राजकुमार गुप्ता 
मथुरा। तेज तर्रार वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अपनी कार्यशैली की नित नई पटकथा लिखने में दिन रात एक किए हुए हैं, जो दायित्व उनको बहुत भरोसा कर योगी सरकार ने मथुरा जनपद की कमान दी गई है ।उस पर खरे भी उतर रहे हैं, जिनकी कामयाबी को देख कर मथुरा के  अपराध और अपराधियों पर किस तरह की आक्रामक कार्रवाई की जा रही है उसे आम नागरिक भी यह कहने से कोई गुरेज नहीं करते अधिकारी हो तो शैलेश कुमार पांडे जैसा।
 किंतु  पुलिस विभाग के ही उनके कुछ अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी  उनकी तरक्की को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, और उनकी कार्यशाली को पलीता लगाते हुए पुलिस और पीड़ित  मानवता के ऊपर किसी न किसी तरह उनके नाम को खराब करने की साजिश में लगे हुए हैं।
 जबकि कप्तान सभी विभाग के कर्मचारियों को साथ ले कर चलने मैं भरोसा रखने की सोच के साथ आगे बढ़ने मैं विश्वास रख कर अपने कार्य को कुशलता से करने में दिन रात एक किए हुए। 
 जनपद में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण थानों में से एक थाना यमुना पार आता है, वहाँ के कार्यरत कर्मचारी जिनकी इलाके में कानून का राज कायम करने की जिम्मेदारी बनती हैं। 
अपने कार्यों में गंभीर ना होते हुए जाने किस के दबाव में आकर अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। इलाके में नशा कारोबारी से लेकर खनन माफिया पूरी आजादी के साथ अपने कामों को अंजाम दे रहे हैं । 
इलाके की पूर्व की घटनाओं को देखा जाय तो कहने में कोई गुरेज नहीं होगा कि थाने में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के अलावा किसी अन्य के आदेशों का पालन किया जा रहा है। 
यमुना पार इलाके में दीपावली के दिन भीषड अग्निकांड सभी को याद है, यही थाना यमुना पार का इलाका है जहा बीते दिनों खनन माफिया द्वारा होमगार्ड कर्मचारी के ऊपर टैक्टर चढ़ाने की कोशिश तक की जा चुकी है। 
भला हो मुखविरो का जिन्होंने नशा कारोबारी की पोल खोल कर रख दी तब जाकर इनको दबाव में कार्यवाही करनी पढ़ी, आए दिन नशा खोर इलाके में बेकाबू हो नंगा नाच करते देखे जाते रहे हैं। 
स्थानिये लोगो द्वारा कहने के बावजूद कोई संज्ञान नही लिया गया। जिसका परिणाम एक व्यापारी पर नशेड़ीयो द्वारा जानलेवा हमला कर दिया थाने पर फरियाद लेकर पहुंचे फरियादी से शिकायत लेने की जगह उसे गुमराह कर वापस भेजने की भी चेष्टा की गई जब ज्ञात हुआ कि मामला पत्रकार के परिवार का है । 
तहरीर लेकर वृद्ध पत्रकार को भी जांच के नाम पर घुमाने का कार्य भी थाने पर अधिकारी द्वारा किया जबकि मुख्यमंत्री के सख्त आदेश है कि थाने पर पहुंचे कोई भी फरियादी की फरियाद को सुना जाय, थाना यमुना पार पर कार्यरत कर्मचारी कप्तान के आदेश की तो अवहेलना कर ही रहे हैं साथ ही प्रदेश के मुखिया का भी भय नहीं रहा है।

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