उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए :-

रबी विपणन वर्ष 2025-26 हेतु मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत गेहूं क्रय नीति स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने रबी विपणन वर्ष 2025-26 हेतु मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत प्रस्तावित गेहूं क्रय नीति को स्वीकृति प्रदान कर दी है। भारत सरकार द्वारा घोषित गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति कुन्तल की दर पर गेहूं की खरीद की जाएगी। कृषकों को मूल्य समर्थन योजना का अधिकाधिक लाभ दिलाने के लिए किसान द्वारा क्रय केन्द्र पर गेहूं लेकर आने की स्थिति में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद सुनिश्चित की जाएगी।
इसके लिए कुल 08 क्रय एजेंसियों के द्वारा 6,500 क्रय केन्द्र स्थापित किये जाएंगे। इसके अन्तर्गत खाद्य विभाग की विपणन शाखा द्वारा 1,250 क्रय केन्द्र, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पी0सी0एफ0) द्वारा 3,300 क्रय केन्द्र, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद द्वारा 100 क्रय केन्द्र, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन (यू0पी0पी0सी0यू0) द्वारा 700 क्रय केन्द्र, उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ (यू0पी0एस0एस0) द्वारा 350 क्रय केन्द्र, भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) द्वारा 300 क्रय केन्द्र, भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (एन0सी0सी0एफ0) द्वारा 100 क्रय केन्द्र तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा 400 क्रय केन्द्र स्थापित किये जाएंगे।
रबी विपणन वर्ष 2025-26 में गेहूं क्रय की अवधि 17 मार्च, 2025 से 15 जून, 2025 तक होगी। कृषकों को सुविधा प्रदान करने के लिए रविवार एवं राजपत्रित अवकाशों को छोड़कर, द्वितीय शनिवार, स्थानीय अवकाश एवं शेष कार्य दिवसों में गेहूं क्रय केन्द्र खुले रहेंगे। जिलाधिकारी रविवार को छोड़कर अन्य राजपत्रित अवकाश के दिनों में भी लक्ष्य की पूर्ति के दृष्टिगत क्रय केन्द्र खुलवा सकेंगे।
रबी विपणन वर्ष 2025-26 में इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ पर्चेज मशीन के माध्यम से किसानों के बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा क्रय केन्द्र को/मोबाइल क्रय केन्द्रों पर गेहूं की खरीद की जाएगी। ई-पॉप पर की गयी खरीद के अतिरिक्त किसी भी खरीद को मान्यता नहीं दी जाएगी। मोबाइल क्रय केन्द्रों पर होने वाली प्रत्येक खरीद का ई-पॉप डिवाइस द्वारा अक्षांश-देशांतर भी कैप्चर किया जाएगा।
क्रय केन्द्र पर कृषकों का गेहूं क्रय ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के सिद्धान्त पर किया जाएगा। परन्तु यदि किसी क्रय केन्द्र पर उसकी दैनिक खरीद क्षमता से अधिक किसान पहुंचते हैं, तो कृषकों की सुविधा के लिए ऑफ लाइन टोकन की व्यवस्था की जाएगी।
गेहूं की उपज के आकलन हेतु कृषक द्वारा जितनी भूमि में गेहूं बोया गया है, उसका ऑनलाइन सत्यापन (100 कुन्तल को छोड़कर) राजस्व विभाग से कराये जाने के पश्चात कृषक का गेहूं क्रय किया जाएगा। बटाईदार कृषकों द्वारा भी पंजीकरण कराते हुए गेहूं की बिक्री की जा सकेगी। बटाईदार कृषक व मूल कृषक/भूस्वामी के मध्य लिखित सहमति से मूल कृषक के भूलेख तथा उसके आधार लिंक्ड मोबाइल पर ओ0टी0पी0 प्रेषित कर पंजीकरण कराते हुए बटाईदार कृषकों द्वारा गेहूं की बिक्री की जा सकेगी।
समस्त क्रय एजेंसियों द्वारा किसानों के क्रय गेहूं मूल्य का भुगतान भारत सरकार के पी0एफ0एम0एस0 पोर्टल के माध्यम से यथासम्भव 48 घण्टे के अन्तर्गत सम्बन्धित किसान के बैंक खाते में कराया जाएगा।
गेहूं खरीद वर्ष 2025-26 में पंजीकृत ट्रस्ट का भी गेहूं क्रय किया जाएगा। ट्रस्ट श्रेणी के अन्तर्गत गेहूं विक्रय हेतु ट्रस्ट के भूलेख/सत्यापित खतौनी व ट्रस्ट के संचालक/अधिकृत प्रतिनिधि के आधार कार्ड तथा पंजीकरण के समय दर्ज मोबाइल नम्बर पर ओ0टी0पी0 प्रेषित कराते हुए पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। क्रय केन्द्र पर ट्रस्ट के संचालक/अधिकृत प्रतिनिधि का बॉयोमैट्रिक सत्यापन कराते हुए गेहूं क्रय किया जाएगा तथा भुगतान ट्रस्ट के खाते में पी0पी0ए0 मोड के माध्यम से कराया जाएगा।
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बलिया में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु वर्तमान जिला कारागार की 14.05 एकड़  भूमि चिकित्सा शिक्षा विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत

मेडिकल कॉलेज में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व0 चित्तू पाण्डेय की प्रतिमा स्थापित की जाएगी

मंत्रिपरिषद ने जनपद बलिया में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु वर्तमान जिला कारागार/डिस्ट्रिक्ट जेल बलिया की कुल 14.05 एकड़ (5.686 हे0) भूमि चिकित्सा शिक्षा विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय भी लिया गया कि उक्त प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व0 चित्तू पाण्डेय की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। जनपद बलिया में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की स्थिति में वर्तमान कारागार के भवन का ध्वस्तीकरण एवं उसके मलबे का निस्तारण नियमानुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि सरकार की प्राथमिकता उन जनपदों में मेडिकल कॉलेज खोले जाने की है, जहां शासकीय अथवा निजी क्षेत्र का कोई भी मेडिकल कॉलेज स्थापित नहीं है। इसी क्रम में असेवित जनपद बलिया में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जानी है। जनपद बलिया में मेडिकल कॉलेज की स्थापना होने से जहां एक ओर उत्कृष्ट कोटि के चिकित्सकों को तैयार किया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर जनसामान्य को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी।
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स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बुलन्दशहर में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना हेतु ग्राम वलीपुरा, जिला बुलन्दशहर की 0.4570 हे0 (4570 वर्ग मीटर) भूमि चिकित्सा शिक्षा विभाग के पक्ष में निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बुलन्दशहर में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना हेतु ग्राम वलीपुरा, परगना वरन, तहसील व जिला बुलन्दशहर की 0.4570 हे0 (4570 वर्ग मीटर) भूमि को चिकित्सा शिक्षा विभाग के पक्ष में निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
ज्ञातव्य है कि केन्द्र सहायतित योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 27 स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की जा रही है, जिसमें स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बुलन्दशहर भी सम्मिलित है। इस योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा प्रति नर्सिंग कॉलेज की लागत 10 करोड़ रुपये निर्धारित की गयी है, जिसमें 60 प्रतिशत केन्द्रांश तथा 40 प्रतिशत राज्यांश निहित है।
स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बुलन्दशहर परिसर में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना हेतु भूमि उपलब्ध नहीं है। इस हेतु जिलाधिकारी, बुलन्दशहर द्वारा मेडिकल कॉलेज परिसर के निकट ग्राम वलीपुरा, जनपद बुलन्दशहर में 0.4570 हे0 (4570 वर्गमीटर) भूमि चिन्हित की गयी है। उक्त भूमि बुलन्दशहर-मेरठ रोड से 279 मीटर दूर रास्ते पर स्थित है, जो कि मेडिकल कॉलेज से सटा हुआ है। राजकीय कृषि विद्यालय (कृषि विभाग) के नाम दर्ज उक्त चिन्हांकित भूमि को चिकित्सा शिक्षा विभाग के पक्ष में निःशुल्क हस्तांतरित होने पर नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की जायेगी।
स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बुलन्दशहर में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना से बुलन्दशहर सहित निकटवर्ती जनपदों के मरीजों को चिकित्सीय उपचार में बेहतर सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही, प्रदेश के निवासियों को नर्सिंग क्षेत्र में कैरियर बनाने के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे।
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उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा के अन्तर्गत 300 बेडेड ऑब्स एण्ड गायनी ब्लॉक (100 बेडेड पीडियाट्रिक ब्लॉक को सम्मिलित करते हुए) के निर्माण हेतु अनुमोदित पुनरीक्षित लागत 23217.73 रु0 की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति का प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने उ0प्र0 आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, सैफई, इटावा के अन्तर्गत 300 बेडेड ऑब्स एण्ड गायनी ब्लॉक (100 बेडेड पीडियाट्रिक ब्लॉक को सम्मिलित करते हुए) के निर्माण हेतु सम्पूर्ण प्रायोजना तथा व्यय-वित्त समिति द्वारा उक्त शर्तों के अधीन अनुमोदित पुनरीक्षित लागत 23217.73 रुपये (दो अरब बत्तीस करोड़ सत्रह लाख तिहत्तर हजार रुपये) की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति का प्रस्ताव अनुमोदित किया है।
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आगरा मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम कॉरिडोर हेतु उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की भूमि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की आगरा मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम कॉरिडोर में ताजमहल मेट्रो स्टेशन की पार्किंग के लिए शाहजहां गार्डेन के अन्दर उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की 8684.68 वर्गमीटर भूमि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय भी लिया गया है कि तत्पश्चात द्वितीय चरण में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा उक्त भूमि 90 वर्ष की लीज पर 30-30 वर्ष के नवीनीकरण के प्राविधानों सहित 01 रुपया प्रतीक मूल्य पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को हस्तांतरित की जायेगी।
इस प्रस्ताव के क्रियान्वयन में स्थलानुसार अथवा अन्य किसी कारणों से परिवर्तन/परिवर्धन किये जाने हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।
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आगरा मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-2 के मेट्रो डिपो के निर्माण हेतु गृह विभाग की भूमि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की आगरा मेट्रो रेल परियोजना के कॉरिडोर-2 के मेट्रो डिपो के निर्माण हेतु प्रबन्ध निदेशक, उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के पत्र दिनांक 17.02.2025 के साथ संलग्न मानचित्र के अनुसार भूमि सर्वे संख्या-450 की गृह विभाग की 2.0753 हे0 (20753 वर्गमीटर) भूमि आवास एवं शहरी नियोजन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
तत्पश्चात द्वितीय चरण में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा उक्त भूमि को 90 वर्ष की लीज पर 30-30 वर्ष के नवीनीकरण के प्राविधानों सहित 01 रुपया प्रतीक मूल्य पर उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को हस्तांतरित किया जायेगा।
इस प्रस्ताव के क्रियान्वयन में स्थलानुरूप अथवा अन्य किसी कारणों से परिवर्तन/परिवर्धन किये जाने हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।
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कोषागारों में उपलब्ध 10 हजार रु0 से 25 हजार रु0 तक मूल्य वर्ग के भौतिक स्टाम्प पत्रों को निष्प्रयोज्य/चलन से बाहर घोषित करने हेतु व्यवस्था निर्धारित करने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने कोषागारों में उपलब्ध 10 हजार रुपये से 25 हजार रुपये तक मूल्य वर्ग के भौतिक स्टाम्प पत्रों को निष्प्रयोज्य/चलन से बाहर घोषित करने हेतु व्यवस्था निर्धारित करने के लिए शासनादेश निर्गत किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
ज्ञातव्य है कि निदेशक, कोषागार के पत्र संख्या-2024010-62/09 (विविध)/2014/स्टाम्प/को0नि0/प्रावि/खण्ड-2 दिनांक 09.10.2024 द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार दिनांक 06.10.2024 को प्रदेश के कोषागारों में उपलब्ध 5,000 रुपये से 25,000 रुपये मूल्य वर्ग के अवशेष स्टाम्पों का कुल मूल्य 5630.87 करोड़ रुपये है।
कोषागारों में अप्रयुक्त पड़े 5,000 रुपये एवं अधिक मूल्य वर्ग के भौतिक स्टाम्पों के निस्तारण के सम्बन्ध में निर्गत शासनादेश संख्या-10-22099/848/2021-25 दिनांक 16.06.2023 में दिये गये निर्देशों के अनुसार उक्त भौतिक स्टाम्पों का निस्तारण सम्भव नहीं हो पाया है तथा भौतिक स्टाम्प पत्रों की बिक्री अपेक्षा से बहुत ही कम रही है।
उत्तर प्रदेश के कोषागारों में उपलब्ध अधिक मूल्य वर्गों के भौतिक स्टाम्प पत्रों को निष्प्रयोज्य घोषित करने के लिए व्यवस्था निर्धारित किये जाने हेतु कार्यालय ज्ञाप संख्या-एस-3-226/दस 2024 दिनांक 10.10.2024 द्वारा सचिव, वित्त विभाग, उ0प्र0 शासन की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठक दिनांक 14.10.2024 के कार्यवृत्त के अनुसार कोषागारों में रखे स्टाम्पों में से 5,000 रुपये से अधिक मूल्य के गैर न्यायिक (नॉन ज्यूडिशियल) स्टाम्पों के विनष्टीकरण के सम्बन्ध में समिति द्वारा मत स्थिर किया गया है।
10,000 रुपये से 25,000 रुपये मूल्य वर्ग तक के स्टाम्पों को अधिसूचना के माध्यम से निष्प्रयोज्य/चलन से बाहर घोषित किया जायेगा। अधिसूचना जारी होने की तिथि के उपरान्त कोषागारों में जमा अवशेष स्टाम्प पत्रों को शासनादेश संख्या-एस-3-999(3)/दस-2011-134(8)/2011, दिनांक 05.09.2011 के अनुरूप विनष्टीकरण की कार्यवाही पूर्ण की जानी होगी, जिससे भविष्य में उनका दोबारा क्रय/पुनः प्रयोग/कूट-रचना कर प्रयोग न किया जा सके।
उत्तर प्रदेश स्टाम्प नियमावली 1942 के नियम-3 (2) (क) के उपरान्त एक नया परन्तुक जोड़ा जाना समीचीन होगा कि अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि के पश्चात् 10,000 रुपये से 25,000 रुपये मूल्य वर्ग तक के स्टाम्प पेपर स्टाम्प शुल्क अदायगी हेतु वैध स्टाम्प नहीं माने जायेंगे, किन्तु अधिसूचना के प्रकाशन की तिथि से पूर्व क्रय किये गये स्टाम्प इस परन्तुक से आच्छादित नहीं होंगे। यह भी कि अधिसूचना से पूर्व क्रय किये गये 10,000 रुपये से 25,000 रुपये मूल्य वर्ग के स्टाम्पों का प्रयोग एवं वापसी दिनांक 31.03.2025 तक विधि मान्य होगा। इस अवधि के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा।
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जनपद हरदोई की तहसील सदर परगना गोपामऊ के ग्राम दही में महर्षि दधीचि कुण्ड के आसपास पर्यटन विकास हेतु बंजर श्रेणी की शासकीय भूमि 0.8500 हे0 भूमि पर्यटन विभाग को निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने जनपद हरदोई की तहसील सदर परगना गोपामऊ के ग्राम दही में महर्षि दधीचि कुण्ड के आसपास पर्यटन विकास हेतु ग्राम दही की बंजर श्रेणी की गाटा संख्या-627, गाटा संख्या-630ख व गाटा संख्या-623 की रिक्त भूमि कुल क्षेत्रफल
0.8500 हेक्टेयर पर्यटन विभाग को निःशुल्क उपलब्ध कराये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। मंत्रिपरिषद ने प्रकरण में आवश्यकतानुसार निर्णय लिये जाने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया है।
उल्लेखनीय है कि महर्षि दधीचि कुण्ड जनपद हरदोई की तहसील सदर परगना गोपामऊ के ग्राम दही में स्थित है और प्रदेशीय राजधानी लखनऊ से इसकी दूरी लगभग 100 कि0मी0 है। भागवत पुराण के अनुसार महर्षि दधीचि अथर्ववेद के रचयिता ऋषि अथर्वण और ऋषि कर्दभ की पुत्री चित्ति के पुत्र थे। दधीचि कुण्ड मिश्रिख क्षेत्र में नैमिषारण्य से लगभग 12 कि0मी0 दूर स्थित है। मान्यता है कि इस कुण्ड में सभी तीर्थ स्थलों का जल मिश्रित है, इसलिए इस क्षेत्र का नाम मिश्रिख पड़ा।
भारत देश में लोक कल्याण और दान की गौरवशाली परम्परा रही है। सतयुग में दान की परिणति की सबसे दुर्लभ गाथा नैमिषारण्य में लिखी गयी थी। कहा जाता है कि वृत्रासुर नामक दानव विभिन्न तरीकों से ऋषि-मुनियों को परेशान कर उनकी तपस्या और उनके याज्ञिक कार्यों में विघ्न उत्पन्न करता था। इस वृत्रासुर दानव का वध महर्षि दधीचि द्वारा दान की गयी अस्थियों से निर्मित वज्र से हुआ था।
वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने की प्राथमिकता है। इस सम्बन्ध में माँ शाकुम्भरी देवी, अयोध्या स्थित राममंदिर, नैमिषारण्य तीर्थ धाम व माँ विन्ध्यवासिनी देवी आदि धार्मिक स्थलों के आस-पास पर्यटन अवस्थापना विकसित किये जाने का कार्य चल रहा है। इन स्थलों पर पर्यटन अवस्थापना सुविधा उपलब्ध होने से पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
जनपद हरदोई की तहसील सदर के ग्राम दही स्थित महर्षि दधीचि कुण्ड के आस-पास पर्यटन विकास हेतु ग्राम सभा की भूमि उपलब्ध हो जाने पर पर्यटन अवस्थापना सुविधा विकसित किये जाने के उपरान्त पर्यटकों/श्रद्धालुओं की संख्या में काफी वृद्धि होगी।
पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने हेतु देश के विभिन्न राज्यों में पर्यटन को प्राथमिकता प्रदान की जा रही है। इससे देश के दर्शनीय, ऐतिहासिक, धार्मिक, पौराणिक एवं प्राकृतिक सौन्दर्य से युक्त स्थलों पर पर्यटकों का आवागमन बढ़ा है।
प्रदेश के कई जनपदों में निजी काश्तकारों से भूमि क्रय हेतु उपलब्ध न होने के कारण शासकीय भूमि को मंत्रिपरिषद् के अनुमोदनोपरान्त पर्यटन विभाग को हस्तांतरित होने के पश्चात पर्यटकों को पर्यटकीय सुविधाएँ उपलब्ध कराये जाने के फलस्वरूप पर्यटकों की संख्या में प्रदेश में बढ़ोत्तरी हुई है। अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि, वाराणसी स्थित बाबा विश्वनाथ व मीरजापुर स्थित माँ विन्ध्यवासिनी देवी मंदिर आदि के आसपास पर्यटन अवस्थापना सम्बन्धी सुविधा विकसित किये जाने पर पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
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टैक्सफेड समूह के अन्तर्गत उ0प्र0 सहकारी कताई मिल्स संघ लि0, कानपुर की बन्द पड़ी इकाइयों की कुल 451.20 एकड़ भूमि औद्योगिक प्रयोग हेतु यूपीसीडा को निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने टैक्सफेड समूह के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल्स संघ लि0, कानपुर की बन्द पड़ी इकाइयों क्रमशः महमूदाबाद सीतापुर (71.02 एकड़), फतेहपुर (55.31 एकड़), मऊआइमा प्रयागराज (85.24 एकड़), बहादुरगंज गाजीपुर (78.92 एकड़), कम्पिल फर्रुखाबाद (82.15 एकड़) एवं बुलन्दशहर (78.56 एकड़) इस प्रकार कुल 451.20 एकड़ भूमि औद्योगिक प्रयोग हेतु यूपीसीडा को निःशुल्क हस्तांतरित किये जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्तमान में उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु इन्वेस्टर्स समिट तथा ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश एवं विदेश के
उद्यमियों को आकर्षित करने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम भी विगत वर्षों में सामने आये हैं। विभिन्न सेक्टरों के उद्योगपतियों द्वारा प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के संबंध में एम0ओ0यू0 किये गये हैं। इन इकाइयों की स्थापना हेतु प्रमुखतः भूमि एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। भूमि की इस मांग को पूर्ण किये जाने हेतु औद्योगिक विकास विभाग के स्तर पर लैण्ड बैंक को बढ़ाये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके दृष्टिगत टैक्सफेड समूह के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल्स संघ लि0, कानपुर की बन्द पड़ी इकाइयों की कुल 451.20 एकड़ भूमि को औद्योगिक प्रयोग हेतु यूपीसीडा को निःशुल्क हस्तांतरण किये जाने का निर्णय लिया गया है।
इसके फलस्वरूप राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विकास के कार्य यथाशीघ्र प्रारम्भ किये जा सकेंगे। प्रस्ताव पर अनुमोदन से प्रदेश के उद्योगों की स्थापना होने से स्थानीय उद्यमिता के अधिक अवसर प्राप्त होंगे। विगत दो दशकों से बन्द पड़ी कताई मिलों की निष्प्रयोज्य भूमि पर नई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जा सकेगी। प्रस्ताव पर अनुमोदन से प्रदेश के उद्योगों की स्थापना होने से रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।
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डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड में डी0टी0आई0एस0 की स्थापना हेतु एस0पी0वी0 (ए0एम0डी0टी0एफ0) को 0.8 हे0 भूमि निःशुल्क दिये जाने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने डिफेंस कॉरिडोर परियोजना के अन्तर्गत डी0टी0आई0एस0 फैसिलिटी सेण्टर विकसित किये जाने हेतु गठित एस0पी0वी0 (ए0एम0डी0टी0एफ0) को लखनऊ नोड में 0.8 हेक्टेयर भूमि निःशुल्क दिये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
उल्लेखनीय है कि यूपीडा बोर्ड की 89वीं बैठक में डिफेंस कॉरिडोर की सफलता हेतु डी0टी0आई0एस0 फैसिलिटी विकसित किये जाने के महत्व के दृष्टिगत गठित एस0पी0वी0 एडवान्स्ड मैटीरियल डिफेंस टेस्टिंग फाउण्डेशन (ए0एम0डी0टी0एफ0) को लखनऊ नोड में 0.8 हेक्टेयर भूमि, जिसका मूल्य 94 लाख 19 हजार 120 रुपये है, निःशुल्क दिये जाने का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया है।
डी0टी0आई0एस0 फैसिलिटी का विकास एक कॉमन टेस्टिंग फैसिलिटी सेण्टर के रूप में होगा, जिसका उपयोग डिफेंस कॉरिडोर के लखनऊ नोड के अन्तर्गत स्थापित रक्षा इकाइयों द्वारा अपने उत्पादों के परीक्षण एवं सर्टिफिकेशन हेतु किया जायेगा। इससे इन उत्पादों की मांग भारत और भारत के बाहर बढ़ना सम्भावित है।
लखनऊ नोड में डी0टी0आई0एस0 फैसिलिटी का विकास रक्षा उत्पादन के ईकोसिस्टम के विकास हेतु एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस फैसिलिटी सेण्टर के विकास से निवेशकों को तकनीकी सहयोग प्राप्त हो सकेगा तथा निवेश को बढ़ावा मिलेगा। डी0टी0आई0एस0 फैसिलिटी के विकास से रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के अन्तर्गत 03 डिफेंस टेस्टिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी विकसित किये जाने का प्राविधान है। इसमें मैकेनिकल एण्ड मैटीरियल टेस्टिंग फैसिलिटी का निर्माण लखनऊ नोड के अन्तर्गत किया जाना है। शेष 02 टेस्टिंग फैसिलिटी का निर्माण आई0आई0टी0 कानपुर कैम्पस के अन्तर्गत किया जा रहा है। इसके लिए आई0आई0टी0 कानपुर द्वारा निःशुल्क स्थान उपलब्ध कराया गया है।
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विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित प्रायोजना ‘असिस्टेन्स फॉर एस एण्ड टी सेक्रेटेरिएट टू सीएसटीयूपी’ के अन्तर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 में वर्ष 1994-95 से कार्यरत 07 कार्मिकों को परिषद कार्मिकों की भांति सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन अनुमन्य कराये जाने के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित प्रायोजना ‘असिस्टेन्स फॉर एस एण्ड टी सेक्रेटेरिएट टू सीएसटीयूपी’ के अन्तर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उ0प्र0 में वर्ष 1994-95 से कार्यरत 07 कार्मिकों को परिषद के अन्य कार्मिकों की भांति सातवें वेतन समिति की पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स के अनुसार दिनांक 01.01.2016 से अनुमन्य कराए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। उक्त प्रकरण के सम्बन्ध में किसी भी कठिनाई के निवारण हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।
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