इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति को अवैध निरुद्धि से छुड़ाने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की जा सकती है। अपनी मर्जी से पति का घर छोड़कर गई पत्नी को वापस लाने के लिए बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल नहीं की जा सकती,यह आदेश न्यायमूर्ति डा वाईके श्रीवास्तव ने मुजफ्फरनगर की सोनिया की तरफ से दाखिल पति की बंदीप्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करते हुए दिया है।
कोर्ट ने क्षेत्राधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट में बताया गया याची पति को छोड़कर अपनी मर्जी से गई है। उसे किसी ने अवैध निरुद्धि में नहीं रखा है। कोर्ट ने कहा ऐसी याचिका पोषणीय नहीं है।

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