मुख्यमंत्री ने पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष
स्मृति अभियान-2025 के अन्तर्गत आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित किया
औरैया में राजकीय मेडिकल काॅलेज लोकमाता
अहिल्याबाई होलकर के नाम से जाना जाएगा: मुख्यमंत्री
प्रदेश सरकार ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के नाम पर कामकाजी
महिलाओं के लिए 07 स्थानों पर वर्किंग हाॅस्टल के निर्माण हेतु
वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में प्राविधान किया
प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से पूरे देश में 21 से 31 मई तक लोकमाता अहिल्याबाई
होल्कर के विराट व्यक्तित्व के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए कार्यक्रम प्रारंभ हुए
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर ने किसान, नौजवान, कारीगर, हस्तशिल्पी
और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया
रानी अहिल्याबाई होल्कर ने भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को
संरक्षित करने के लिए उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम तक वृहत्तर
भारत को ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के रूप में जोड़ने का कार्य किया
‘आॅपरेशन सिंदूर’ ने साबित किया कि भारत के खिलाफ किसी
ने हिमाकत की तो नया भारत उसका जवाब उसी रूप में देगा
आज उ0प्र0 में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की कार्रवाई प्रारम्भ होने जा रही
लखनऊ: 22 मई, 2025:ः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के नाम पर कामकाजी महिलाओं के लिए सात स्थानों पर वर्किंग हाॅस्टल के निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में प्राविधान किया है। औरैया में राजकीय डिग्री काॅलेज जो लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के नाम पर था, उसका नाम बदलने का कार्य समाजवादी पार्टी सरकार ने किया था। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि औरैया में राजकीय मेडिकल काॅलेज लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के नाम से जाना जाएगा।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर पुण्यश्लोक रानी अहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष स्मृति अभियान-2025 के अन्तर्गत आयोजित एक संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से पूरे देश में 21 से 31 मई तक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के विराट व्यक्तित्व के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए कार्यक्रम प्रारंभ हुए हैं, जिन्हें एक बड़े अभियान के तहत हमें अनेक स्तर पर लेकर जाना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर का व्यक्तित्व और कृतित्व हम सभी के लिए प्रेरणाप्रद है। किसान, नौजवान, कारीगर, हस्तशिल्पी और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया था। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए उत्तर से दक्षिण तथा पूर्व से पश्चिम तक वृहत्तर भारत को ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के रूप में जोड़ने का कार्य आज से ढाई सौ वर्ष पहले प्रारंभ कर दिया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि औरंगजेब जैसे क्रूर और बर्बर शासक के समय में भारत के मंदिर तोड़े गए। उससे पहले बाबर के समय में भारत की आस्था के प्रतीकों को नष्ट करने का कार्य किया गया। राजे-महाराजे बहुत रहे होंगे, लेकिन इन मंदिरों का जीर्णोंद्धार और भारत की आस्था को सम्मान देने का कार्य लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने किया।
रानी अहिल्याबाई होल्कर ने मालवा राज्य के बाहर भी भारत की आस्था के प्रतीक स्थलों काशी विश्वनाथ, जगन्नाथपुरी, पशुपतिनाथ, केदारनाथ, महाकाल, सोमनाथ के साथ ही सुदूर दक्षिण में रामेश्वरम तक अपने अभियान को निरन्तर जारी रखा। अनेक विधर्मी व विदेशी शासकों के बावजूद रानी अहिल्याबाई होल्कर ने अपनी स्वयं की कमाई का उपयोग कर भारत की आस्था को सम्मान देने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में सामान्य परिवार में रानी अहिल्याबाई होल्कर का जन्म 31 मई, 1725 को हुआ था। छोटी सी उम्र में उनका विवाह हो गया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपनी शिक्षा जारी रखी हैं। ससुराल पक्ष ने उन्हें सम्बल दिया है। उनके सामने चुनौतियां थी, लेकिन वह कभी चुनौतियों से भागी नहीं। अपने 70 वर्षों के जीवन काल में उन्होंने आदर्श शासन व्यवस्था की नींव रखी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर ने स्थानीय हस्तशिल्पियों और कारीगरों के कल्याण के विभिन्न कार्यक्रम आगे बढ़ाए। मध्य भारत में माहिष्मति की साड़ियां विख्यात हैं। माहिष्मति में नर्मदा नदी का घाट लोकमाता के विराट व्यक्तित्व की ओर हम सब का ध्यान आकर्षित करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘जहाँ सुमति तहँ संपति नाना, जहाँ कुमति तहँ बिपति निदाना’ अर्थात जहां सद्बुद्धि और सदाचार है वहां पर सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। भारतीय संस्कृति सदैव से इस बात को मान्यता देती रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत दुनिया के सामने एक आदर्श व्यवस्था का केंद्र बनकर उभरा है। उनके नेतृत्व में विगत 11 वर्षों से हम सभी इसका अनुभव कर रहे हैं। देश वही है केवल सत्ता एक ऐसे व्यक्तित्व के हाथों में आ गई जिन्होंने अपनी सकारात्मक ऊर्जा का लाभ 140 करोड़ भारतवासियों को दिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नकारात्मक सोच से उबर कर जब देश वर्ष 2014 में एक ऐसे व्यक्तित्व के हाथों में आया जिन्होंने नेशन फस्र्ट के भाव को 140 करोड़ के नागरिकों के मन में पैदा कर दिया। ‘सबका साथ-सबका विकास’ के मंत्र के माध्यम से देश को जोड़ने का कार्य किया। आज भारत गर्व के साथ सीना तानकर चलता हुआ दिखाई देता है। ऋषि परम्परा का भारत किसी को छेड़ता नहीं है और यदि कोई छेड़ता है तो उसे छोड़ता भी नहीं है। ‘आॅपरेशन सिंदूर’ ने साबित किया कि भारत के खिलाफ किसी ने हिमाकत की तो नया भारत उसका जवाब उसी रूप में देता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत में क्षमता वर्ष 2014 के पूर्व भी थी, लेकिन पूर्व की सरकारों ने देश को भारत के रूप में नहीं देखा। भारत को भारतीयता की पहचान नहीं दी। भारत को भारतीय दृष्टिकोण से देखने का प्रयास नहीं किया। लक्षित हिंसा से संबंधित सांप्रदायिक कानून बनाकर भारतीयता और भारत की आस्था पर प्रहार करने का प्रयास किया गया। श्रीराम और श्रीकृष्ण को काल्पनिक पात्र कहा गया और राम सेतु को तोड़ने का प्रयास किया गया। भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में सर्वांगीण विकास किया जा रहा है। आज भारत में वल्र्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया गया है। हाईवे, एयरवे, वाॅटरवे, रेलवे नेटवर्क, मेट्रो, रैपिड रेल, रोपवे जैसे विभिन्न स्वरूप पूरे देश में देखने को मिल रहे हैं। सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में भारत वर्ष 1962 से तैयारी कर रहा था, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई। वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री जी द्वारा सेमीकंडक्टर की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किए गए। आज उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की कार्रवाई प्रारंभ होने जा रही है। प्रदेश सरकार ने इस सम्बन्ध में पाॅलिसी बनाई है, जिसे केन्द्र सरकार की भी अनुमति प्राप्त हो गयी है।
प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा और लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के प्रेरणादाई व्यक्तित्व का परिणाम है कि आज हम महिला सशक्तिकरण के लिए कुछ कर पा रहे हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, मातृ वंदना अभियान, नारी शक्ति वंदन अधिनियम, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, उत्तर प्रदेश पुलिस बल में महिलाओं को 20 प्रतिशत अनिवार्य आरक्षण की व्यवस्था, बी0सी0 सखी के माध्यम से प्रत्येक ग्राम पंचायत में बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध कराने का कार्यक्रम, लखपति दीदी, मिशन शक्ति जैसे विभिन्न कार्यक्रमों, अभियानों द्वारा महिला सशक्तीकरण को आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत में नारी शक्ति ने संकट के दौर में समाज को एक नई दिशा दी है। 1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मीबाई के अप्रतिम योगदान से हर कोई परिचित है। प्रदेश सरकार ने वीरांगना अवंतीबाई के नाम पर बदायूं में, वीरांगना झलकारी बाई के नाम पर गोरखपुर में तथा वीरांगना ऊदा देवी के नाम पर लखनऊ में उत्तर प्रदेश महिला पी0ए0सी0 की तीन बटालियन का गठन किया है। स्वामित्व योजना के माध्यम से महिलाओं को मालिकाना अधिकार प्राप्त हो रहा है। डबल इंजन सरकार द्वारा देश में तीन करोड़ परिवारों और प्रदेश में एक करोड़ परिवारों को घरौनियां वितरित की जा चुकी हैं।
इससे पूर्व, माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी ने मुख्यमंत्री जी को विगत 19 से 20 मई को विद्यालयों में हुए रानी अहिल्याबाई होल्कर से सम्बन्धित विभिन्न कार्यक्रमों का कार्यवृत्त सौंपा।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार व पार्टी की दृष्टि से रानी अहिल्याबाई होल्कर से सम्बन्धित कार्यक्रमों को करने के फैसले से देश के 140 करोड़ लोगों में श्रद्धा भाव जागृत हुआ है। अहिल्याबाई होल्कर जी का शासन काल को एक आदर्श शासन काल कहा जाता है। महिला शासक के रूप में इन्हें आज भी आदर्श माना जाता है, कल भी आदर्श माना जाएगा और आने वाली पीढ़ी भी सदा उन्हें आदर्श मानेंगी। रानी अहिल्याबाई होलकर ने सत्ता का विकेंद्रीकरण किया। जनता से सीधा संवाद स्थापित किया तथा अपनी न्यायप्रियता से अपनी प्रजा के मन में आदर का भाव जाग्रत किया। उन्होंने कर में वृद्धि किए बिना शासन सत्ता चलायी।
श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब तक सभी क्षेत्रों में महिलाओं को सहभागिता नहीं मिलेगी, तब तक महिलाओं का सशक्तीकरण नहीं हो सकता है। विशेष तौर राजनीतिक सहभागिता। महिला सशक्तिकरण की दिशा में वर्ष 2014 से 2025 के बीच जो काम भारतीय जनता पार्टी ने किया है वह स्वतंत्र भारत के इतिहास में किसी सरकार ने ऐसा काम नहीं किया है। हमारे लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में महिलाओं को लोकसभा व विधानसभा में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून बनाया गया। आॅपरेशन सिंदूर की सफलता ने हर भारतवासी का मान बढ़ाया है। आज पूरा विश्व भारत की सामरिक शक्ति से परिचित है। डबल इंजन सरकार सभी महापुरुषों का सम्मान करती है।
उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने महिलाओं का बराबरी का हक देने का कार्य किया है। रानी अहिल्याबाई होल्कर का शासन सनातन संस्कृति का वाहक रहा है। उन्होंने मालवांचल का शासन सुदृढ़ किया तथा एक महिला सैन्य टुकड़ी भी तैयार की। रानी अहिल्याबाई होल्कर ने बिना कर लगाए अर्थव्यवस्था को मजबूत किया। उनकी डाक व्यवस्था बेहतर थी। रानी अहिल्याबाई होल्कर ने महेश्वर को सूती कपड़े का प्रमुख केन्द्र बनाने का कार्य किया था।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व विधान परिषद सदस्य श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी का जन्म महाराष्ट्र के चैड़ी गांव में 31 मई, 1725 को हुआ था। वह भारतीय इतिहास की एक महान शासिका थीं, जिन्हें इन्दौर की देवी के रूप में सम्मानित किया जाता है। उनका विवाह इन्दौर राज्य के संस्थापक महाराज मल्हार राव होल्कर के पुत्र खाण्डेराव जी के साथ हुआ था। पति की मृत्यु के बाद सन् 1767 में उन्होंने राज्य की बागडोर सम्भाली और 28 वर्षों तक उन्होंने अपने राज्य का कुशल संचालन किया।
रानी अहिल्याबाई होल्कर ने राज्य का संचालन करते वक्त अपनी प्रशासनिक क्षमता का परिचय दिया। धार्मिक सहिष्णुता का परिचय देते हुए उन्होंने हमारे मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने का कार्य किया। काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण उनकी बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ-साथ उन्होंने बड़े स्तर पर अपने राज्य में प्रशासनिक सुधार लागू किए। पारदर्शी राजस्व की व्यवस्था स्थापित की। बिना कोई टैक्स बढ़ाए उन्होंने राज्य का राजस्व जो प्रतिवर्ष 75 लाख रुपये आता था, उसे उन्होेंने 01 करोड़ रुपये से अधिक पहुंचाने का कार्य किया। राज्य को मजबूत बनाने के लिए उन्होंने राजदूतों की नियुक्ति की।
श्री भूपेन्द्र सिंह चैधरी ने कहा कि सामाजिक कल्याण के लिए रानी अहिल्याबाई होल्कर ने विधवा महिलाओं को सम्पत्ति का अधिकार और गोद लेने की अनुमति दी, जिससे समाज में समानता और न्याय की भावना को बढ़ावा मिला। अहिल्याबाई जी शिव भक्ति और रियासत के हर आदेश पर शंकर जी का नाम लिख जाता था। उन्होंने महेश्वर में अहिल्या महल का निर्माण कराया और 18वीं सदी में एक बेहतरीन और आलीशान महल को हम लोग देखते हैं। महेश्वर की टेक्सटाइल इण्डस्ट्री का केन्द्र बनाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। 13 अगस्त, 1795 में उनका निधन हुआ। उनकी महानता और योगदान के कारण 25 अगस्त, 1996 को भारत सरकार ने उनकी स्मृति में डाक टिकट भी जारी किया। इन्दौर के नागरिकों ने उनके नाम से कई पुरस्कार स्थापित किए हैं, जो उनके असाधारण कृतित्व के लिए कहीं न कहीं प्रदर्शित होते हैं। महारानी अहिल्याबाई जी का जीवन और समाज कार्य हम सभी के लिए आज प्रेरणा सूत्र है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री श्री शिव प्रकाश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी महारानी अहिल्याबाई होलकर का 300वां वर्ष देश भर में मना रही है। आॅपरेशन सिंदूर की सफलता के पश्चात देश में हमने तिरंगा यात्रा, सिंदूर यात्रा का आयोजन किया। प्रधानमंत्री जी स्वयं 31 मई को मध्य प्रदेश के भोपाल में एक लाख स्वयं सहायता समूहों की बहनों के कार्यक्रम में आने वाले हैं। उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी आगरा में कार्यक्रम में शामिल होंगे।
श्री शिव प्रकाश ने कहा कि आज से 300 वर्ष पूर्व रानी अहिल्याबाई होलकर ने सुशासन स्थापित किया था। एक महिला ने सांस्कृतिक मूल्यों को स्थापित करने वाला शासन चलकर दिखाया। यह बात हम सभी को व आने वाली पीढ़ी को पता होनी चाहिए। रानी अहिल्याबाई होलकर ने किसानों के कल्याण हेतु नर्मदा नदी में बांध निर्मित कराने व युद्ध के दौरान किसानों की नष्ट हुई फसल का मुआवजा दिलाने का कार्य किया था। उन्होंने भूमिहीन किसानों को पट्टे देने व गोचर भूमि खरीदने जैसे किसान हितैषी कार्यों को अपने शासनकाल में किया था।
रानी अहिल्याबाई होलकर ने भील जनजाति के लोगों के कल्याण के लिए टैक्स व्यवस्था स्थापित की तथा उन्हें कृषि संयंत्र देने का कार्य किया। हस्तशिल्पियों व कारीगरों को मालवा प्रदेश में क्रियाशील किया तथा उनके लिए बाजार व्यवस्था स्थापित की। रानी अहिल्याबाई होलकर भक्ति व शक्ति दोनों में प्रवीण थीं। उन्होंने दो युद्धों का संचालन किया तथा एक महिला सेना भी तैयार की। रानी अपनी न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध थीं। वह अपने कार्मिकों के साथ सदैव खड़ी रहती थीं, इसीलिए प्रजा ने उन्हें लोकमाता व पुण्यश्लोक की उपाधि दी।
श्री शिव प्रकाश ने कहा कि रानी अहिल्याबाई होलकर ने बिना किसी शासकीय मदद के अपनी सम्पत्ति से सांस्कृतिक उत्थान के कार्यों को आगे बढ़ाया। उन्होंने अपने 28 वर्षों के शासनकाल में 12,500 स्थानों में मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया। रानी अहिल्याबाई होलकर ने विधर्मियों द्वारा तोड़े गए धार्मिक स्थानों से इतर नवनिर्माण कराए, ताकि समाज इस बात को जान सके कि उनके पूर्वजों के साथ क्या-क्या घटित हुआ। रानी अहिल्याबाई होलकर महिला सशक्तीकरण का प्रतीक हैं। उनका शासन धर्म को समर्पित था। जिस समय और देशों में महिलाएं अपने अधिकारों की मांग कर रही थीं, उस समय हमारे देश में लोकमाता रानी अहिल्याबाई के रूप में एक महिला सुशासन स्थापित कर रही थी।
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