श्रेयस अय्यर के पिता ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट ही असली क्रिकेट है। हम हमेशा से चाहते थे कि वह सफेद जर्सी में भारतीय टीम के लिए खेले। आज मेरा यह सपना पूरा हो गया है।

नई दिल्ली
श्रेयस अय्यर के लिए 25 नवंबर साल 2021 का दिन बहुत खास है। आज उन्होंने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की। कानपुर में अपनी पहली टेस्ट पारी में ही उन्होंने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक नाबाद 75 रन बना लिए थे। मुंबई के इस बल्लेबाज के करियर का आगाज बहुत अच्छा हुआ है।
अय्यर को उनकी टेस्ट कैप महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने सौंपी। अय्यर के पिता संतोष अय्यर भी अपने बेटे के टेस्ट क्रिकेटर बनने पर काफी खुश नजर आए। संतोष ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट ही असली क्रिकेट है और वह हमेशा से अपने बेटे को देश के लिए सफेद जर्सी में खेलते देखना चाहते थे। संतोष ने यह भी कहा कि कि श्रेयस की मां भी बेटे को भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में खेलते देखकर काफी खुश हैं।
अंग्रेजी अखबार मिड-डे से बातचीत में संतोष ने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट असली क्रिकेट है। मैं हमेशा से चाहता था कि वह टेस्ट क्रिकेट खेलें। आज मेरा सपना पूरा हो गया। मैं और मेरी पत्नी बहुत खुश हैं।'

अय्यर के पिता और उनकी वॉट्सऐप डीपी
संतोष अय्यर की वॉट्सऐप की डिस्प्ले पिक्चर में साल 2017 की तस्वीर लगी है। इस तस्वीर में श्रेयस अय्यर के हाथों में ट्रोफी है। यह तस्वीर धर्मशाला की है। भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर 2-1 से टेस्ट सीरीज जीती थी।
संतोष ने बताया है कि आखिर क्यों उन्होंने बीते चार साल से यह तस्वीर नहीं बदली थी। उन्होंने कहा, यह तस्वीर श्रेयस अय्यर को इस बात की याद दिलाती रहेगी कि टेस्ट क्रिकेट खेलना उनके करियर का सबसे बड़ा लक्ष्य होना चाहिए। आज उनके बेटे ने टेस्ट क्रिकेट खेलकर उनका सपना पूरा कर दिया।

उन्होंने कहा, 'हम हमेशा से चाहते थे कि वह टेस्ट क्रिकेट खेले। मैं बहुत उत्साहित हूं कि श्रेयस को टेस्ट टीम में जगह मिली। वह हमेशा से कहता था कि ऐसा होगा। तो, आखिर ऐसा हो गया। सच कहूं, तो हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी कि न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्हें यह मौका मिलेगा। हम चाहते हैं कि वह अच्छा प्रदर्शन करे। चूंकि टीम में कई बड़े खिलाड़ी नहीं हैं ऐसे में उसके (श्रेयस) लिए यह बड़ा मौक है।'

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