लखनऊ : 19 अप्रैल, 2025 : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत माता के महान सपूत डॉ0 आंबेडकर ने अभाव व अपमान में अपना रास्ता बनाकर, सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए पूरे देश को सम्मान दिलाया। अनेकता में एकता का संदेश देने वाला भारत का संविधान 144 करोड़ भारतवासियों को उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम तक एकता के सूत्र में बांधने में सफल हुआ है। इसका श्रेय बाबा साहब को जाता है। उन्होंने एक ऐसा संविधान दिया, जो भारत के प्रत्येक नागरिक को सम्मान देता है, एक साथ जोड़ता है तथा एक साथ आगे बढ़ने का रास्ता प्रशस्त करता है।
मुख्यमंत्री जी आज जनपद गोरखपुर में बाबा साहब डॉ0 भीमराव रामजी आंबेडकर सम्मान अभियान के अन्तर्गत आयोजित संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में यह आयोजन देश के हर जनपद में आयोजित हो रहा है। बाबा साहब डॉ0 आंबेडकर का योगदान आम नागरिकों तक पहुंचाया जा रहा है तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के सम्मान को और मजबूती के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाबा साहब के कारण ही भारत में बिना भेदभाव के प्रत्येक व्यक्ति को समान मताधिकार की स्वतंत्रता प्राप्त हुई है। दुनिया में विकसित और आधुनिक लोकतंत्र से युक्त अनेक अग्रणी देश हैं, लेकिन उन देशों ने अपने यहां अश्वेतों व महिलाओं को मत देने का अधिकार बहुत बाद में प्रदान किया। जबकि भारत ने संविधान निर्माण के साथ ही वर्ष 1952 में पहले आम चुनाव में ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ी जाति और महिलाओं को मत देने का अधिकार प्रदान किया था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाबा साहब अपनी लोकप्रियता, भारत माता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के कारण संविधान सभा के हिस्सा बने। उन्होंने संविधान सभा के सदस्य व ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। डॉ0 आंबेडकर ने अपनी योग्यता से भारत को एक ऐसा संविधान दिया, जो संविधान आज भारत को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में स्थापित करने का गौरव दिलाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों को 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप मिले, यह बाबा साहब की ही देन है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के नागरिकों को नौकरियों में आरक्षण की सुविधा का लाभ मिले, यह बाबा साहब की ही देन है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और वंचितों को समाज की मुख्य धारा से जोड़कर व्यवस्था में सम्मानजनक स्थान प्राप्त हो, यह बाबा साहब की ही देन है। पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल जी और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने डॉ0 आंडेबकर के कार्यां को आगे बढ़ाया।
14 अप्रैल, 1891 में महू, मध्य प्रदेश में बाबा साहब का जन्म हुआ और 06 दिसम्बर, 1956 को उनका महापरिनिर्वाण हुआ। इस धरा पर बाबा साहब की यात्रा 65 वर्षों की थी। इन 65 वर्षों में उन्होंने जो करके दिखाया, लोग सैकड़ों वर्षों में नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री सुंदर लाल पटवा और श्रद्धेय अटल जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में उनकी जन्मस्थली में एक भव्य स्मारक बनाने का कार्य किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इंग्लैंड के जिस भवन में रहकर बाबा साहब ने उच्च डिग्री ली थी, ब्रिटेन की सरकार उस भवन को बेच रही थी। प्रधानमंत्री जी की पहल से उस भवन को भारत सरकार ने लिया। वहां पर बाबा साहब का भव्य स्मारक बनाया गया है। भारत से जाने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए छात्रावास व स्कॉलरशिप की व्यवस्था की गयी है। बाबा साहब ने वर्ष 1956 में नागपुर में दीक्षा ली थी। वहां पर बाबा साहब का कोई स्मारक नहीं था। प्रधानमंत्री जी ने वहां पर तथा चैत्यभूमि, मुम्बई में भव्य स्मारक बनवाया है। प्रधानमंत्री जी ने बाबा साहब से जुड़े स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का कार्य किया है।
26 नवम्बर, 1949 को बाबा साहब ने संविधान का निर्माण करके संविधान सभा को सौंपा था। यह तिथि संविधान दिवस के रूप में आयोजित हो, यह कार्य प्रधानमंत्री जी ने ही किया है। 26 नवम्बर की तिथि वर्ष 2015 से लगातार संविधान दिवस के रूप में मनाई जा रही है। प्रदेश सरकार ने कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर के नाम पर किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गरीबां, दलितों, वंचितों के कल्याण का जो कार्य बाबा साहब ने किया, वही कार्य विगत 10 वर्षां से प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार कर रही है। वर्ष 2014 से पहले गरीब भूख से मरता था। कुशीनगर में मुसहर जाति के लोगों की भूख से मौत होती थी। किसान आत्महत्या करता था। महिलाएं, व्यापारी सुरक्षित नहीं थे। जमीनों का पट्टा गरीबों को नहीं मिल पा रहा था। डबल इंजन सरकार में स्वामित्व योजना के अन्तर्गत लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक दिया जा रहा है। अकेले उत्तर प्रदेश में एक करोड़ लोगों को उनकी जमीन का मालिकाना हक प्रदान किया जा चुका है। डबल इंजन सरकार आने से प्रदेश में मुसहर, वनटांगिया, थारू, चेरो जनजाति के लोगों को जहां जमीन का पट्टा दिया गया, वहीं उनको पक्का मकान दिया गया। इसके अलावा, उन्हें राशन कार्ड, गोल्डन कार्ड सहित विभिन्न सुविधाएं प्राप्त हुई हैं। आप सभी के विकास में डबल इंजन सरकार सहभागी बनी है।
डबल इंजन सरकार ‘जीरो पॉवर्टी’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ़ रही है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़े वर्ग के साथ गरीब, वंचित जिसको अभी तक योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाया है, उन्हें एक साथ सभी योजनाओं से सैचुरेट करने का कार्य डबल इंजन सरकार करेगी। इंसेफेलाइटिस की बीमारी से होने वाली मौतों में ज्यादातर अनूसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के गरीब व वंचित लोग होते थे। आज इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी पूरी तरह समाप्त हो चुकी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में 15 करोड़ लोग निःशुल्क राशन का लाभ ले रहे हैं। 60 लाख गरीबों को एक-एक मकान मिल गया है। 01 करोड़ 56 लाख लोगों को निःशुल्क बिजली का कनेक्शन मिला है। 01 करोड़ 86 लाख गरीबों को रसोई गैस का कनेक्शन और होली, दीपावली के अवसर पर निःशुल्क एक-एक गैस का भरा हुआ सिलेण्डर उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में 10 करोड़ लोग आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 05 लाख रुपये तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं। प्रदेश सरकार युवाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए ऋण उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वाराणसी में रविदास जी की स्थली को 4-लेन कनेक्टिविटी से जोड़कर रविदास जी की भव्य मूर्ति स्थापित करने का कार्य किया गया है। वहां बड़ा लंगर हॉल भी बनाया गया है। आज वह रमणीय स्थल बन गया है। महर्षि वाल्मीकि जी की पावनस्थली लालापुर, चित्रकूट में पर्यटन विकास के कार्य किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी ने अयोध्या इण्टरनेशनल एयरपोर्ट का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा है। जो समाज अपने महापुरुषों का सम्मान नहीं करता, वह समाज कट जाता है, दिग्भ्रमित हो जाता है, उसके सामने पहचान का संकट खड़ा हो जाता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले, छत्रपति शाहूजी महाराज तथा अन्य महापुरुषों ने सामाजिक न्याय का नेतृत्व करते हुए समाज को नई दिशा, नया मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने दबे-कुचले, वंचितों को सम्मानजनक जीवन के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया। सावित्री बाई फुले ने महिला शिक्षा के प्रचार-प्रसार में अपना सारा जीवन समर्पित किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा बाबा साहब ने अपने अनुयायियों को कहा कि ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो, अन्याय का संगठित होकर प्रतिकार करो।’ डॉ0 आंबेडकर ने हैदराबाद के हिन्दुओं, खास तौर पर अनुसूचित जाति से जुड़े लोगों को एक पत्र लिखकर कहा कि कुछ भी हो किसी भी स्थिति में इस्लाम स्वीकार न करें, दबाव में ना आएं। अगर उनके सामने बचाव का कोई अंतिम रास्ता न हो, तो वहां से पलायन करके महाराष्ट्र की तरफ चले जाएं, लेकिन वह इस्लाम स्वीकार न करें। निजाम के सामने झुकना नहीं है। यही कारण है कि निजाम और रज़ाकारों के सामने हिन्दुओं ने मजबूती के साथ लड़ने का कार्य किया। स्वतंत्र भारत में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने निजाम से हैदराबाद को मुक्ति दिलाई और वहां के नागरिकों को सम्मान दिलाने का कार्य किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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