रुकिए, सोचिए आप पराली नहीं अपनी किस्मत खाक करेंगे

 

लखनऊ : चंद रोज बाद गेहूं की कटाई होने वाली है। कंबाइन से कटाई के बाद खेतों में ही फसल अवशेष जलाने की आम परंपरा रही है। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से इसमें काफी कमी आई है। सरकार पराली जलाने से  पर्यावरण, जमीन की उर्वरता  आगजनी के खतरे और पशुओं के चारे के आसन्न संकट को लेकर व्यापक जागरूकता अभियान चला रही है। साथ ही फसल अवशेष को सहजने के लिए अनुदान पर कृषि यंत्र इनकी कंपोस्टिंग के के बायो डी कंपोजर भी उपलब्ध करा रही है।

 

 

बावजूद इसके अगर गेंहू की कटाई के बाद खरीफ की अगली फसल लेने के बाबत सोच रहे हैं तो रुकिए और सोचिए। आप खेत के साथ अपनी किस्मत खाक करने जा रहे हैं। यह खुद के पांव में कुल्हाड़ी मारने जैसा है। क्योंकि डंठल के साथ फसल के लिए सर्वाधिक जरूरी पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (एनपीके) के साथ अरबों की संख्या में भूमि के मित्र बैक्टीरिया और फफूंद भी जल जाते हैं। भूसे के रूप में पशुओं का हक तो मारा ही जाता है।

 

 

फसल अवशेष में है पोषक तत्वों का खजाना

 

शोधों से साबित हुआ है कि बचे डंठलों में एनपीके की मात्रा क्रमश: 0.5, 0.6 और 1.5 फीसद होती है। जलाने की बजाए अगर खेत में ही इनकी कंपोस्टिंग कर दी जाय तो मिट्टी को एनपीके की क्रमश: 4 , 2 और 10 लाख टन मात्रा मिल जाएगी। भूमि के कार्बनिक तत्वों, बैक्टिरिया फफूंद का बचना, पर्यावरण संरक्षण और ग्लोबल वार्मिग में कमी बोनस होगा। अगली फसल में करीब 25 फीसद उर्वरकों की बचत से खेती की लागत में इतनी ही कमी आएगी और लाभ इतना ही बढ़ जाएगा।

 

गोरखपुर एनवायरमेंटल एक्शन गु्रप के एक अध्ययन के अनुसार प्रति एकड़ डंठल जलाने पर पोषक तत्वों के अलावा 400 किग्रा उपयोगी कार्बन, प्रतिग्राम मिट्टी में मौजूद 10-40 करोड़ बैक्टीरिया और 1-2 लाख फफूंद जल जाते हैं।

 

उप्र पशुधन विकास परिषद के पूर्व जोनल प्रबंधक डा. बीके सिंह के मुताबिक प्रति एकड़ डंठल से करीब 18 क्विंटल भूसा बनता है। सीजन में भूसे का प्रति क्विंटल दाम करीब 400 रुपए माना जाए तो डंठल के रूप में 7200 रुपये का भूसा नष्ट हो जाता है। बाद में यही चारा संकट का कारण बनता है।

 

 

फसल अवशेष के अन्य लाभ

 

-फसल अवशेष से ढकी मिट्टी का तापमान सम होने से इसमें सूक्ष्मजीवों की सक्रियता बढ़ जाती है,जो अगली फसल के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व मुहैया कराते हैं।

 

- अवशेष से ढकी मिट्टी की नमी संरक्षित रहने से भूमि के जल धारण की क्षमता भी बढ़ती है। इससे सिंचाई में कम पानी लगने से इसकी लागत घटती है। साथ ही दुर्लभ जल भी बचता है।

 

------

 

क्या करें

 

डंठल जलाने के बजाए उसे गहरी जुताई कर खेत में पलट कर सिंचाई कर दें। शीघ्र सड़न के लिए सिंचाई के पहले प्रति एकड़ 5 किग्रा यूरिया का बुरकाव कर सकते हैं। इसके लिए कल्चर भी उपलब्ध हैं। और कई तरह के कृषि यंत्र भी। सरकार का प्रयास है कि वह ऐसे प्लांट लगाए जिनमें पराली से बायो कंप्रेस्ड गैस और बेहतर गुणवत्ता की कंपोस्ट खाद बने। हाल ही में गोरखपुर के धुरियापार में एक ऐसे ही प्लांट का उद्घाटन हो चुका है। केंद्र सरकार की मदद से  प्रदेश में ऐसे 100 प्लांट लगाने की योजना है। फिर तो ठूंठ से भी किसानों के ठाठ होंगे। स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा। किसानों की आय भी बढ़ेगी। बड़ी मात्रा में बेहतर किस्म की कंपोस्ट मिलने से जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।

--------------------------------------------------

होली पर शत-प्रतिशत आनरोड होंगी परिवहन निगम की बसें

 

भारी आवागमन को देखते हुए परिवहन की बेहतर सुविधा सुनिश्चित किए जाने की तैयारी

 

लखनऊ, 21 मार्च। होली पर्व के अवसर पर यात्रियों के भारी संख्या में आवागमन को लेकर परिवहन की बेहतर सुविधा के लिए योगी सरकार की ओर से पहल की गई है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के एमडी मासूम अली सरवर ने सभी क्षेत्रीय/सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को होली पर्व के दृष्टिगत शत-प्रतिशत बसों के संचालन के साथ-साथ बस अड्डों पर व्यापक यात्री सुविधा सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

 

समस्त सक्षम चालक-परिचालक से लिया जाएगा संचालन का कार्य

उन्होंने कहा कि 24/25 मार्च, 2024 को मुख्य पर्व की तिथि से पूर्व व उसके पश्चात विभिन्न गन्तव्यों के लिए जनसामान्य का भारी संख्या में आवागमन देखते हुए यात्रियों को पर्याप्त परिवहन सुविधा उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से बसों को शत-प्रतिशत आनरोड करते हुए संचालन कराया जाएगा। प्रत्येक क्षेत्र समस्त बसों की यांत्रिक एवं भौतिक दशा को सुदृढ़ व ऑनरोड कराकर शत-प्रतिशत संचालन सुनिश्चित करेगा। समस्त सक्षम चालक-परिचालक से संचालन का कार्य लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि होली पर्व की अवधि में यात्रियों की उपलब्धता एवं आवश्यकता के आधार पर अतिरिक्त बसों का संचालन योजनाबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाएगा। बस अड्डों पर बैनरों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा।

 

बैठने की अतिरिक्त व्यवस्था

एमडी ने कहा कि एसी बसों के संचालन को निर्धारित कर आनलाइन बुकिंग/आरक्षण व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यात्रियों के बैठने की अतिरिक्त व्यवस्था के साथ-साथ सभी बस अड्‌डों पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, शौचालय एवं परिसर की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। बसों में संचालन के दौरान यह भी सुनिश्चित करें, कि अवांछनीय, प्रतिबंधित व ज्वलन्तशील विस्फोटक सामग्री न ले जाई जाए।

 

बॉक्स

अनाधिकृत वाहनों की सघन चेकिंग के निर्देश

उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने सभी संभागीय/सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों को होली पर्व के दृष्टिगत अनाधिकृत वाहनों की सघन चेकिंग कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने कहा कि 24/25 मार्च 2024 को होली का पर्व मनाया जाना है। प्रायः महत्वपूर्ण अवसरों पर प्रदेश के अंदर आने वाली व प्रदेश से अन्य राज्य में जाने वाली अथवा प्रदेश के विभिन्न स्थानों से बहुतायत में संचालित होने वाले अनाधिकृत वाहनों से जहां एक ओर निगम की आय कुप्रभावित होती है, वहीं दूसरी ओर व्यापक कर चोरी से शासन को राजस्व की हानि होने के साथ-साथ यात्री सुरक्षा मानकों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पाता है। उन्होंने अनाधिकृत संचालन की रोकथाम के लिए जनहित में 21 मार्च से 01 अप्रैल 2024 तक सभी जनपदों में अनाधिकृत वाहनों के रोकथाम हेतु प्रभावशाली संयुक्त चेकिंग अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं।

------------------------------

काशी में खेली गई विश्व प्रसिद्ध मसाने की होली

 

महाश्मशान घाट पर महादेव ने अपने प्रिय गणों, भूत-प्रेत के साथ खेली  चिता भस्म की होली

 

पूरे विश्व में सिर्फ काशी में ही खेली जाती है चिता-भस्म की होली

 

पर्यटकों ने देखा दिगंबर के मसाने की होली का अद्भुत नज़ारा

 

भारी उत्साह के साथ जलती चिताओं के बीच "चिता भस्म "की होली

 

विदेशी पर्यटकों ने भी इस उत्सव का जमकर लुफ्त उठाया

 

वाराणसी, 21 मार्चः काशी के मणिकर्णिका घाट पर गुरुवार को अद्भुत नजारा देखने को मिला। यहां बड़े ही उत्साह के साथ जलती चिताओं के बीच "चिता भस्म " की होली खेली गई। मसाने की होली खेलने के लिए मणिकर्णिका घाट के महाश्मशान पर जन सैलाब उमड़ पड़ा। ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ मणिकर्णिका के महाश्मशान में अपने गणों के साथ चिता भस्म की होली खेलते हैं।

 

सिर्फ काशी में खेली जाती है ऐसी होली

पूरे देश में रंगों और गुलालों से होली खेली जाती है, लेकिन शिव की नगरी काशी में चिता की राख के साथ भी होली खेली जाती है। ऐसी होली पूरे विश्व में सिर्फ काशी में मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि  भगवान शंकर भस्म की होली अपने प्रिय गण भूत, प्रेत, पिशाच शक्तियों के साथ खेलते हैं।

 

विदेशी पर्यटकों ने भी उठाया लुत्फ

चिता भस्म की होली शुरू करने से पहले बाबा मसान नाथ की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। फिर बाबा की आरती करने के बाद चिता के राख से होली की शुरुआत की जाती है, जिसमें ढोल-नगाड़े और डमरू के साथ पूरा श्मशान घाट हर-हर महादेव के उद्घोष से गुंजायमान हो उठा। काशीवासियों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों ने भी इस उत्सव का जमकर लुफ्त उठाया।

 

क्यों मनायी जाती है मसान की होली

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने मसान की होली की शुरुआत की थी। ऐसा माना जाता है कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शंकर माता पार्वती का गौना कराने के बाद उन्हें काशी लेकर आए थे। तब उन्होंने अपने गणों के साथ रंग-गुलाल के साथ होली खेली थी, लेकिन वे श्मशान में बसने वाले भूत, प्रेत, पिशाच, यक्ष गन्धर्व, किन्नर जीव जंतु आदि के साथ होली नहीं खेल पाए थे, इसलिए रंगभरी एकादशी के एक दिन बाद भोलेनाथ ने श्मशान में रहने वाले भूत-प्रेत साथ होली खेली थी। तभी से काशी में मसान की होली खेलने की परंपरा चली आ रही है। चिता की राख से होली खेलने की वजह से ये परंपरा देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है।

---------------------------

मेघालय में यूपी के मैकेनिक के अपहरण मामले का सीएम योगी ने लिया संज्ञान

 

- सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेघालय के मुख्यमंत्री से की बात

 

लखनऊ, 21 मार्च। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेघालय में यूपी के नागरिक अखिलेश सिंह के अपहरण के मामले का संज्ञान लेते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनरॉड संगमा से फोन पर वार्ता की। गुरुवार शाम सीएम योगी ने संगमा से अखिलेश सिंह की सकुशल वापसी के लिए आग्रह किया। अखिलेश सिंह लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित बेनीगंज के निवासी हैं तथा मेघालय के साउथ गारो हिल्स में कार्यरत कंस्ट्रक्शन कंपनी में भारी वाहन के मकैनिक और सुपरवाइजर के पद पर कार्य करते हैं। 49 वर्षीय अखिलेश सिंह का मेघालय की दक्षिण गारो हिल्स में अपहरण के बाद कांट्रेक्टर ने अखिलेश की पत्नी शीला सिंह को फोन कर घटना की जानकारी दी। पति के साथ अनहोनी की आशंका जताते हुए शीला सिंह ने उत्तर प्रदेश और मेघालय सरकार से मदद की गुहार लगाई है। वहीं इस पूरे मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेघालय के सीएम कॉनरॉड संगमा से बात की है।

------------------------------

 रुकिए, सोचिए आप पराली नहीं अपनी किस्मत खाक करेंगे

 

लखनऊ : चंद रोज बाद गेहूं की कटाई होने वाली है। कंबाइन से कटाई के बाद खेतों में ही फसल अवशेष जलाने की आम परंपरा रही है। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से इसमें काफी कमी आई है। सरकार पराली जलाने से  पर्यावरण, जमीन की उर्वरता  आगजनी के खतरे और पशुओं के चारे के आसन्न संकट को लेकर व्यापक जागरूकता अभियान चला रही है। साथ ही फसल अवशेष को सहजने के लिए अनुदान पर कृषि यंत्र इनकी कंपोस्टिंग के के बायो डी कंपोजर भी उपलब्ध करा रही है।

 

 

बावजूद इसके अगर गेंहू की कटाई के बाद खरीफ की अगली फसल लेने के बाबत सोच रहे हैं तो रुकिए और सोचिए। आप खेत के साथ अपनी किस्मत खाक करने जा रहे हैं। यह खुद के पांव में कुल्हाड़ी मारने जैसा है। क्योंकि डंठल के साथ फसल के लिए सर्वाधिक जरूरी पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश (एनपीके) के साथ अरबों की संख्या में भूमि के मित्र बैक्टीरिया और फफूंद भी जल जाते हैं। भूसे के रूप में पशुओं का हक तो मारा ही जाता है।

 

 

फसल अवशेष में है पोषक तत्वों का खजाना

 

शोधों से साबित हुआ है कि बचे डंठलों में एनपीके की मात्रा क्रमश: 0.5, 0.6 और 1.5 फीसद होती है। जलाने की बजाए अगर खेत में ही इनकी कंपोस्टिंग कर दी जाय तो मिट्टी को एनपीके की क्रमश: 4 , 2 और 10 लाख टन मात्रा मिल जाएगी। भूमि के कार्बनिक तत्वों, बैक्टिरिया फफूंद का बचना, पर्यावरण संरक्षण और ग्लोबल वार्मिग में कमी बोनस होगा। अगली फसल में करीब 25 फीसद उर्वरकों की बचत से खेती की लागत में इतनी ही कमी आएगी और लाभ इतना ही बढ़ जाएगा।

 

गोरखपुर एनवायरमेंटल एक्शन गु्रप के एक अध्ययन के अनुसार प्रति एकड़ डंठल जलाने पर पोषक तत्वों के अलावा 400 किग्रा उपयोगी कार्बन, प्रतिग्राम मिट्टी में मौजूद 10-40 करोड़ बैक्टीरिया और 1-2 लाख फफूंद जल जाते हैं।

 

उप्र पशुधन विकास परिषद के पूर्व जोनल प्रबंधक डा. बीके सिंह के मुताबिक प्रति एकड़ डंठल से करीब 18 क्विंटल भूसा बनता है। सीजन में भूसे का प्रति क्विंटल दाम करीब 400 रुपए माना जाए तो डंठल के रूप में 7200 रुपये का भूसा नष्ट हो जाता है। बाद में यही चारा संकट का कारण बनता है।

 

 

फसल अवशेष के अन्य लाभ

 

-फसल अवशेष से ढकी मिट्टी का तापमान सम होने से इसमें सूक्ष्मजीवों की सक्रियता बढ़ जाती है,जो अगली फसल के लिए सूक्ष्म पोषक तत्व मुहैया कराते हैं।

 

- अवशेष से ढकी मिट्टी की नमी संरक्षित रहने से भूमि के जल धारण की क्षमता भी बढ़ती है। इससे सिंचाई में कम पानी लगने से इसकी लागत घटती है। साथ ही दुर्लभ जल भी बचता है।

 

------

 

क्या करें

 

डंठल जलाने के बजाए उसे गहरी जुताई कर खेत में पलट कर सिंचाई कर दें। शीघ्र सड़न के लिए सिंचाई के पहले प्रति एकड़ 5 किग्रा यूरिया का बुरकाव कर सकते हैं। इसके लिए कल्चर भी उपलब्ध हैं। और कई तरह के कृषि यंत्र भी। सरकार का प्रयास है कि वह ऐसे प्लांट लगाए जिनमें पराली से बायो कंप्रेस्ड गैस और बेहतर गुणवत्ता की कंपोस्ट खाद बने। हाल ही में गोरखपुर के धुरियापार में एक ऐसे ही प्लांट का उद्घाटन हो चुका है। केंद्र सरकार की मदद से  प्रदेश में ऐसे 100 प्लांट लगाने की योजना है। फिर तो ठूंठ से भी किसानों के ठाठ होंगे। स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार मिलेगा। किसानों की आय भी बढ़ेगी। बड़ी मात्रा में बेहतर किस्म की कंपोस्ट मिलने से जैविक खेती को भी बढ़ावा मिलेगा।

--------------------------------------------------

होली पर शत-प्रतिशत आनरोड होंगी परिवहन निगम की बसें

 

भारी आवागमन को देखते हुए परिवहन की बेहतर सुविधा सुनिश्चित किए जाने की तैयारी

 

लखनऊ, 21 मार्च। होली पर्व के अवसर पर यात्रियों के भारी संख्या में आवागमन को लेकर परिवहन की बेहतर सुविधा के लिए योगी सरकार की ओर से पहल की गई है। इस क्रम में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के एमडी मासूम अली सरवर ने सभी क्षेत्रीय/सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों को होली पर्व के दृष्टिगत शत-प्रतिशत बसों के संचालन के साथ-साथ बस अड्डों पर व्यापक यात्री सुविधा सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

 

समस्त सक्षम चालक-परिचालक से लिया जाएगा संचालन का कार्य

उन्होंने कहा कि 24/25 मार्च, 2024 को मुख्य पर्व की तिथि से पूर्व व उसके पश्चात विभिन्न गन्तव्यों के लिए जनसामान्य का भारी संख्या में आवागमन देखते हुए यात्रियों को पर्याप्त परिवहन सुविधा उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से बसों को शत-प्रतिशत आनरोड करते हुए संचालन कराया जाएगा। प्रत्येक क्षेत्र समस्त बसों की यांत्रिक एवं भौतिक दशा को सुदृढ़ व ऑनरोड कराकर शत-प्रतिशत संचालन सुनिश्चित करेगा। समस्त सक्षम चालक-परिचालक से संचालन का कार्य लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि होली पर्व की अवधि में यात्रियों की उपलब्धता एवं आवश्यकता के आधार पर अतिरिक्त बसों का संचालन योजनाबद्ध तरीके से सुनिश्चित किया जाएगा। बस अड्डों पर बैनरों के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा।

 

बैठने की अतिरिक्त व्यवस्था

एमडी ने कहा कि एसी बसों के संचालन को निर्धारित कर आनलाइन बुकिंग/आरक्षण व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यात्रियों के बैठने की अतिरिक्त व्यवस्था के साथ-साथ सभी बस अड्‌डों पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, शौचालय एवं परिसर की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। बसों में संचालन के दौरान यह भी सुनिश्चित करें, कि अवांछनीय, प्रतिबंधित व ज्वलन्तशील विस्फोटक सामग्री न ले जाई जाए।

 

बॉक्स

अनाधिकृत वाहनों की सघन चेकिंग के निर्देश

उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त चंद्रभूषण सिंह ने सभी संभागीय/सहायक संभागीय परिवहन अधिकारियों को होली पर्व के दृष्टिगत अनाधिकृत वाहनों की सघन चेकिंग कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने कहा कि 24/25 मार्च 2024 को होली का पर्व मनाया जाना है। प्रायः महत्वपूर्ण अवसरों पर प्रदेश के अंदर आने वाली व प्रदेश से अन्य राज्य में जाने वाली अथवा प्रदेश के विभिन्न स्थानों से बहुतायत में संचालित होने वाले अनाधिकृत वाहनों से जहां एक ओर निगम की आय कुप्रभावित होती है, वहीं दूसरी ओर व्यापक कर चोरी से शासन को राजस्व की हानि होने के साथ-साथ यात्री सुरक्षा मानकों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं हो पाता है। उन्होंने अनाधिकृत संचालन की रोकथाम के लिए जनहित में 21 मार्च से 01 अप्रैल 2024 तक सभी जनपदों में अनाधिकृत वाहनों के रोकथाम हेतु प्रभावशाली संयुक्त चेकिंग अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं।

------------------------------

काशी में खेली गई विश्व प्रसिद्ध मसाने की होली

 

महाश्मशान घाट पर महादेव ने अपने प्रिय गणों, भूत-प्रेत के साथ खेली  चिता भस्म की होली

 

पूरे विश्व में सिर्फ काशी में ही खेली जाती है चिता-भस्म की होली

 

पर्यटकों ने देखा दिगंबर के मसाने की होली का अद्भुत नज़ारा

 

भारी उत्साह के साथ जलती चिताओं के बीच "चिता भस्म "की होली

 

विदेशी पर्यटकों ने भी इस उत्सव का जमकर लुफ्त उठाया

 

वाराणसी, 21 मार्चः काशी के मणिकर्णिका घाट पर गुरुवार को अद्भुत नजारा देखने को मिला। यहां बड़े ही उत्साह के साथ जलती चिताओं के बीच "चिता भस्म " की होली खेली गई। मसाने की होली खेलने के लिए मणिकर्णिका घाट के महाश्मशान पर जन सैलाब उमड़ पड़ा। ऐसी मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ मणिकर्णिका के महाश्मशान में अपने गणों के साथ चिता भस्म की होली खेलते हैं।

 

सिर्फ काशी में खेली जाती है ऐसी होली

पूरे देश में रंगों और गुलालों से होली खेली जाती है, लेकिन शिव की नगरी काशी में चिता की राख के साथ भी होली खेली जाती है। ऐसी होली पूरे विश्व में सिर्फ काशी में मनाई जाती है। ऐसी मान्यता है कि  भगवान शंकर भस्म की होली अपने प्रिय गण भूत, प्रेत, पिशाच शक्तियों के साथ खेलते हैं।

 

विदेशी पर्यटकों ने भी उठाया लुत्फ

चिता भस्म की होली शुरू करने से पहले बाबा मसान नाथ की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। फिर बाबा की आरती करने के बाद चिता के राख से होली की शुरुआत की जाती है, जिसमें ढोल-नगाड़े और डमरू के साथ पूरा श्मशान घाट हर-हर महादेव के उद्घोष से गुंजायमान हो उठा। काशीवासियों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों ने भी इस उत्सव का जमकर लुफ्त उठाया।

 

क्यों मनायी जाती है मसान की होली

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने मसान की होली की शुरुआत की थी। ऐसा माना जाता है कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शंकर माता पार्वती का गौना कराने के बाद उन्हें काशी लेकर आए थे। तब उन्होंने अपने गणों के साथ रंग-गुलाल के साथ होली खेली थी, लेकिन वे श्मशान में बसने वाले भूत, प्रेत, पिशाच, यक्ष गन्धर्व, किन्नर जीव जंतु आदि के साथ होली नहीं खेल पाए थे, इसलिए रंगभरी एकादशी के एक दिन बाद भोलेनाथ ने श्मशान में रहने वाले भूत-प्रेत साथ होली खेली थी। तभी से काशी में मसान की होली खेलने की परंपरा चली आ रही है। चिता की राख से होली खेलने की वजह से ये परंपरा देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है।

---------------------------

मेघालय में यूपी के मैकेनिक के अपहरण मामले का सीएम योगी ने लिया संज्ञान

 

- सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेघालय के मुख्यमंत्री से की बात

 

लखनऊ, 21 मार्च। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेघालय में यूपी के नागरिक अखिलेश सिंह के अपहरण के मामले का संज्ञान लेते हुए मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनरॉड संगमा से फोन पर वार्ता की। गुरुवार शाम सीएम योगी ने संगमा से अखिलेश सिंह की सकुशल वापसी के लिए आग्रह किया। अखिलेश सिंह लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित बेनीगंज के निवासी हैं तथा मेघालय के साउथ गारो हिल्स में कार्यरत कंस्ट्रक्शन कंपनी में भारी वाहन के मकैनिक और सुपरवाइजर के पद पर कार्य करते हैं। 49 वर्षीय अखिलेश सिंह का मेघालय की दक्षिण गारो हिल्स में अपहरण के बाद कांट्रेक्टर ने अखिलेश की पत्नी शीला सिंह को फोन कर घटना की जानकारी दी। पति के साथ अनहोनी की आशंका जताते हुए शीला सिंह ने उत्तर प्रदेश और मेघालय सरकार से मदद की गुहार लगाई है। वहीं इस पूरे मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने मेघालय के सीएम कॉनरॉड संगमा से बात की है।

------------------------------

 

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने