बलरामपुर- एम एल के पी जी कॉलेज बलरामपुर में संचालित योग वेलनेस सेंटर की ओर से शनिवार को योग और आध्यात्म विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को योग के अष्टांग मार्ग की विधिवत जानकारी दी गई।
गोष्ठी की मुख्य वक्ता विभागाध्यक्ष संस्कृत डॉ पूजा मिश्रा ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि शरीर को ठीक रखने के लिये आसन होते हैं, और मन की मानसिकता व भावुकता को ठीक रखने के लिये प्राणायाम। शरीर के इलावा आसन मन के लिये भी लाभदायक हैं, और मन के साथ साथ प्राणायाम शरीर के लिये। दोनों के बीच में कोई स्प्ष्ट भेद नहीं है। ध्यान से आध्यात्मिक व्याकुलता, निराशा, खिन्नता और उदासीनता दूर होती है। इसीलिये कहा गया है - योग मन में चलने वाली सभी अनगिनत क्रियाओं को शांत करता है। संयोजक डॉ अवनीन्द्र दीक्षित ने कहा कि योगाभ्यास करने से हमारे जीवन में भौतिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्तरों पर आते सभी दुख दूर होते हैं। योग के अनुशासन में बँधे रहते सभी प्रकार के, ज्ञात या अज्ञात शारीरिक और मानसिक दुख दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने कहा कि योग और आध्यात्म एक-दूसरे के पूरक हैं. योग एक आध्यात्मिक अभ्यास है जो मन, शरीर, और आत्मा के बीच संतुलन बनाने पर केंद्रित है। योग के नियमित अभ्यास से आध्यात्मिक जागृति और चेतना के उच्च स्तर तक पहुंचा जा सकता है।
इस अवसर पर डॉ जितेन्द्र कुमार, डॉ विनीत कुमार, डॉ दिनेश कुमार त्रिपाठी व डॉ अनिल पाण्डेय सहित कई लोग मौजूद रहे।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
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