उतरौला बलरामपुर- इन दिनों ट्रैफिक के जाम की गम्भीर समस्या होने से नगर जूझ रहा है। एक समय यह था,कि जब यहां की सड़कों पर आवाजाही सरल और सहज थी,लेकिन बीते कुछ वर्षों में तेजी के साथ बढ़ते वाहनों की संख्या सड़क पर अवैध तरीके से हो रहे कब्जा, और असंगठित यातायात व्यवस्था ने स्थिति को बेहद चिन्ता जनक बना दिया है। आज हालात यह हैं कि कस्बे के मुख्य बाजार सेलेकर मोहल्लों को जोड़ने वाले रास्तों पर जाम की समस्या दिन भर बनी रहती है,जिससे आम लोगों का जीवन अस्त- व्यस्त हो गया है। *सुबह और दोपहर में सबसे अधिक संकट रहता है* वैसे तो जाम की समस्या लगभग हर समय बनी रहती है लेकिन सबसे ज्यादा दिक्कत सुबह लगभग 8 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक रहती है। यह वह समय है,जब स्कूल, कॉलेज और दफ्तरआने जाने वाले लोग बड़ी संख्या में लोग सड़क पर होते हैं। जैसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे से मुख्य बाजार की ओर जाने वाला मार्ग,जो कस्बे की प्रमुख जीवन रेखा है, इस समय लग भग ठहर सा जाता है।टाइनी टाट्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल,मोहम्मद एम वाई उस्मानी इण्टर कॉलेज,एच आर ए इण्टर कॉलेज,राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमि क विद्यालय, इमानुएल चर्च स्कूल,एम जे एक्टिविटी स्कूल, स्कॉलर्स अकैडमी,भारतीय विद्या लय इण्टर कॉलेज और अन्य प्रमुख स्कूलों के छात्र-छात्राएं जाम में फंसकर देर से स्कूल पहुंचते हैं। जिससे उनकी पढ़ाई तो बाधित होती रहती है साथ ही साथ शिक्षकों का डाट भी खाना पड़ता है,और लौटते समय भी घर पहुं चने में उन्हें घंटों का इंत जार करना पड़ता है।
एक छात्रा के अभिभावक ने बताया कि हम सुबह समय से बच्चों को स्कूल भेजते हैं, लेकिन जाम के कारण वे लेट पहुंचते हैं। इससे उनका पढ़ाई का समय बर्बाद होता है, और कई बार उन्हें शिक्षक की नाराजगी भी झेलनी पड़ती है। *अवैध कब्जा और पटरियों पर दुकानें बनी सम स्या की जड़*
स्थानीय निवासियों और राहगीरों का कहना है कि इस जाम का मुख्य कारण सड़क के दोनों किनारों के पटरियों पर अवैध तरीके से कब्जा बना हुआ है। कई दुका नदार अपने सामान को पटरियों पर फैलाकर रखते हैं,जिससे सड़क का काफी हिस्सा घिर जाता है। इनके यहां खरीदारी करने आने वाले ग्राहक अपनी गाड़ियां सड़क पर खड़ी कर देते हैं, जिससे यातायात और भी बाधित हो जाता है।
कुछ सूत्रों का कहना है कि यह अस्थाई दुकानें केवल अपनी मर्जी से नहीं लगतीं, बल्कि कुछ प्रभाव शाली लोग इनसे मोटी रकम वसूल कर पटरियों पर कब्जा कर ने की अनुमति दे देते हैं। यह न केवल कानून का उल्लंघन है,बल्कि आम जनता के लिए यातायात का बड़ा संकट भी पैदा करता है। *बे तरतीब वाहन पार्किंग और ऑटो- रिक्शा की कतारें*
श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौराहे पर ऑटो रिक्शा और ठेले बे तरतीब ढंग से खड़े होते हैं। ड्राइवर यात्रियों के इंतजार में सड़क के किनारे,बल्कि कई बार बीच सड़क पर ही खड़े रहते हैं। इसके अलावा,हाटन रोड तिराहा गोण्डा मोड़, सब्जी मंडी,और फक्क ड़ दास चौराहे तक का रास्ता भी दिन में कई बार पूरी तरह से जाम हो जाता है। *जाम के होने से व्यापार पर काफी असर पड़ता है* ट्रैफिक के जाम से केवल लोगों की यात्रा में देरी नहीं कर रहा,बल्कि स्थानीय व्यापार पर भी नकारात्मक असर डाल रहे है। कस्बे के बाजारों में खरीदारी के लिए आने वाले ग्राहकों को लम्बा समय जाम में बिताना पड़ता हैनतीजा यह है कि कई लोग यहां आने से बचते हैं और अन्य कस्बों या ऑन लाइन से खरीदारी की ओर रुख कर रहे हैं। दुकानदारों का कहना है कि इस कारण उनकी बिक्री में कमी आ रही है। *सूत्रो का कहना कि आर्थिक और मान सिक नुकसान काफी हो रहा है* लोगों का कहना है कि रोजाना का जाम समय, ईंधन और ऊर्जा–तीनों की बर्बादी कर रहा है। कई बार स्कूल और ऑफिस जाने वाले लोग घंटों देर से पहुंचते हैं,जिससे उनके कामकाज पर काफी असर पड़ रहा है। वहीं पर बार-बार हॉर्न और वाहनों के धुएं से प्रदूषण और भी बढ़ रहा है, जो खासकर बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए हानि कारक साबित है।
*स्थानीय निवासियों की राय और सुझाव*
*कस्बे के कई जागरू क नागरिकों और समाज सेवियों ने प्रशासन को सुझाव दिया हैं कि पटरियों और सड़कों पर फैले दुकानों के सामान को हटाया जाए, और दुकानदारों को केवल अपनी दुकान की सीमा तक ही सामान रखने की अनुमति दी जाए। कुछ भीड़भाड़ वाले रास्तों को वन-वे किया जाए, जिससे यातायात का दबाव कम हो सके।*बाजार के आस पास अलग से पार्किंग स्थल बनाया जाएं, ताकि वाहन सड़क पर खड़े न हों।*व्यस्त समय में अधिक संख्या मेंयाता यात पुलिस कर्मी भी तैनात किए जाएं, ताकि वाहन व्यवस्था बनाए रखी जा सके।*ऑटो रिक्शा और ठेला चालकों के लिए स्टैण्ड निर्धारित स्थान तय किया जाए, ताकि वे सड़कों को अवरुद्ध न कर सके।*प्रशासन की जिम्मेदारी और अपेक्षा* उतरौला के नागरिकों का मानना है कि यह समस्या अब तत्काल कार्यवाही की मांग करती है। अगर अभी सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आनेवाले समय में यह और भी गम्भीर रूप ले सकती है। नगर पालिका, पुलि स विभाग औरयातायात विभाग को मिलकर इस दिशा में ठोस योजना बनानी होगी।स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि जामअब सिर्फ असुविधा नहीं, बल्कि आर्थिकऔर सामाजिक नुकसान का कारण बन चुका है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर प्राथमिकता से काम करे। उतरौला में ट्रैफिक जाम की समस्या ने लोगों के रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित कर दिया है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक, हर कोई इससे परेशान है। यह केवल प्रशासनिक सख्ती नागरिक अनु शासन और उचित योजना से ही हल हो सकती है। अगर प्रशा सन, दुकानदार और आम नागरिक मिलकर सहयोग करें, तो उतरौ ला को जाम की इस जकड़न से मुक्त किया जा सकता है।
हिन्दी संवाद न्यूज से
असगर अली की खबर
उतरौला बलरामपुर।
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