राम मंदिर ध्वजारोहण के अवसर पर रामकृष्ण मठ में विशेष कार्यक्रम सम्पन्न।


लखनऊ. 


लखनऊ की अर्यमा शुक्ला ने 11 बार राम सहस्रनाम स्तोत्रम का लगातार पाठ कर सबको किया आश्चर्यचकित।


अयोध्या में राम जन्मभूमि स्थित राम मंदिर में ध्वजारोहण के शुभ अवसर पर रामकृष्ण मठ, निराला नगर, लखनऊ में दिनांक 25 नवंबर 2025 को रामकृष्ण मठ के सार्वभौमिक मंदिर में में प्रातः एवं  सायंकाल में आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजित किया गया जिससे राजधानीवासी भी इसका लाभ उठा सके साथ ही साथ समस्त कार्यक्रम हमारे यूटयूब चैनल ‘रामकृष्ण मठ लखनऊ’ के माध्यम से सीधा प्रसारण भी किया गया।


रामकृष्ण मठ, लखनऊ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज  ने कहा कि 25 नवंबर को बहुत शुभ मुहूर्त में राम मंदिर पर ध्वजारोहण  हुआ है ये धर्मध्वजा केवल एक ध्वजा नहीं, ये भारतीय सभ्यता के पुनर्जागरण का ध्वज है। इसका भगवा रंग, इस पर अंकित सूर्यवंश की ख्याति, वर्णित ॐ शब्द और अंकित  कोविदार वृक्ष रामराज्य की कीर्ति का प्रतीक है। ये ध्वज संकल्प है, सफलता है, संघर्ष से सृजन की गाथा है, सदियों से चले आ रहे स्वप्नों का  साकार स्वरूप है, ये ध्वज संतों की साधना और समाज की सहभागिता की सार्थक परिणीति है।


रामकृष्ण मठ के सार्वभौमिक मंदिर में 25 नवम्बर को सुबह 5ः00 बजे शंखनाद व मंगल आरती के बाद 6ः50 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा की शुरूआत प्रातः 7ः00 बजे से हुई जिसका समापन प्रातः 8ः30 बजे रामकृष्ण मठ के स्वामी कृष्णपदानन्द द्वारा हुआ तत्पश्चात प्रातः 8ः30 से दोपहर 12ः00 बजे तक 11 बार राम सहस्त्रनाम का निरंतर पाठ 10 वर्षीय बालिका आर्यमा शुक्ला की मधुर वाणी से मनमोहक पाठ बिना लिपि देखे किया गया जिसका उच्चारण सुनकर उपस्थित लोंग दंग रह गये।

अर्यमा को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने उनकी इस प्रतिभा देखकर उनको आपना आशीर्वाद भी दिया है। अर्यमा को संस्कृत के मंत्रों को सुनकर याद करने की अद्भुद क्षमता है। उन्हें महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र, श्री कनकधारा स्तोत्र, श्री विष्णु सहस्रनाम, श्री राम स्तुति, सरस्वती वंदना, ओम शिवोहम, शिव रक्षा स्तोत्र, शिव तांडव, श्री रामाष्टकम, कृष्णाष्टक पूरी तरह से याद हैं। वह इन मंत्रों और स्तोत्रों को उतनी ही मधुर आवाज में पढ़ती हैं जितनी आसानी से मधुराष्टकम, श्री गणेश पंचरत्नम, ’नवदुर्गा स्तोत्रम्, श्री हरि स्तोत्रम, अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम्ः’ रुद्राष्टकम, शिवाष्टकम, निर्वाण शतक, शिवषडाक्षर स्तोत्रम् आदि का पाठ करती हैं। खास बात यह है कि ये मंत्र और स्तोत्र बिना पुस्तक देखे ही सुनाती हैं। उस दौरान मठ के स्वामी व श्रद्धालुओं ने लिपि देखकर पाठ किया जिससे उनके जीवन में श्री राम जी की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति हो सके। 


राम सहस्त्रनाम के पाठ के पश्चात रामकृष्ण मठ, लखनऊ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज ने लखनऊ की अद्भूद प्रतिभाशाली बालिका आर्यमा शुक्ला को एक माँ सारदा देवी की एक प्रसादी साड़ी, ठाकुर जी प्रसादी माला और प्रसाद देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के समापन पश्चात सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।


संध्याकालीन सत्र में भगवान श्री रामकृष्ण की संध्या आरती और हनुमान चालीसा के उपरान्त सायं 6ः50 बजे लखनऊ की  अद्भूद बालिका आर्यमा शुक्ला द्वारा निरन्तर तीन बार हनुमान सहस्त्रनाम का पाठ किया गया साथ ही साथ श्रद्धालु ने भी लिपि को देखते हुए साथ ही में पाठ किया। कार्यक्रम के समापन पश्चात सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।


रामकृष्ण मठ, लखनऊ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज ने  कहा कि इस आध्यात्मिक आयोजन का उद्देश्य यह है कि भक्त के जीवन में श्रीराम के आदर्श और उनके आशीर्वाद को प्रतिफलित करते हुए जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सके।

स्वामी जी ने राम का अर्थ बताते हुए  कहा कि राम यानि जनता के सुख को सर्वोपरि रखना, राम यानि आदर्श मर्यादा और सर्वोच्च चरित्र, हमें श्रीराम के व्यक्तित्व को समझना होगा। 



(स्वामी मुक्तिनाथानन्द)

अध्यक्ष

रामकृष्ण मठ, लखनऊ

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