उतरौला  बलरामपुर
 विकास खण्ड उतरौला में मनरेगा मजदूरों व निर्माण सामग्री का तीन करोड़ दस लाख रुपए का भुगतान बजट न होने के कारण व धन के अभाव में नहीं हुआ है। मनरेगा मजदूरों को नौ माह से एक करोड़ साठ लाख रुपए की मजदूरी का भुगतान नहीं हो पाया है। मनरेगा मजदूरों को मजदूरी न मिलने से मजदूर व उनके परिवार भुखमरी के कगार पर प हुच गये है। वहीं मनरेगा में कराए गए विकास कार्यों में एक करोड़ पचास लाख रुपये के लागत की निर्माण सामानों की खरीद दारी की गई है लेकिन सरकार द्वारा मनरेगा में बजट उपलब्ध न कराने से आपूर्ति कर्ता विकास खण्ड उतरौला कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत गांव के गरीब मजदूरों का पलायन रोकने के लिए सरकार ने गांव में ही सौ दिन का रोजगार देने की गारंटी दे रखी थी, और उनके मजदूरी का भुगतान तत्काल करने का आदेश भी दे रखा था। विकास खण्ड उतरौला क्षेत्र के विभिन्न ग्राम पंचायतों में सरकार ने‌ तमाम विकास योजनाओं में मनरेगा के पंजीकृत मजदूरों से मजदूरी कराई। मनरेगा मजदूरों से मजदूरी कराने के बाद बीते जुलाई माह से मजदूरों के मजदूरी का भुगतान सरकार ने नहीं किया। मनरेगा मजदूरों की मजदूरी का भुगतान न होने से उनके व उनके परिवार के सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है। मनरेगा मजदूरों की मजदूरी का भुगतान न होने से मजदूरों का मनरेगा से मोह भग हो गया है और तमाम मनरेगा मजदूर जीविका चलाने के लिए शहरों की ओर‌ पलायन कर गए हैं। मनरेगा मजदूरी व विकास के लिए खरीदे गए निर्माण सामग्री का भुगतान न होने पर ग्राम प्रधान, मनरेगा मजदूरों व कर्मचारियों ने समय समय पर सरकार के खिलाफ आवाज भी उठाई। लेकिन वित्तीय वर्ष बीतने के अन्तिम दिनों तक मनरेगा मजदूरों व निर्माण सामग्री का भुगतान नहीं हो सका। खण्ड विकास अधिकारी उतरौला संजय कुमार ने बताया कि विकास खण्ड उतरौला क्षेत्र में मनरेगा मजदूरों व निर्माण सामग्री का तीन करोड़ दस लाख रुपए का भुगतान होना था। इसके भुगतान के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत भी करा दिया गया था। इसका बजट मिलते ही भुगतान करा दिया जाएगा। मनरेगा में बजट न होने से इससे जुड़े रोजगार सेवक,तकनीकी सहायक, कम्प्यूटर लिपिक,लेखा अधिकारी को नौ माह से वेतन नहीं मिला है।

असगर अली
उतरौला 

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