प्रदेश में दुर्घटनाएं रोकने के लिए परिवहन निगम उठाएगा ठोस कदम

 

परिवहन निगम के एमडी की ओर से सभी नोडल अधिकारियों को दिए गए नोडल स्तर पर दुर्घटनाओं की समीक्षा के निर्देश

 

अधिकारियों को दुर्घटनाओं की मुख्य वजहों के साथ-साथ इसमें व्यापक पैमाने पर कमी लाने के उपाय भी सुझाए गए

 

ओवरस्पीडिंग, उचित दूरी न बनाकर चलना, गलत एवं लापरवाही से ओवरटेकिंग करने से हो रही हैं अधिकांश दुर्घटनाएं

 

चालकों की काउंसिलिंग के दौरान दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों की ओर प्रमुखता से चालकों का ध्यान आकर्षित किया जाए

 

समीक्षा करते हुए दुर्घटनाओं का कारण एवं दोषी चालक के विरुद्ध की गई कार्रवाई के विषय में मुख्यालय को दी जाए जानकारी

 

लखनऊ, 6 जून। रोडवेज की बसों में दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन ने सभी नोडल अधिकारियों को नियमित समीक्षा के निर्देश दिए हैं। इस संबंध में परिवहन निगम के एमडी की ओर से सभी नोडल अधिकारियों को लेटर जारी किया गया है। इस लेटर में उन्हें दुर्घटनाओं की मुख्य वजहों के साथ-साथ उपाय भी सुझाए गए हैं। साथ ही चालकों की नियमित काउंसिलिंग के भी निर्देश दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी ने प्रदेश में दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए परिवहन निगम को उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में परिवहन निगम द्वारा अप्रैल 2023 से मार्च 2024 में हुई दुर्घटनाओं की तुलना एवं समीक्षा में पाया गया है कि इस दौरान फैटल दुर्घटनाओं एवं मृतकों की संख्या में वृद्धि हुई है। इससे स्पष्ट है कि मुख्यालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों का क्षेत्रीय एवं डिपो स्तर के अधिकारियों द्वारा दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सार्थक प्रयास किया जाना अत्यंत जरूरी है।

 

चालकों की हो काउंसिलिंग

परिवहन निगम के एमडी मासूम अली सरवर ने बताया कि ओवरस्पीडिंग, उचित दूरी न बनाकर चलना, गलत एवं लापरवाही से ओवरटेकिंग करने से अधिकांश दुर्घटनाएं होती हैं। यह तीनों मानवीय कारण चालकों के नियंत्रण से बाहर नहीं है। अतः काउंसिलिंग के समय इन तीनों कारणों की ओर प्रमुखता से चालकों का ध्यान आकर्षित किया जाए, ताकि दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। उन्होंने निर्देश दिया कि अपने-अपने नोडल क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान गत माह हुई समस्त दुर्घटनाओं की गहन समीक्षा करें। दुर्घटनाओं का कारण एवं दोषी चालक व क्रू के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई, ज्ञात करेंगे। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए डिपो एवं क्षेत्र स्तर पर क्या-क्या कार्यवाही एवं निर्धारित हेल्थ कार्ड के द्वारा स्वास्थ्य व नेत्र परीक्षण एवं प्रभावशाली काउंसिलिंग की जा रही है या नहीं, इसकी भी जानकारी देंगे। मुख्यालय आने पर नोडल अधिकारी अपनी निरीक्षण टिप्पणी के साथ गत माह की दुर्घटनाओं की समीक्षात्मक टिप्पणी प्रधान प्रबंधक (संचालन) को प्रस्तुत करेंगे।

 

मानवीय कारणों से हो रहीं दुर्घटनाएं

पत्र में कहा गया है कि परिवहन निगम की बसों की अधिकांश दुर्घटनाएं मानवीय कारण से हो रही हैं। इसमें ओवर स्पीडिंग, निर्धारित गति से अधिक गति में वाहन चलाना, आगे चल रहे वाहन से उचित दूरी न बनाकर चलना, नशे की हालत में वाहन चलाना, शराब या अन्य मादक पदार्थों के प्रभाव में रहते हुए वाहन चलाना शामिल है। इसके साथ ही वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करना या ईयर फोन लगाकर संगीत सुनना, सड़क पर लगे संकेतकों की अवहेलना, ट्रैफिक लाइट का उल्लंघन, गलत लेन में चलना, रांग साइड में वाहन चलाना, गलत समय पर गलत ढंग से ओवरटेकिंग करना शामिल है। इसके अलावा घने कोहरे में पार्किंग लाइट का प्रयोग न करना, वाहन में रिफ्लेक्टिव टेप का न लगा होना, मुख्य मार्गों/हाईवेज से जुड़ते हुए शाखा मार्गों से आते हुए बिना दाएं बाएं देखे तीव्र गति से मुख्य मार्ग को ज्वॉइन करना, मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग में जल्दबाजी में क्रॉसिंग पार करना, नींद न पूरी होने या अत्यधिक थकान की दशा में गाड़ी चलाना, टायर की हवा, ब्रेक, क्लच और अन्य आवश्यक यंत्रों की फिटनेस पर ध्यान न देना और असामान्य मनोदशा वाले या मानसिक रूप से अस्वस्थ चालकों द्वारा वाहन चलाना भी शामिल है।

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देव दीपावली से वाराणसी में शुरू होगा सिटी रोपवे 

 

दुनिया का तीसरा और देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोप-वे काशी में कराएगा सुगम यात्रा

 

रोपवे चलने से वाराणसी में ट्रैफ़िक की समस्या से मिलेगी निजात

 

काशी में 807 करोड़ की लागत से स्विट्जरलैंड आधारित कंपनी बर्थोलेट करा रही रोपवे का निर्माण

 

वाराणसी, 6 जूनः बोलीविया देश के लापाज, मैक्सिको के बाद दुनिया का तीसरा और देश का पहला अर्बन ट्रांसपोर्ट रोप-वे देव दीपावली से काशी में शुरू होना संभावित है। पहले सेक्शन वाराणसी जंक्शन कैंट रेलवे स्टेशन से रथयात्रा तक की सुगम यात्रा काशीवासी कम समय में कर सकेंगे। सिटी रोपवे के संचालन से वाराणसी में यातायात की समस्या से निजात मिलेगी। रोपवे के निर्माण के लिए स्विटज़रलैंड से आये उपकरण इंस्टाल किया जाना शुरू हो गए हैं। 807 करोड़ रुपये की लागत से वाराणसी में रोपवे का निर्माण हो रहा है। यह काम स्विट्जरलैंड आधारित कंपनी बर्थोलेट कर रही है। देव दीपावली में पर्यटक जब वाराणसी आएंगे तो रोपवे से यात्रा कर सकेंगे।

 

जल्द ही होगा रोपवे का ट्रायल रन

पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना को सीएम योगी आदित्यनाथ तेजी से ज़मीन पर उतार रहे हैं, जिससे वाराणसी में ट्रैफिक की समस्या से काफी राहत मिलेगी। रोपवे के संचालन के लिए स्टेशन और टावर इंस्टॉल करने का काम तेजी से चल रहा है। जल्द ही रोपवे का ट्रायल रन होगा। उसके बाद पर्यटक यात्रा कर सकेंगे। हर डेढ़ से दो मिनट के अंतराल में यात्रियों को गोंडोला उपलब्ध रहेगी। एक दिशा में एक घंटे में 3000 लोग यात्रा कर सकेंगे यानी दोनों दिशाओं में एक घंटे में छह हजार यात्रियों का आवागमन होगा। गोदौलिया से कैंट रेलवे स्टेशन पहुंचने में लगभग 16 मिनट लगेगा। 45 से 50 मीटर की अनुमानित ऊंचाई से क़रीब150 ट्रॉली कार चलेगी। एक ट्रॉली में 10 यात्री सवार हो सकते है। रोपवे का संचालन 16 घंटे होगा।

 

16 टावर पर तेजी से चल रहा है काम

नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश गौड़ ने बताया कि वाराणसी में देव दीपावली पर पूरे विश्व से पर्यटक आते है। एनएचएलएमएल की कोशिश है कि देव दीपावली तक रोपवे का संचालन शुरू हो जाए और काशी आने वाले पर्यटकों को प्रदूषण रहित परिवहन की अच्छी सुविधा मिल सके। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक विद्यापीठ स्टेशन पर एंकर बोल्ट स्थापित हो गया है। इसके अलावा कई एक्सेलरेशन व डी एक्सेलरेशन कन्वेयर भी स्थापित हो गए हैं। अब जल्द ही रोप लगाने का काम शुरू होगा। वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन से रथयात्रा तक कुल दो टावर इंस्टॉल हो चुके है।16 टावर पर तेजी से काम चल रहा है।

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लोकसभा चुनाव संपन्न होते ही मुख्यमंत्री ने की वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक, विभागवार परियोजनाओं की  प्रगति की ली जानकारी

 

खाली पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया तेज करें, जहां खाली हैं पद आयोगों को भेजें अधियाचन: मुख्यमंत्री

 

अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरीडोर का मिलेगा प्रदेश को सीधा लाभ, प्रयागराज और आगरा में बनेंगे दो नोड: मुख्यमंत्री

 

सीएम डैशबोर्ड पर होगा लाभार्थीपरक योजनाओं को पूरा विवरण

 

गांव हो या नगर, बिजली तभी कटे, जब बहुत जरूरी हो: मुख्यमंत्री

 

GST संग्रह के लिए फिक्स करें अधिकारियों का टारगेट, परफॉर्मेंस ही होगा पदोन्नति/पदस्थापना का आधार: मुख्यमंत्री

 

मुख्यमंत्री का निर्देश, गन्ना पेराई का नया सत्र प्रारंभ होने से पूर्व पिछले सत्र का सारा बकाया भुगतान हो, गन्ना उन्हीं को जिनका भुगतान रिकॉर्ड अच्छा

 

लोकसभा चुनाव में नहीं हुई जहरीली/अवैध शराब की घटना, जारी रखें सख्ती के दौर: मुख्यमंत्री

 

पहले सभी कमिश्नरी फिर हर एक जिले में स्थापित होंगे महिला संरक्षण गृह

 

शैक्षिक कैलेंडर तैयार करते समय मौसम का ध्यान रखें शैक्षिक संस्थान, 10 मई के बाद न परीक्षाओं से करें परहेज: मुख्यमंत्री

 

बीएसए/डीआईओएस हर सप्ताह करें कस्तूरबा बालिका कॉलेजों के निरीक्षण, जहां भी कमी मिले, तत्काल ठीक कराएं: मुख्यमंत्री

 

मनरेगा में भुगतान में अनावश्यक देरी न हो, हर श्रमिक को समय से मिले पारिश्रमिक

 

गर्मी-बरसात का मौसम अत्यंत संवेदनशील, 24×7 एक्टिव रहे राहत आयुक्त कार्यालय, प्रभावित तक तत्काल पहुंचाएं सहायता

 

बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में शुद्ध पेयजल का सपना हो रहा पूरा, गर्मी के मौसम में रखें विशेष ध्यान: मुख्यमंत्री

 

गढ़मुक्तेश्वर के बृज घाट का होगा कायाकल्प, मुख्यमंत्री ने मांगी सुंदरीकरण की कार्ययोजना

 

अब तक तैयार हो चुकी है 80 लाख से अधिक घरौनी, मुख्यमंत्री का निर्देश जहां काम बाकी तेजी से करें पूरा

 

संचारी रोगों के दृष्टिगत अलर्ट मोड में रहे स्वास्थ्य, नगर विकास और ग्राम्य विकास विभाग

 

मुख्यमंत्री का निर्देश, कड़ाई से लागू हो सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध

 

बरसात के दृष्टिगत नालों की सफाई करा लें, ताकि बारिश में जलभराव न हो

 

परिषदीय विद्यालयों में समय से पूरी कराएं स्थानांतरण की प्रक्रिया, प्रधानाध्यापक और शिक्षक सुनिश्चित कराएं कि हर छात्र-छात्रा निर्धारित गणवेश में ही विद्यालय आए

 

लोकसभा चुनाव संपन्न होने के तत्काल बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शासन स्तर के सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश में जारी लोकहित की परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। गुरुवार को हुई इस बैठक में सभी वरिष्ठ अधिकारियों सम्बंधित विभागों में वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभिन्न योजनाओं की प्रगति और भावी कार्ययोजनाओं से मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया। विशेष बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश...

 

अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गण अपने विभाग के शीर्ष अधिकारी हैं। विभाग से जुड़ी हर एक व्यवस्था, हर एक परियोजना, प्रत्येक प्रकरण के लिए आपकी जवाबदेही है। अतः समयबद्धता, गुणवत्ता सुनिश्चित करना आपकी जिम्मेदारी है।  विभागीय मंत्रीगणों के साथ बेहतर संवाद-समन्वय बनाये रखें। जनहित के प्रकरणों को अनावश्यक लंबित न रखें।

 

जिन भी विभागों में रिक्तियां हैं और नियुक्ति की जानी हैं, वहां से तत्काल अधियाचन चयन आयोगों को भेजा जाए। नियुक्ति प्रक्रिया में सरलता के लिए ई-अधियाचन की व्यवस्था लागू की गई है, उसका उपयोग करें। नियुक्ति के लिए अधियाचन भेजने से पूर्व नियमावली का सूक्ष्मता से परीक्षण कर लिया जाए। चयन आयोगों से संपर्क बनाएं, त्रुटिपूर्ण अधियाचन न भेजें। चयन प्रक्रिया की समय-सीमा तय करें।

 

वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही समाप्त होने वाली है। सभी विभागों द्वारा वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि का यथोचित खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए। समय से आवंटन और समय से खर्च होना चाहिए। वित्त विभाग द्वारा इसकी विभागवार समीक्षा की जाए। बजट आवंटन और खर्च के नियमों का सरलीकरण भी अपेक्षित है, इस पर यथोचित कार्यवाही की जाए।

 

GST संग्रह के प्रयासों को तेज करने की आवश्यकता है। फील्ड में तैनात अधिकारियों को टारगेट दें। इनके परफॉर्मेंस को ही इनकी पदोन्नति, पदस्थापना का आधार बनाया जाना चाहिए। तकनीक का प्रयोग बढ़ाएं। कर चोरी किसी भी दशा में न हो।

 

तेज गर्मी/लू का मौसम चल रहा है। ऐसे में पूरे प्रदेश में गांव हो या शहर, कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती नहीं होनी चाहिए। बिजली तभी कटे, जब बहुत जरूरी हो। ट्रांसफार्मर जलने/तार गिरने, ट्रिपिंग जैसी समस्याओं का बिना विलंब निस्तारण किया जाए। अधिकारी फोन अटेंड करें, कहीं भी विवाद की स्थिति न बनने पाए, यदि ऐसा हो तो वरिष्ठ अधिकारी तत्काल स्वयं मौके पर पहुंचें।

 

सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करें। सेफ सिटी परियोजना से जुड़े कार्यों को समय से पूरा कराएं। नगरों में कहीं भी पेयजल का संकट होने पाए। स्ट्रीट डॉग की समस्या का स्थायी समाधान तलाशें।

 

बरसात के दृष्टिगत नालों की सफाई करा ली जाए। सिल्ट जमा हो, ताकि बारिश में जलभराव न हो। मलिन बस्तियों में साफ-सफाई की अत्यधिक आवश्यकता है। यहां नियमित फॉगिंग भी कराई जाए। सॉलिड वेस्ट प्रबंधन के लिए ठोस प्रयास करें।

 

खनन कार्य में संलग्न वाहनों में किसी भी दशा में ओवरलोडिंग हो। यह नियमविरुद्ध भी है और दुर्घटनाओं का कारक भी बनता है। इस दिशा में सख्ती की जानी चाहिए।

 

बालू, मोरम, गिट्टी जैसे उपखनिजों का आम आदमी से सीधा जुड़ाव है। अब बरसात के मौसम में खनन कार्य स्थगित रहेगा। ऐसे में यह सुनिश्चित कराएं कि इनकी कीमतों में अनावश्यक बढ़ोतरी न हो। विभिन्न विकास परियोजनाएं भी इससे प्रभावित होती हैं। उपखनिजों का कृत्रिम अभाव पैदा करने वाले कालाबाजारियों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाए।

 

  एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज अभियान के तहत निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों में निर्माण कार्य की गुणवत्ता और परियोजना की समयबद्धता सुनिश्चित कराएं। इसकी साप्ताहिक समीक्षा करें। प्राचार्यों अन्य फैकल्टी स्टाफ के चयन में केवल योग्यता को ही मानक बनाएं।

 

प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि गन्ना पेराई का नया सत्र प्रारंभ होने से पूर्व पिछले सत्र का सारा बकाया भुगतान हो जाए। गन्ना, उन्हीं मिलों को उपलब्ध कराया जाए, जिनका भुगतान रिकॉर्ड अच्छा हो।

 

जहरीली अथवा अवैध शराब बनाने, बेचने और खरीदने के प्रयासों पर लगातार हुई कार्रवाइयों का ही असर है कि इसका पूरा सिंडिकेट समाप्त हो गया है। कार्रवाइयों का क्रम लगातार जारी रखें। यह सुखद है कि लोकसभा चुनाव में कहीं भी जहरीली अथवा अवैध शराब से जुड़ी अप्रिय घटनाएं की सूचना नहीं प्राप्त हुई। प्रयास हो कि ऐसी स्थिति आगे भी बनी रहे।

 

कमिश्नरी स्तर पर महिला संरक्षण गृह क्रियाशील कराएं। चरणबद्ध रूप से इसे सभी 75 जनपदों में विस्तार दिया जाए। संरक्षण गृहों के लिए NGO's का चयन अत्यंत सावधानी के साथ किया जाए। यहां वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा भी की जाती रहे।

 

बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में शुद्ध पेयजल एक सपना था। आज यह सपना साकार हो रहा है। यह दोनों ही क्षेत्र शीर्ष प्राथमिकता में है। अतिशीघ्र विंध्य-बुंदेलखंड के हर घर में नल से जल की सुविधा होगी। झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, बांदा, चित्रकूट, मीरजापुर, सोनभद्र सहित पूरे विंध्य-बुंदेलखंड में जल जीवन मिशन का कार्य आख़िरी चरण में प्रवेश कर गया है। अवशेष कार्यों को तेजी के साथ पूरा कराया जाए। हर गांव में प्रशिक्षित प्लम्बर की तैनाती कर दी जाए।

 

गर्मी के मौसम में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति लगातार बनाये रखें। एक भी दिन एक भी परिवार को पेयजल की समस्या नहीं होनी चाहिए। पशुओं के लिए हरा चारा और पेयजल के भी प्रबंध हों।

 

बरसात के मौसम में संचारी रोगों के प्रसार की सर्वाधिक आंशका होती है। इसके दृष्टिगत समय से पूरी तैयारी कर लें। चिकित्सकों के साथ-साथ आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों का भी पूरा सहयोग लें। जल जनित बीमारियों से बचाव के लिए इनकी आवश्यक ट्रेनिंग कराएं, लोगों में जागरूकता बढ़ाने के भी प्रयास हों।

 

सहारनपुर और फतेहपुर में निर्माणाधीन स्पोर्ट्स कॉलेज में आगामी सत्र से प्रवेश होना है। इसके दृष्टिगत निर्माण की कार्यवाही समय से पूरी करा ली जाए। मेरठ में निर्माणाधीन खेल विश्वविद्यालय के कार्यों में तेजी अपेक्षित है।

 

गढ़मुक्तेश्वर आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां के बृजघाट एवं आसपास के क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाट पर बहुत बडा ऐतिहासिक मेला लगता है। प्रदेश सरकार ने वार्षिक मेले का प्रांतीयकरण भी किया है। बृज घाट की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुए इसके सुंदरीकरण के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें।

 

निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल, पशुधन संरक्षण एवं संवर्द्धन में उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। कई जिलों में यह गोवंश स्थल सुव्यवस्थित ढंग से संचालित हो रहे हैं। बतौर उदाहरण इन्हें अन्य जनपदों के समक्ष प्रस्तुत कर बेहतरी के लिए प्रेरित करना चाहिए।

 

स्वामित्व, घरौनी और वरासत जैसे कार्यक्रमों ने आमजनमानस को बड़ी सुविधा प्रदान की है। अब तक 80 लाख से अधिक घरौनी तैयार की जा चुकी है। जहां सर्वेक्षण का कार्य शेष है, इसे भी यथाशीघ्र पूरा कर लिया जाए। हमारा लक्ष्य हो कि इस वर्ष के अंत तक सभी पात्र ग्रामीणों को उनके घरों का मालिकाना हक देने वाला प्रमाण पत्र "घरौनी" मिल जाए।

 

गर्मी और बरसात का यह सीजन सतर्क और सावधान रखने के समय है। आग लगने, अतिवृष्टि, अनावृष्टि, सर्प दंश , आकाशीय बिजली जैसी घटनाओं की आशंका बनी रहती है। ऐसे में यह जरूरी है कि राहत आयुक्त कार्यालय 24×7 एक्टिव हो। प्रभावित परिवार तक शीघ्रता से राहत पहुंचना चाहिए। मौसम के पूर्वानुमान का बुलेटिन भी जारी किया जाए।

 

बेसिक शिक्षा अधिकारी/ एसडीआई द्वारा अपने क्षेत्र में कस्तूरबा बालिका विद्यालयों का साप्ताहिक निरीक्षण किया जाये। वहां खान-पान, साफ-सफाई, सुरक्षा आदि हर एक व्यवस्था का सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाए। जहां कमी हो तत्काल दुरुस्त कराया जाए।

 

परिषदीय विद्यालयों में प्रत्येक प्रधानाध्यापक और शिक्षक यह सुनिश्चित कराएंगे कि हर छात्र-छात्रा निर्धारित गणवेश में ही विद्यालय आए। इसके लिए DBT की धनराशि समय से भेजी जाती रहे। शिक्षकों के स्थानान्तरण/नवीन पदस्थापना की जो भी कार्यवाही होनी है, उसे तत्काल संपन्न करा दिया जाए। माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प का अभियान तेज किया जाए। नए सत्र में स्कूल चलो अभियान की सफलता के लिए अच्छी कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वित कराएं।

 

अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरीडोर सरकार का सीधा लाभ उत्तर प्रदेश को भी प्राप्त होगा। इसके अंतर्गत प्रदेश में आगरा और प्रयागराज में दो नोड विकसित किए जाने हैं। परियोजना के लिए भूमि की कमी नहीं होनी चाहिए। इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए भारत सरकार के साथ सतत संवाद संपर्क बनाए रखें। यह इंडस्ट्रियल कॉरीडोर प्रदेश के विकास को नई ऊंचाई देने वाला होगा।

 

प्रदेश में निवेश कर रहीं औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा इंसेंटिव प्रदान किया जा रहा है। ऐसे सभी प्रकरणों की गहन समीक्षा कर बिना बिलंब यथोचित समाधान किया जाए। औद्योगिक विकास विभाग द्वारा इसे शीर्ष प्राथमिकता देते हुए निस्तारित किया जाए।

 

टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण की कार्यवाही को और तेज किया जाना चाहिए। इसके लिए खरीद की प्रक्रिया समय से पूरी कर लें।

 

विश्वविद्यालय, महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आईटीआई आदि सभी शैक्षिक संस्थानों में शैक्षिक कैलेंडर इस प्रकार तैयार किया जाना चाहिए ताकि 10 मई तक सभी आवश्यक परीक्षाएं सम्पन्न हो जाएँ। भीषण गर्मी के मौसम में परीक्षाओं से परहेज किया जाना चाहिए।

 

मनरेगा श्रमिकों के पारिश्रमिक के भुगतान में अनावश्यक विलम्ब नहीं होना चाहिए। इसके लिए भारत सरकार से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें।

 

गृह विभाग के अंतर्गत निर्माणाधीन परियोजनाओं की पाक्षिक समीक्षा की जाए। कार्य की गुणवत्ता और समयबद्धता हर हाल में सुनिश्चित होनी चाहिए।

 

लाभार्थीपरक योजनाओं को सीएम डैशबोर्ड से जोड़ा जाए। इससे इसकी मॉनीटरिंग में आसानी होगी। सरकार की योजनाओं के लिए पात्र हर एक व्यक्ति/परिवार को योजनाओं के लाभ जरूर मिले।

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सीएम की दो टूक- आमजन के कार्यों में अनदेखी कतई बर्दाश्त नहीं

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर लगाया 'जनता दर्शन'

 

काफी संख्या में पहुंचे फरियादियों ने सीएम को सुनाई अपनी पीड़ा

 

लखनऊ, 6 जूनः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के पश्चात गुरुवार को फिर से 'जनता दर्शन' शुरू किया। सीएम के सरकारी आवास पर गुरुवार को काफी संख्या में पीड़ित पहुंचे। इन लोगों ने सीएम से अपनी पीड़ा सुनाई। मुख्यमंत्री ने हर एक फरियादी के पास पहुंचकर उनकी पीड़ा जानी। फिर संबंधित अधिकारियों को तत्काल निस्तारण के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आमजन से जुड़े कार्य निश्चित समयसीमा में हों। किसी भी कार्यों में अनदेखी कतई बर्दाश्त नहीं होगी। जनता से जुड़े मुद्दे सरकार की प्राथमिकता में हैं।

 

युवाओं ने भी सीएम से की मुलाकात

जनता दर्शन में गुरुवार को काफी संख्या में युवा भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने हर युवाओं से न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत परेशानी पूछी, बल्कि उनसे कई मुद्दों पर वार्तालाप भी किया। युवाओं ने विभिन्न मुद्दों पर सीएम से बातें साझा कीं। वहीं मुख्यमंत्री ने अफसरों को निर्देश दिया कि जनता से जुड़े जो भी मुद्दे माननीय न्यायालय में लंबित हैं, उनमें अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कराई जाए।

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माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने गुरुवार से अपने सरकारी आवास पर  लोकसभा चुनाव के कारण लगी आचार संहिता की वजह से पिछले दो माह से बंद 'जनता दर्शन' कार्यक्रम को फिर से शुरू किया  जिसमें मुख्यमंत्री जी ने  लोगों की समस्याओं को सुना ।

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