एम एल के पी जी कॉलेज बलरामपुर के भाषा संकाय एवं ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन समारोह महाविद्यालय सभागार में शनिवार को आयोजित किया गया। दो दिनों तक चलने वाले संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित कई राज्यों के प्रोफेसर के ऑफलाइन व ऑनलाइन व्याख्यान आयोजित किए गए।
समापन समारोह का शुभारंभ कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य प्रो0 जे पी पाण्डेय , मुख्य अतिथि प्रो0 माधवराज द्विवेदी,आई क्यू ए सी कोऑर्डिनेटर प्रो0 तबस्सुम फरखी,समन्वयक प्रो0 विमल प्रकाश वर्मा ,डॉ तारिक कबीर व आयोजन सचिव डॉ भावना सिंह ने किया।
में उपस्थित प्रोफेसर व शोधार्थियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रो0 पाण्डेय ने कहा कि भाषा के माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों व सभ्यताओं को समझ सकते है । भाषा से मानव के प्राचीन व आधुनिक इतिहास को समझा जा सकता है । राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर एकता व सदभावना के लिए भाषा ही सबसे महत्वपूर्ण साधन है। मनुष्य को शिक्षित करने के लिए भाषा को ही माध्यम बनाया जाता है। दुनिया में करीब 6,500 भाषाएं बोली जाती हैं. हर भाषा कई मायनों में अनोखी होती है. समय के साथ-साथ भाषाएं विकसित होती रहती हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन शोधार्थियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। मुख्य अतिथि प्रो0 माधवराज द्विवेदी ने कहा कि भारतीय भाषाओं का स्वरूप एवं विकास:संस्कृत, हिंदी व उर्दू के संदर्भ में विषय बहुत ही व्यापक है। भारतीय भाषाओं का क्रम विस्तृत है। भाषा अभिव्यक्ति का माध्यम है, भाषा सांकेतिक व प्रतीकात्मक भी होती है। भाषा आत्मविस्तार का विषय है। अतिथियों का स्वागत समन्वयक प्रो0 विमल प्रकाश वर्मा व आयोजन सचिव डॉ भावना सिंह ने किया जबकि डॉ तारिक कबीर ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। महाविद्यालय के एसोसिएट एन सी सी ऑफिसर लेफ्टिनेंट डॉ देवेन्द्र कुमार चौहान ने दो दिवसीय संगोष्ठी की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यक्रम का सफल संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर अंग्रेजी डॉ श्रद्धा सिंह ने किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि सहित उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्राध्यापकों को सम्मानित भी किया गया। इसके पूर्व शुक्रवार की देर शाम सांस्कृतिक संध्या में एकल नृत्य,समूह नृत्य, कव्वाली व संस्कृत गीत के कार्यक्रम का प्रस्तुतिकरण हुआ।
इस अवसर पर महाविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों व महाविद्यालय से आमंत्रित प्रोफेसर व शोधार्थी उपस्थित रहे।
हिन्दी संवाद न्यूज से
रिपोर्टर वी. संघर्ष
बलरामपुर।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know