महेश अग्रहरी
त्याग और बलिदान का महापर्व बकरीद पूरे जेल में हर्षोल्लास के साथ बंदियों ने बकरीद का त्योहार मनाया.
जिला कारागार में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रविवार की सुबह पवित्र बकरीद की नमाज अदा कर एक-दूसरे को गले मिलकर आपसी सौहार्द एवं भाईचारा से रहने का संदेश दिया।कारागार में करीब 250 की संख्या में बंद अल्पसंख्यक समुदाय के बंदियों ने भी जेल के अंदर बकरीद की नमाज अदा करने के साथ आपसी भाईचारे के साथ दूसरे समुदाय के बंदियों के साथ पर्व मनाया. कारागार में ईद उल अज़हा (बकरीद) के अवसर पर बंदियों को विशेष भोजन के साथ-साथ मिष्ठान्न वितरण भी किया गया। नमाज़ियों ने देश-दुनिया में अम्नो-चैन की दुआ पढ़ी।
जेल अधीक्षक हर्षिता मिश्रा ने बताया कि बकरीद का तात्पर्य सिर्फ कुर्बानी देना ही है बल्कि अल्लाह ताला एवं खुदा के समक्ष अपनी अजीज इच्छाओं एवं भावनाओं को समर्पण करने का पर्व है। लोग हजरत इब्राहिम की कुर्बानियों का अपने जीवन में अमल करें। जिसने खुदा के समक्ष अपने एकलौते पुत्र की कुर्बानी देकर दुनिया को त्याग और बलिदान का संदेश दिया था।जेल अधीक्षक ने सभी को आपसी सौहार्द्र बनाए रखने की अपील करते हुए शुभकामनाएं भी दीं।

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