रेलवे प्रशासन की मनमानी से नगर में नहीं खत्म हो रहा है बिजली संकट 

           गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों
अम्बेडकरनगर। रेलवे अधिकारियों की मनमानी के चलते अकबरपुर नगर को बिजली संकट से निजात नहीं मिल पा रही है। डीएम की पहल के बावजूद रेलवे की तरफ से क्षतिग्रस्त की गई केबल के स्थान पर नई केबल बिछाने के लिए बिजली विभाग से समन्वय स्थापित नहीं हो पा रहा है। नतीजा यह है कि केबल व पाइप पहुंचने के पांचवें दिन तक उसे बिछाने की नौबत नहीं आ पाई है, जबकि यह कार्य कुछ घंटों का ही है। ऐसा न हो पाने के कारण अकबरपुर नगर के तीन चौथाई हिस्से की विद्युत आपूर्ति लगातार बेपटरी बनी हुई है। लगातार ट्रिपिंग ने नागरिकों को बेहाल कर दिया है।रेल लाइन दोहरीकरण के कार्य में पहले मनमाने ढंग से अंडरग्राउंड बिजली केबल क्षतिग्रस्त कर दिए जाने के बाद अब रेल अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर नई केबल डलवाने का समय नहीं मिल पा रहा है। नतीजा यह है कि अकबरपुर उपकेंद्र, मरैला उपकेंद्र व बैरमपुर बरवां उपकेंद्र से जुड़े उपभोक्ताओं के बीच बिजली आपूर्ति को लेकर हाहाकार मचा हुआ है।डीएम सैमुअल पॉल एन ने प्रकरण को स्वयं गंभीरता से लेते हुए हस्तक्षेप किया। उन्होंने रेल अधिकारियों से वार्ता की और बिजली विभाग के अधिकारियों को बुलाकर लगातार समन्वय स्थापित करने को कहा। इन सबके बीच अंडरग्राउंड नई केबल 15 अगस्त की सुबह जिला मुख्यालय पहुंच गई। इस बार एक केबल की बजाए दो अलग अलग समानांतर अंडरग्राउंड केबल बिछाई जानी है।
रेल अधिकारियों को बताया भी गया कि केबल यहां पहुंच गई है। पुरानी केबल क्षतिग्रस्त होने से समूचे जिला मुख्यालय पर विद्युत आपूर्ति का संकट बना हुआ है। इसके बावजूद 19 अगस्त की शाम तक यह तय नहीं हो पाया कि रेलवे अधिकारी यहां कब पहुंचेंगे। दरअसल अंडरग्राउंड केबल डालने के लिए बिजली विभाग को खुदाई करानी है। ऐसा करने में रेलवे का कोई तार या उपकरण खराब न हो जाए, इसलिए रेल अधिकारियों की मौजूदगी जरूरी है। इसके बावजूद पिछले पांच दिन से रेल अधिकारियों को अकबरपुर पहुंचकर अंडरग्राउंड केबल बिछवाने में मदद करने की फुर्सत नहीं मिल पा रही है।
उपभोक्ताओं ने जताई नाराजगी
अकबरपुर नगर के उपभोक्ता श्यामलाल, पंकज व विमलेंद्र ने कहा कि रेलवे अधिकारियों की मनमानी को लेकर कार्रवाई की जरूरत है। आम उपभोक्ता बिजली संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन रेलवे कर्मचारियों की मनमानी जारी है। नागरिकों ने कहा कि जिला प्रशासन को कड़ा पत्र लिखने की जरूरत है। इस पत्र में संबंधित रेलवे अधिकारियों व कर्मचारियों की जवाबदेही भी तय कराई जाए। उपभोक्ता श्रीराम, नीलेश ने कहा कि बिजली विभाग के अभियंताओं की भी जिममेदारी तय करते हुए उन पर कार्रवाई तय कराई जाए। कहा गया कि जब दोहरीकरण का कार्य चल रहा था, तो अभियंताओं ने यह सुध क्यों नहीं लिया कि दोहरीकरण कार्य में बिजली की केबल क्षतिग्रस्त हो सकती है। उपभोक्ताओं ने कहा कि विद्युत अधिकारियों ने यदि नियमित मॉनीटरिंग की होती, तो इस संकट से निजात मिल सकती थी।रेल अधिकारियों से संपर्क स्थापित किया गया है। वे जल्द ही यहां पहुंचेंगे। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ही इस बार दो अंडरग्राउंड केबल बिछाई जा रही है। इससे उपभोक्ताओं को काफी लाभ होगा।
अंबा प्रसाद वशिष्ठ, अधीक्षण अभियंता विद्युत

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