संवाददाता रणजीत जीनगर

सिरोही:- अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय
 संत श्री श्री 1008 भजनाराम जी महाराज 
राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वधर्म महासभा राष्ट्रीय अध्यक्ष संत प्रकोष्ठ मेंबर राजस्थान सरकार देवस्थान विभाग के संत ने किया अवलोकन ब्रह्माकुमारीज संगठन, शिव भंडारे का अवलोकन बह्माकुमारीज की प्रशासनिक प्रमुख दादी रतन मोहिनी का लिया आशिर्वाद
संत श्री ने बताया ब्रह्माकुमारीज ध्यान का एक रूप सिखाती है जिसके माध्यम से छात्रों को अपने दिमाग को शुद्ध करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है ।  यह शांति से बैठकर, फिर आत्मा की शाश्वत प्रकृति ,  प्रकृति की मूल शुद्धता और भगवान की प्रकृति के बारे में पुष्टि करके किया जाता है ।
आध्यात्मिक शिक्षण समूह है ये मनुष्य को दो भागों में देखते हैं - आत्मा की ऊर्जा और दृश्य शरीर । ये सीखते हैं कि आत्माएं अपने व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति पाने के लिए जन्म लेने के लिए शरीर में प्रवेश करती है ।
ब्रह्माकुमारीज की प्रशासनिक प्रमुख दादी रतन मोहिनी ने बताया कि शिव परमात्मा , परमात्मा , निराकार , और निराकार हैं | लेकिन सभी देवताओं और अवतारों का साकार रूप है |शिव और शंकर को क्रमशः भगवान और देवता के रूप में पूजा जाता है ।
बह्माकुमारीज महिलाओं द्वारा चलाई जाने वाली विश्व में सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है इस संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने माताओं और बहनों को शुरू से ही आगे रखने का फेसला लिया और इसी कारण विश्व की अन्य सभी आध्यामिक और धार्मिक संस्थाओं के बीच में ब्रह्माकुमारीज अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं।
 ब्रह्माकुमारी "ब्रह्मा की बेटियां "
संत श्री ने बताया कि ब्रह्माकुमारीज आश्रम माउंट आबू में ,आगंतुक सुबह और शाम को ध्यान सत्रों में भाग ले सकते हैं और संस्थापक की शिक्षाएं प्रदान करने वाले व्याख्यान और कार्यशाला में भाग ले सकते हैं वहीं पर कार्यकारी सचिव बीके डॉक्टर मृत्युंजय भाई, बहन बी.के. स्नेहा, महंत श्री श्री 1008 निर्मल राम जी महाराज व  प्रभु सिंह जोधा उपस्थित रहे।

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