राजकुमार गुप्ता 
मथुरा।बलदेव,भाकियू चढूंनी जिलाध्यक्ष रामफल सिंह सूबेदार ने बताया नौहझील के अंकित कुमार नामक  व्यक्ति जो अपने आप को भाकियू चढूंनी का व्यक्ति बता कर भाकियू चढूंनी संगठन को छोड़कर अम्बावता संगठन का पदाधिकारी बना। जबकि अंकित कुमार को संगठन के नियमानुसार विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल नहीं होने पर 12 फरवरी को ही हटा कर निष्कासित कर दिया गया था। संगठन में निष्क्रिय लोगों को कोई स्थान नहीं है। भाकियू चढूंनी संगठन विभिन्न प्रदेशों में किसानों के लिए जमीन पर कार्य करने वाला ताकतवर, मजबूत व किसानों के लिए जमीन पर काम करने वाला जुझारू कर्मठ कार्यकर्ताओं वाला संगठन है। संगठन के मुखिया श्री गुरनाम सिंह चढूनी की पहचान भारत में बड़े किसान नेता के रूप में हैं। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से ज्यादा वक्त तक चले किसान आंदोलन में भी वह बड़ा चेहरा थे। जब किसानों क़ी बात आती है तो उनका तेवर देखते बनता है।चढूनी संगठन में निजी हित के लिए जुड़ने वाले, संगठन की आड़ में कमाई करने वालों व नाम के लिए पद लेने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। मंडल अध्यक्ष रामवीर सिंह तोमर ने कहा कि संगठन सौ प्रतिशत ईमानदारी व पवित्रता से कार्य कर रहा है। पिछले 8 महीनों में संगठन ने जिला मुख्यालय से लेकर तहसीलों में किसान आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभा कर अलग पहचान बनाई है। प्रदेश महासचिव डा सतीश चन्द्र, मंडल उपाध्यक्ष हीरो काका, मंडल महासचिव प्रेम सिंह सिकरवार, मंडल सचिव हरिपाल सिंह परिहार, श्याम सिंह परिहार, जिला उपाध्यक्ष सोनवीर सिंह तोमर, पुष्पेंद्र सिंह चौधरी, सोहन सिंह सिकरवार,    पंचम सिंह पचहरा, ओमवीर मास्टर, भुल्ली सिंह, चरण सिंह पवार ने कहा कि संगठन पिछले हफ्ते किसान आंदोलन के समर्थन में पुलिस की सख्ती व नजरबंदी के बाद भी किसानों के ऊपर हो रहे बल प्रयोग के विरोध में जादोपुर व महावन में जाम लगा कर जगह जगह प्रदर्शन किया। जनपद से बाहर भी ताकत का अहसास करा चुका है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रतन सिंह पहलवान ने कहा जो भी पदाधिकारी लगातार तीन या इससे अधिक बैठकों, कार्यक्रमों में बार बार सूचना के बाद भी अनुपस्थिति रहता है तो उसे संगठन से पदमुक्त समझा जायेगा। उसी नियमानुसार अंकित कुमार को 12 फरवरी को निष्कासित करके संगठन से हटा दिया गया था।

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