मंदिर सूत्रों के मुताबिक, रविवार प्रातः मंगला आरती में श्रद्धा से ओतप्रोत एक भक्त ने ये दान दिया। उसने निज मनोकामना की पूर्णता पर अपने पुरोहित की प्रेरणा से सुंदर नक्काशीदार एक मुकुट व एक जोड़ा चरण मां की सेवा में भेंट किया। 

मिर्जापुर जिले में एक भक्त ने रविवार को मनोकामना पूरी होने पर एक किलोग्राम वजन के सोने से निर्मित मुकुट व चरण मां विंध्यवासिनी को अर्पित किया। रविवार की भोर मंगला आरती में श्रद्धा से ओतप्रोत एक भक्त की ओर से पुरोहित के सानिध्य में एक किलोग्राम वजन का सुंदर नक्काशीदार मुकुट व एक जोड़ी चरण मां के चरणों में भेंट किया गया। दर्शनार्थी व तीर्थपुरोहित ने अपना नाम एवं पता गोपनीय रखा है। आभूषण चढ़ाए जाने के बाद से ही क्षेत्र में इसकी चर्चा शुरू हो गई।

रविवार को भी एक भक्त ने मुकुट और चरण मां विंध्यवासिनी को समर्पित किया। भक्त ने अपने तीर्थपुरोहित की मौजूदगी में विधिवत पूजा अर्चना के बाद ऐसा किया। वैसे तो प्रति दिन ही छोटे बड़े आभूषण मां को चढ़ाए जाते हैं पर कुछ वर्ष पूर्व एक भक्त ने मनोकामना पूर्ति के बाद विंध्याचल मंदिर में एक करोड़ 28 लाख रुपये की लागत के हार मुकूट सहित अन्य आभूषण चढ़ाए थे।
सालभर में चढ़ाया जाता है करोड़ों का सोना, नहीं मिलती जानकारी
विंध्यवासिनी दरबार लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां आम दिनों में भी हजारों की संख्या में दर्शन पूजन के लिए भक्त पहुंचते हैं और अपनी मनोकामना पूरी होने की कामना करते हैं। मनोकामना पूर्ण हो जाने पर श्रद्धालु अलग अलग तरीके से अपनी श्रद्धा मां के चरणों में समर्पित करते हैं। ज्यादातर भक्त अपने सामर्थ्य अनुसार मां को आभूषण, परिसर में यात्री सुविधाओं से जुड़े उपकरण इत्यादि दान करते हैं।


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