उत्तर प्रदेश पुलिस "सोशलमीडिया" अब नहीं बना सकती वीडियो या रील


यूपी डीजीपी ने लागू की नई "सोशलमीडिया आचार संहिता"


सोशलमीडिया में सिर्फ प्रोफेशनल डीपी का कर सकते हैं इस्तेमाल 



भदोही, 09 फरवरी। उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी डीएस चौहान ने पुलिस वालों के लिए नई '"सोशलमीडिया आचार संहिता" लागू कर दिया है। पुलिस के लोग वर्चुवल मंच पर अब कोई रील या पोस्ट नहीं कर सकते हैं। सरकारी कार्य में भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करेंगे। व्यक्तिगत इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गयीं है।

सोशलमीडिया अचार संहिता में कहा गया है कि खुद की वाह-वाही के वीडियो भी नहीं बना सकते हैं। जन शिकायतों का लाइव प्रसारण भी नहीं कर सकते हैं। कोई भी पुलिस वाला विवादित ग्रुप नहीं ज्वॉइन कर सकता है।सोशलमीडिया में सिर्फ प्रोफेशनल डीपी ही इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि सोशलमीडिया का इस्तेमाल सिर्फ शासकीय हित में कर सकते हैं।

सोशलमीडिया आचार संहिता" के अनुसार किसी पीड़ित का चेहरा या शिनाख्त नहीं दे सकते। सोशल मीडिया पर फोटोबाजी करने पर भी रोक लगा दी गयी है। वरिष्ठ अफसर या सहकर्मी पर कमेंट भी नहीं कर सकते। सोशल मीडिया पर फॉलोबैक में सावधानी बरतें की सलाह दी गयी है। पुलिसकर्मी असलहों का प्रदर्शन भी नहीं कर सकते हैं। बिना सत्यापित कोई भी सूचना फॉरवर्ड नहीं कर सकते हैं।


सोशलमीडिया पर अधिकांश पुलिस विभाग में कार्यरत पुरुष और महिलाएं सक्रिय हैं। उनकी तरफ से आए दिन फेसबुक, इंस्टाग्राम, शेयरचैट और व्हाट्सएप पर वीडियो, रील वायरल होते रहे हैं। अनगिनत पुलिसकर्मी वर्दी में रील बना कर विभाग की किरकिरी करवा चुके हैं। पुलिसकर्मियों के लाखों-लाख फॉलोवर हैं। लेकिन अब सोशलमीडिया आचार संहिता लागू होने से पुलिस कर्मियों की मुश्किल बढ़ जाएगी।

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