबसे छोटे बेटे जनाब अली असगर जिनकी उम्र छह माह की थी, यजिदी फौजों ने उस वक्त कर्बला के मैदान में तीन भाल के भारी भरकम तीर से इमाम के हाथों में शहीद कर दिया। जब वे यजिदी फौजों से इस बच्चे के लिए दो कतरा पानी पिलाने के लिए मांग रहे थे। अली असगर तीन रोज के भूखे-प्यासा थे पर जालिमो को उनपर भी रहम नही आया। इस दर्दनाक मंज़र को सुनकर लोग दहाड़े मारकर रोने लगे। इसके बाद नौहा मातम का सिलसिला शुरू हुआ जिसमें अंजुमन  दस्ताने मासूमिया घोसी मऊ ने अपने नौहे पेश कर पूरा माहौल गमगीन कर दिया। मिसरे तरह असीर हो गए अहले हरम हुसैन के बादष् आसिफ बिजनोरी की व, शह नन्ही सी तुर्बत में एक चाँद छुपाते हैष् हसन फतेहपुरी पर पूरी रात अंजुमन गुंचाए मज़लूमिया फैज़ाबाद,हैदरी बनारस, अज़ाये हुसैन जाफराबाद जलालपुर अंबेडकरनगर,व अफ़ज़ाल अख्तर के अलावा शहर की प्रमुख अंजुमन ने अपने दर्द भरे नौहे पढ़ कर कर्बला के सबसे कमसिन शहीद अली असगर को नजराने अकीदत पेश किया।

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