मुख्यमंत्री ने विश्व वेटलैण्ड्स दिवस-2025 पर पार्वती अरगा पक्षी विहार, गोण्डा में आयोजित ‘हम सभी के भविष्य के लिए आर्द्र भूमियों का संरक्षण’ विषयक कार्यक्रम का शुभारम्भ किया
प्राकृतिक झीलें तथा वेटलैण्ड्स हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के महत्वपूर्ण केन्द्र : मुख्यमंत्री
वेटलैण्ड्स में स्थानीय तथा प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती
पार्वती और अरगा प्राकृतिक झीलें हमारा ध्यान प्रकृति के मूल स्वरूप की ओर आकर्षित करतीं
पार्वती अरगा वेटलैण्ड्स को सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के साथ जोड़ने के लिए सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही
पर्यटन स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन व अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का माध्यम, इसमें ईको, हेरिटेज तथा स्पिरिचुअल टूरिज्म सम्मिलित
टिकरी जंगल को ओपन सफारी व इस कमिश्नरी तथा अवध क्षेत्र को ईको टूरिज्म के एक बड़े केन्द्र के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा
आत्मनिर्भरता का कार्य प्रत्येक ग्राम पंचायत के माध्यम से आगे बढ़ाने से प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में प्राप्त किया जा सकेगा
प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाने को कहा, प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की रोकथाम से कार्बन उत्सर्जन न्यूनतम होगा
प्रदेश में ग्रीन एनर्जी को उपयोगी बनाने की दिशा में अनेक प्रयास प्रारम्भ किए गए
प्रदेश सरकार के प्रयासों से राज्य के ग्रीन कवर में वृद्धि हुई
मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में प्रदेश विकास के पथ पर निरन्तर अग्रसर : केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री
मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की प्रदर्शनी का उद्घाटन, ‘85 रामसर फैक्ट्स बुक’, ‘पार्वती अरगा की एकीकृत प्रबन्धन योजना’, ‘वनटांगिया संघर्ष से सशक्तिकरण तक’ पुस्तकों का विमोचन तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया
लखनऊ : 02 फरवरी, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्राकृतिक झीलें तथा वेटलैण्ड्स हमारे पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण केन्द्र हैं। भू-जल संरक्षण, सिंचाई और पेयजल की उपलब्धता, बाढ़ व सूखे पर नियन्त्रण, कार्बन भण्डारण एवं जलीय पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्भर वनस्पतियों व वन्य प्राणियों, प्रवासी एवं स्थानीय पक्षियों के संरक्षण, भोजन, आजीविका तथा आय के संसाधन उपलब्ध कराने में वेटलैण्ड्स बड़ी भूमिका का निर्वहन करते हैं। केवल जलीय पारिस्थितिकी ही नहीं, बल्कि जीव-जन्तु की पारिस्थितिकी भी वेटलैण्ड्स पर निर्भर करती है।
मुख्यमंत्री जी आज पार्वती अरगा पक्षी विहार, जनपद गोण्डा में विश्व वेटलैण्ड्स दिवस-2025 पर आयोजित ‘हम सभी के भविष्य के लिए आर्द्र भूमियों का संरक्षण’ विषयक कार्यक्रम का शुभारम्भ करने के पश्चात अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। ज्ञातव्य है कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित अरगा ब्राण्ड के उत्पादों की प्रदर्शनी का उद्घाटन व अवलोकन किया। मुख्यमंत्री जी ने ‘85 रामसर फैक्ट्स बुक’, ‘पार्वती अरगा की एकीकृत प्रबन्धन योजना’, ‘वनटांगिया : संघर्ष से सशक्तिकरण तक’ पुस्तक का विमोचन किया। उन्होंने ‘हम सभी के भविष्य के लिए आर्द्र भूमियों का संरक्षण’ विषय पर सम्पन्न विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज जनपद गोण्डा के लिए बहुत महत्वपूर्ण दिन है। जब यहां एक प्राकृतिक झील को अन्तरराष्ट्रीय मान्यता प्रदान कराने के उद्देश्य से वर्ल्ड वेटलैण्ड्स-डे के अवसर पर यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जनपद गोण्डा में विस्तृत क्षेत्रफल में स्थित पार्वती और अरगा नाम की दो प्राकृतिक झीलें हमारा ध्यान प्रकृति के मूल स्वरूप की ओर आकर्षित करती हैं। घाघरा और सरयू नदी के जल बहाव के कारण सैकड़ों वर्ष पूर्व इन प्राकृतिक झीलों का निर्माण हुआ। यह देश की प्राचीन विरासत की प्रतीक हैं। अथर्ववेद में कहा गया है कि ‘माता भूमि पुत्रोऽहं पृथिव्या’ अर्थात् यह धरती हमारी माता है तथा हम सब इसके पुत्र हैं, क्योंकि धरती हमें जीवनानुकूल पारिस्थितिकी व संसाधन उपलब्ध कराती है। पुत्र के रूप में हमारा दायित्व माता का संरक्षण करना है।
आर्द्र भूमियां अक्सर अतिक्रमण की चपेट में आ जाती हैं। वहां पर बेतरतीब निर्माण कार्य होने लगता है। इससे वहां का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होता है। आज इसका दुष्परिणाम अनेक वेटलैण्ड्स भुगत रही हैं। इस समस्या के कारण जीव जन्तुओं की अनेक प्रजातियां नष्ट हो जाती हैं। इसी को ध्यान में रखकर रामसर अन्तरराष्ट्रीय वेटलैण्ड्स कन्वेंशन द्वारा वर्ष 1971 में तय किया गया कि दुनिया को बचाने के लिए वेटलैण्ड्स का संरक्षण करना होगा। ईरान में स्थित रामसर शहर में वर्ष 1971 से अन्तरराष्ट्रीय कन्वेंशन के माध्यम से यह कार्यक्रम लगातार आगे बढ़ रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के बाद देश में 65 वर्षों में मात्र 26 रामसर साइट्स को चिन्हित कर मान्यता प्रदान की गई थी। विगत 10 वर्षों में देश में 63 रामसर साइट्स को चिन्हित किया गया है। देश में वर्तमान में रामसर साइट्स की संख्या 26 से बढ़कर 89 हो गयी है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पारिस्थितिकी तंत्र को बचाते हुए भारत को समग्र विकास की दिशा में अग्रसर करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी कितने आग्रही हैं। प्रदेश में अनेक रामसर साइट्स हैं, जिनके संरक्षण की दिशा में हम प्रयासरत हैं। अनेक साइट्स को चिन्हित भी किया गया है। इन वेटलैण्ड्स में स्थानीय तथा प्रवासी पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं। कुछ पक्षी हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर यहां आए हैं। गर्मी का मौसम आने पर यह पक्षी अपने मूल देश को वापस लौट जाएंगे। यह पक्षी अपने साथ वहां की स्मृतियों को लेकर आते हैं। हमें वहां की परिस्थितियों से अवगत कराते हैं।
पर्यटन स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन व अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने का माध्यम होता है। इसमें ईको, हेरिटेज तथा स्पिरिचुअल टूरिज्म सम्मिलित हैं। टिकरी जंगल को ओपन सफारी व इस कमिश्नरी तथा अवध क्षेत्र को ईको टूरिज्म के एक बड़े केन्द्र के रूप में विकसित करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। पार्वती अरगा वेटलैण्ड्स को सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के साथ जोड़ने के लिए सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है।
गोण्डा जिला प्रशासन द्वारा महिला स्वयंसेवी समूह को प्रोत्साहित करते हुए पार्वती अरगा वेटलैण्ड्स के साथ आस-पास के गांवों के लोगों को जोड़ने के प्रयास किए गए हैं, ताकि अमेजॉन के साथ मिलकर उनके प्रोडक्ट को ऑनलाइन बेचा जा सके। वह अपना प्रोडक्ट अच्छी पैकेजिंग के साथ उपलब्ध कराएंगे। अच्छी पैकेजिंग की व्यवस्था के लिए प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें तैयार किया गया है। मार्केटिंग के लिए अनेक संस्थाएं आपके बीच आ रही हैं। पहले प्रोडक्ट की मार्केटिंग तथा पैकेजिंग की समस्या थी। प्रोडक्ट के माध्यम से लोगों को स्थानीय परिस्थितियों की जानकारी प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ‘वोकल फॉर लोकल’ की ओर निरन्तर हमारा ध्यान आकर्षित करते हैं। हम आत्मनिर्भरता का लक्ष्य तब प्राप्त कर सकते हैं, जब लोग स्थानीय स्तर पर निर्मित वस्तुओं की मांग करेंगे। महिला स्वयं सेवी समूह इसमें महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। यदि आत्मनिर्भरता का यह कार्य प्रत्येक ग्राम पंचायत के माध्यम से आगे बढ़ाएंगे, तो प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डॉलर बनाने के लक्ष्य को अगले तीन वर्षों में प्राप्त किया जा सकेगा। ग्राम पंचायतों तथा प्रत्येक परिवार को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं।
विगत 06-07 वर्ष पूर्व पर्व व त्योहारों पर दूसरे देशों से निर्मित वस्तुओं की खरीद करनी पड़ती थी। आज विभिन्न मांगलिक अवसरों पर अपने सगे सम्बन्धियों को उपहार प्रदान करने के लिए लोग ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के अन्तर्गत निर्मित उत्पादों की खरीद करते हैं। परिणामस्वरुप स्थानीय हस्तशिल्पी तथा कारीगरों को आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। बाजार मजबूत होती है। अनेक लोगों को रोजगार प्राप्त होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज गोण्डा जिला वैसा नहीं है, जैसा 08 वर्ष पूर्व था। 08 वर्ष पूर्व किए गए सर्वे में गोण्डा को देश का सबसे गंदा जिला घोषित किया गया था। अब गोण्डा को अच्छी रैंकिंग प्राप्त होती है। यहां मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो चुका है। जिन वनटांगिया लोगों को 100 वर्षों से उनका अधिकार प्राप्त नहीं हुआ था, आज वह लोग अपना अधिकार प्राप्त कर सम्मान के साथ आगे बढ़ रहे हैं। वनटांगिया लोगों के जीवन में कैसे परिवर्तन आ सकता है, आज गोंडा जिला प्रशासन द्वारा इससे सम्बन्धित एक पुस्तक रिलीज की गई है। पार्वती अरगा वेटलैण्ड्स के इण्टीग्रेटेड डेवलपमेण्ट प्लान पर भी एक पुस्तक रिलीज की गई है। पर्यावरण तथा वेटलैण्ड्स से सम्बन्धित अनेक मुद्दों को भी इस कार्यक्रम के माध्यम से आगे बढ़ाया गया है।
प्रधानमंत्री जी ने हम सभी से वर्ष 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाने को कहा है। कार्बन उत्सर्जन न्यूनतम तभी होगा, जब हम प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की रोकथाम करेंगे। पहले लोग भोजन बनाने के लिए लकड़ी तथा केरोसिन का उपयोग ईंधन के रूप में करते थे। स्वास्थ्य तथा पर्यावरण पर इसके अनेक दुष्प्रभाव पड़ते थे। वर्तमान में देश में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में 10 करोड़ से अधिक परिवारों को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का कार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में ग्रीन एनर्जी को उपयोगी बनाने की दिशा में अनेक प्रयास प्रारम्भ किए गए हैं। प्रदेश सरकार के प्रयासों से राज्य के ग्रीन कवर में वृद्धि हुई है। प्रदेश में विगत 08 वर्षों में 210 करोड़ पौधरोपण का कार्य किया गया है। इसमें लगभग 70 प्रतिशत पौधे सुरक्षित हैं। इसके माध्यम से कहीं-कहीं पर अच्छा फॉरेस्ट कवर विकसित हुआ है। गोरखपुर में जटायु संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र का निर्माण किया गया है। वहां बहुत अच्छा कार्य चल रहा है। प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ऐसे अनेक प्रयास प्रारम्भ किए गए हैं।
केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में प्रदेश विकास के पथ पर निरन्तर अग्रसर है। जनपद गोण्डा में अनेक विकास कार्य तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। गोण्डा में बिजली की समस्या से निजात दिलाने के लिए 132 के0वी0 के 02 बिजली घर स्थापित किये गये हैं। जाम की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए 03 ओवर ब्रिजों का निर्माण किया गया है। 02 ओवर ब्रिजों के निर्माण के लिए कार्य प्रगति पर है। सैकड़ों किलोमीटर लम्बी अनेक छोटी तथा बड़ी सड़कों तथा पुलों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण में आर्द्र भूमि की विशेष भूमिका है। यह जैव विविधता को सहेजने का कार्य भी करती है। देश में रामसर साइट्स की संख्या 26 से बढ़कर 89 हो गयी है।
वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि देश के कुल रामसर स्थलों में से 10 रामसर स्थल उत्तर प्रदेश में स्थित हैं। यह संख्या देश में दूसरे नम्बर पर है। केन्द्रीय वन अनुसंधान संस्थान देहरादून की हालिया रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के ग्रीन कवर में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। ग्रीन कवर बढ़ाने के मामले में राज्य को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। यह कार्य मुख्यमंत्री जी के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन से सम्भव हो सका है।
इस अवसर पर आर्द्र भूमि संरक्षण से सम्बन्धित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
प्रमुख सचिव वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन श्री अनिल कुमार ने स्वागत उद्बोधन किया।
कार्यक्रम में कारागार मंत्री श्री दारा सिंह चौहान, वन, पर्यावरण, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री के0 पी0 मलिक सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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