वाराणसी से गिरफ्तार पीएफआई सदस्यों मोहम्मद शाहिद और रिजवान अहमद की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर कर ली गई है। अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन अष्टम सौम्या अरुण की अदालत में सोमवार को 55 घंटे के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने का आदेश दिया। रिमांड की अवधि मंगलवार सुबह 10 बजे से 29 सितंबर की शाम 5 बजे तक रहेगी। इस दौरान अधिवक्ताओं को भी साथ रहने की छूट दी गई है। हालांकि अधिवक्ता किसी प्रकार का व्यवधान नहीं करेंगे और 20 मीटर की दूरी बनाकर रहेंगे।

एटीएस की टीम ने दोनों आरोपियों को दो दिन पहले गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उसी दिन पुलिस ने कस्टडी रिमांड पर देने की गुहार लगाई गई थी। इस पर कोर्ट ने सोमवार को आरोपितों को तलब करते हुए अर्जी पर सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तिथि नियत की थी। दोनों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल से लाकर पेश किया गया।कोर्ट में कस्टडी रिमांड अर्जी का विरोध करते हुए आरोपितों के अधिवक्ता मोहिउद्दीन उर्फ राकी खान, प्रेमप्रकाश व राजेश यादव ने दलील दी कि आरोपी को पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से 22 सितंबर की भोर में पौने 4 बजे घर से हिरासत में लिया और लगभग 60 घंटे पुलिस हिरासत में रखने के बाद कोर्ट में पेश किया। गिरफ्तार करने का कारण आधार भी नही बताया गया। पुलिस रिमांड देने पर आरोपियों को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित किया जाएगा। ऐसे में आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिया जाना न्याय संगत नही होगा। 

कोर्ट में अभियोजन की ओर से एपीओ नागेंद्र मिश्र ने पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने की गुहार लगाई। इस दौरान कोर्ट में विवेचक सहायक पुलिस आयुक्त त्रिलोचन त्रिपाठी भी अपने कागजात के साथ मौजूद रहे। जिस पर अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने और पत्रावली के अवलोकन के बाद दोनों आरोपियों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर देने का आदेश दिया है।

अदालत ने कहा रिमांड के दौरान आरोपियों के साथ मारपीट नहीं की जाएगी और उनके अधिवक्ता 20 मीटर दूर राह सकेंगे। हालांकि कोई व्यवधान उत्पन्न नही करेंगे। अदालत ने कहा कि प्रपत्रों के अवलोकन से स्पष्ट है की आरोपी 24 सितम्बर से न्यायिक अभिरक्षा में हैं।

विवेचक द्वारा कथन किया गया है कि आरोपियों से विवेचना के क्रम में बरामद मोबाइल फोन के डाटा एक्सट्रैक्शन से जो साक्ष्य प्राप्त होंगे, उन्हें डिस्कवर करने, आरोपियों के बैंक खाते का विश्लेषण करने और आरोपियों के विभिन्न संगठनों के संबंध में आरोपी मो शाहिद के घर की तलाशी लेकर उसके द्वारा प्रयोग किए गए मोबाइल को प्राप्त करने व आरोपियों के निशानदेही पर पीएफआई कार्यालय वाराणसी के तलाश के बाबत विस्तृत पूछताछ की जानी है। कोर्ट ने इन तथ्यों व परिस्थितियों को देखते हुए पुलिस कस्टडी रिमांड पट देने का आदेश दिया।

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