पर्यटन विभाग द्वारा बदायूं, कौशांबी, प्रतापगढ़, बिजनौर के धार्मिक स्थलों के विकास योजनाओं को मिली स्वीकृति
02.45 करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजनाओं से होंगे विकास कार्य
पर्यटकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध -जयवीर सिंह
लखनऊः 10 जून 2025
उत्तर प्रदेश में आध्यात्मिक और विरासत पर्यटन को सशक्त बनाने के प्रयासों को गति प्रदान की गई है। इसी कड़ी में पर्यटन विभाग ने बदायूं, कौशांबी, प्रतापगढ़ और बिजनौर जिले के महत्वपूर्ण धार्मिक एवं बौद्ध स्थलों के विकास के लिए 02.45 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल पर्यटन स्थलों की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करना है, बल्कि पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाना तथा पर्यटन क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को गति देना भी है। यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि ’’इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन से बदायूं जिले में पर्यटन गतिविधियों में वृद्धि होगी। साथ ही, स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।’’
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि ‘‘पर्यटन विभाग द्वारा 02.45 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से विभिन्न परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। बदायूं जनपद के प्रतिष्ठित कुरु खेड़ा सिद्ध बाबा मंदिर में सौंदर्यीकरण और सुविधाओं के विकास हेतु 57.31 लाख रुपए की धनराशि आवंटित की गई है। वहीं, कौशांबी जनपद के नीबी शाना गांव स्थित अश्वघोष बौद्ध विहार के पर्यटन उन्नयन के लिए 55.70 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। यह स्थल बौद्ध विरासत में अपना विशेष स्थान रखता है। यहां प्रतिवर्ष देश-विदेश से बौद्ध धर्मावलंबियों का आगमन होता है।’’
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इसी प्रकार प्रतापगढ़ जनपद में ग्राम सभा कोठा में दहिन देवी धाम, संडवा चंद्रिका मंदिर के आसपास के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 57.40 लाख रुपए की परियोजना मंजूर की गई है। इसके अतिरिक्त, बिजनौर जनपद के नहटौर क्षेत्र के फतेहपुर गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर के पर्यटन विकास के लिए 75.74 लाख रुपए की राशि निर्धारित की गई है। इस मंदिर के महत्व को देखते हुए इसका कायाकल्प श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि इन सभी स्थलों पर विकास कार्यों के अंतर्गत सौंदर्यीकरण, छायादार शेड का निर्माण, पेयजल की सुविधा, बैठने की उचित व्यवस्था जैसे कुर्सियों की स्थापना की जाएगी। साथ ही, पर्यटक अनुकूल अन्य सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी, जिससे श्रद्धालुओं- आगंतुकों को सुविधाजनक और संतोषजनक अनुभव प्राप्त हो सके।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने विकास कार्यों पर बताया कि ‘‘उत्तर प्रदेश आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक विरासत की भूमि है। हमारी सरकार इन स्थलों पर सुविधाएं विकसित कर पर्यटकों को एक बेहतर और स्वागत पूर्ण अनुभव देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह विकास कार्य हमारे सांस्कृतिक स्थलों के संरक्षण तथा उन्हें विश्वस्तरीय पर्यटन स्थलों के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’
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