बलरामपुर -क्षेत्र में इन दिनों गर्मी की प्रचंड और तेज धूप और (लू) के चलते ताप मान वैसे तो अभी 39 डिग्री सेल्सियस तक ही पहुंचा है। लेकिन 44 डिग्री सेल्सियस होने का असर का अनुभव दिखाई पड़ रहा है इस धूप के चलते आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हो रहे है। परन्तु प्रशासन और शिक्षा विभाग की लापरवाही के चलते अब भी जिले के अधिकांश निजी एवं सरकारी विद्यालय सुबह 8 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक संचालित किए जा रहे हैं, जिससे छात्र-छात्राओं के सेहत और सुरक्षा पर गम्भीर खतरा मंडरा रहा है। भीषण गर्मी में जहां स्वास्थ्य विभाग गर्मी से बचाव को लेकर अलर्ट जारी कर चुका है, वहीं बेसिक शिक्षा विभाग और डी आई ओ एस कार्यालय इस गम्भीर स्थिति से बेखबर दिखा ई दे रहे हैं। जिले के प्राथमिक, जूनियर, इण्टर कॉलेज और सी बी एस ई/आई सी एस ई बोर्ड से सम्बद्ध निजी विद्यालयों में कक्षाएं यथावत चल रही हैं। दोपहर तक बच्चों को स्कूल में बैठाना उनके सेहत से खिलवाड़ करना जैसा प्रतीत हो रहा है।अभिभावकों का कहना है कि सुबह 9 बजे के बाद से ही तेज धूप और लू का प्रकोप शुरू हो जाता है। ऐसे में मासूम बच्चे स्कूल पहुंचने में उनको काफी परेशानी को झेलते हुए नजर आते हैं,बल्कि स्कूल परिसर की गर्म और दमघोंटू कक्षाओं में बैठना उनके लिए किसी सजा से कम नहीं हैकई बार बच्चों को घबराहट, उल्टी, चक्कर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्था नीय स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि लू की चपेट में सबसे पहले बच्चे, बुजुर्ग और गर्भ वती महिलाएं भी आ जाते हैं। ऐसे में बच्चों को दोपहर के समय खुले में या गर्म वाता वरण में रखना घातक हो सकता है। लगातार शरीर में पानी की कमी से हीट स्ट्रोक का खतरा भी बना रहता है अब तक न तो जिलाधिकारी बलरामपुर की ओर से कोई निर्देश जारी किया गया है और न हीबेसिक शिक्षा अधिकारी या जिला विद्यालय निरीक्ष क की ओर से स्कूल के समय में बदलाव का कोई आदेश आया है। जबकि उत्तर प्रदेश के कई जिलों जैसे लखन ऊ, कानपुर, प्रयागराज आदि में जिला प्रशासन ने स्कूलों का समय सुबह 7:00 से 11:00 बजे तक निर्धारित कर दिया है। उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा पहले भी निर्देश दिए जा चुके हैं, कि तापमान 40 डिग्री से ऊपर होने की स्थिति में विद्यालय समय में परिवर्तन या छुट्टी दी जा सकती है। पर बलरामपुर प्रशासन इस दिशा में अब तक मौन बना हुआ है। स्था नीय नागरिकों, अभि भावकों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से मांग की है कि स्कूलों का समय सुबह 7:00 बजे से लेकर 11:00 बजे तक निर्धारित किया जाए। विद्यालयों में ठंडे पानी, पंखे व प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।  ज़रूरत पड़ने पर हीटवेव की स्थिति में स्कूलों को अस्थायी रूप से बन्द करने पर विचार किया जाए।
अगर जिम्मेदार अधिका री शीघ्र कोई कदम नहीं उठाते है, तो आने वाले दिनों में बच्चों की जान पर भी संकट आसकता है। अब देखना यह है कि क्या बलरामपुर प्रशासन समय रहते हुए चेतेगा, या फिर हीटवेव के थपेड़ों में बच्चों की मासूमियत यूँ ही तपती रहेगी।

        हिन्दी संवाद न्यूज से
       असगर अली की खबर
        उतरौला बलरामपुर। 

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