मंगलवार सुबह अलोपीबाग में फांसी लगाकर जान दे दी। उसके इस आत्मघाती कदम से परिवार में कोहराम मच गया। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने छानबीन की लेकिन कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। छात्रा अपनी मौसी के घर में रहकर पढ़ाई करती थी । अलोपीबाग में रहने वाली रीता यादव जीआईसी में शिक्षिका हैं। उनके घर पर उनकी बहन की बेटी 20 वर्षीय अंजू रहती थी। वह बीए तृतीय वर्ष की छात्रा थी। मंगलवार सुबह अंजू के मौसा विजय यादव ड्यूटी पर चले गए। सुबह तकरीबन 11 बजे अंजू ने खाना खाया और इसके बाद वह कमरे में पढ़ाई करने चली गई। इस बीच उसकी मौसी रीता यादव बाथरूम चली गई। थोड़ी देर बाद जब वह बाथरूम से निकलीं और अंजू के कमरे में गईं। अंजू ने दरवाजा अंदर से बंद किया था। उन्होंने खटखटाया, चिल्लाईं लेकिन अंजू ने कोई जवाब नहीं दिया। इस दौरान उन्होंने खिड़की से झांका तो उनके होश उड़ गए। कमरे में अंजू फांसी पर लटकी थी। शोर मचाने पर पड़ोसियों की मदद से दरवाजे को धक्का देकर खोला गया। परिजनों ने उसे फांसी के फंदे से नीचे उतारा। मोहल्ले के डॉक्टर को बुलाया गया, जिन्होंने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके बाद दारागंज पुलिस भी जांच करने पहुंच गई। पुलिस ने बताया कि अंजू के घर वालों को भी आत्महत्या की जानकारी दे दी गई है। पुलिस इस मामले में आगे की विधिक कार्रवाई कर रही है।

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