उतरौला(बलरामपुर) सीएचसी अधीक्षक डा० चन्द्र प्रकाश सिंह ने बताया कि बंद कमरे में अंगीठी,हीटर जलाना लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है।
उन्होंने कहा कि कड़ाके की पड़ रही ठंड से बचने के लिए लोग कोयले की अंगीठी ,हीटर,ब्लोवर जला रहे हैं।कोयले की अंगीठी व हीटर जानलेवा भी हो सकती है,कार्बन मोनो आक्साइड गैस अंगीठी में कोयले या लकड़ी जलाते समय निकलती है।इसे बाहर खुले में जलाया जाता है तो नुकसान नही होता क्योंकि वहां पर पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन मौजूद रहता है लेकिन इसे घर के भीतर बंद कमरे में जलाते हैं तो वहां पर आक्सीजन कम होती है जिससे कार्बन मोनो आक्साइड का स्तर बढ़ जाता है ब्रेन पर कार्बन का असर होता है इंसान इससे अचानक बेहोश हो जाता है और दम घुटने से मौत हो जाती है।इस तरह की घटनाएं आजकल पेपर में पढ़ने को मिल रही है। इसलिए हम सभी को सजग रहने की जरूरत है बंद कमरे में कोयला ही नही हीटर व ब्लोवर भी काफी लंबे समय तक जलाने से कमरे का तापमान बढ़ जाता है जिसकी वजह से कमरे की नमी कम हो जाती है और आक्सीजन भी कम हो जाती है,जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।कार्बन मोनो आक्साइड सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंचकर खून में मिल जाती है इस वजह से खून में हीमोग्लोबिन का लेबल घट जाता है और अंत में इंसान की मौत हो जाती है। 
घर में हीटर या ब्लोवर जलाते समय खिड़की या दरवाजे को थोड़ा अवश्य खुला रखें जिससे आक्सीजन की कमी न हो,लकड़ी को बंद कमरे में‌ जलाकर कभी भी न रखें दम घुट सकता है और जान भी जा सकती है।बंद कमरे में कोयला हीटर आदि जलाने से आंखों मे भी परेशानी हो सकती है सांस और किडनी के पेशेंट अंगीठी से अधिक परहेज करें।
असगर अली
उतरौला

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