मुख्यमंत्री ने 74वें गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण किया

मुख्यमंत्री ने मातृभूमि के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों तथा देशभक्तों
को नमन करते हुए भारतीय संविधान के निर्माताओं को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की

गणतंत्र दिवस अपनी विरासत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने, भारत माता के महान सपूतों, अमर बलदानियों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करने का अवसर: मुख्यमंत्री

हम सभी को लोकतंत्र की उन मूल भावनाओं को समझना होगा,
जिसके कारण पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही

लोकतंत्र की जड़ें भारत में उतनी ही सुदृढ़ व गहरी हैं,
जितनी मजबूत मानवता के इतिहास की जड़ें

प्रधानमंत्री जी ने 26 नवम्बर की तिथि को ‘संविधान दिवस’
के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया

प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों के लिए पंचप्रण का संदेश दिया, यह पंचप्रण देश के सभी नागरिकों का कर्तव्य व दायित्व होने के साथ ही जीवन का ध्येय होना चाहिए

हम सभी का दायित्व है कि संविधान
में बताये गये सभी अनुच्छेदों का ईमानदारीपूर्वक पालन करें

जी-20 सम्मेलन से जुड़कर उ0प्र0 भी अपनी बात देश-दुनिया के सामने रख सकता

देश आजादी के अमृत महोत्सव के साथ-साथ
गणतंत्र दिवस के अमृत महोत्सव की ओर अग्रसर हो रहा

भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में
स्थापित करने में उ0प्र0 का महत्वपूर्ण योगदान होगा

देश को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप मंे स्थापित करने हेतु हम सभी को
‘नये भारत के नये उत्तर प्रदेश’ के रूप में आगे बढ़ने के संकल्प से जुड़ना होगा

लखनऊ: 26 जनवरी, 2023

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर आज यहां अपने सरकारी आवास पर ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर उन्होंने मातृभूमि के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों तथा देशभक्तों को नमन करते हुए भारतीय संविधान के निर्माताओं को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गणतंत्र दिवस अपनी विरासत के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने, भारत माता के महान सपूतों, अमर बलदानियों तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नमन करने का अवसर है। आज ही के दिन सन् 1950 में देश में संविधान को लागू किया गया था। दुनिया के सामने भारत ने लोकतंत्र की जननी के साथ ही सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में अपने संकल्पों को आगे बढ़ाने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम सभी को लोकतंत्र की उन मूल भावनाओं को समझना होगा, जिसके कारण पूरी दुनिया भारत की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देश आजादी का अमृत महोत्सव बड़े उत्साह और उमंग के साथ मना रहा है। लोकतंत्र के इस उत्सव ने हम सभी को इस बात का एहसास कराया कि देश भले ही 15 अगस्त, 1947 को आजाद हुआ, लेकिन लोकतंत्र के प्रति इसकी आस्था आदिकाल से रही है। लोकतंत्र की जडं़े भारत में उतनी ही सुदृढ़ व गहरी हंै, जितनी मजबूत मानवता के इतिहास की जड़े हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत ने प्रत्येक कालखण्ड मंे अपनी व्यवस्था को संचालित करने के लिए जो संविधान अंगीकार किया था, उसे हम शास्त्रों व स्मृतियों के रूप में आज भी सम्मान देते हैं। यह स्मृतियां सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत के मंत्र व शास्त्रों का संकलन मात्र नहीं, यह मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाले भारत के जीवन मूल्यों को आगे बढ़ाती हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्षाें की गुलामी के बाद 15 अगस्त, 1947 को देश आजाद हुआ। वर्ष 1946 में संविधान सभा का निर्माण किया गया था। महापुरुषों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नेतृत्व में चिंतन, मनन कर स्वतंत्र भारत में किस प्रकार की व्यवस्था लागू होनी है, इसे आगे बढ़ाया गया। अन्ततः 26 नवम्बर, 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ। संविधान सभा मंे डाॅ0 राजेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में एवं बाबा साहब डाॅ0 भीमराव आंबेडकर के नेतृत्व में संविधान के एक-एक अनुच्छेद को तत्परता व प्रतिबद्धता के साथ माला के रूप में पिरोने का कार्य किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए 26 नवम्बर की तिथि को ‘संविधान दिवस’ के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया है। संविधान को लागू करने का मतलब देश के प्रत्येक नागरिक को संविधान के इस दस्तावेज के निर्देशों का पालन करना होगा। दुनिया में देश को नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित करने के लिए भारतीय संविधान में प्रत्येक नागरिक के लिए मौलिक अधिकारों एवं मूल कर्तव्यों का उल्लेख है। संविधान दिवस मनाते समय नागरिकों के कर्तव्यों की भी चर्चा की जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों के लिए पंचप्रण का संदेश दिया है। इनमें गुलामी की मानसिकता से मुक्ति, अपनी विरासत के प्रति सम्मान, विकसित भारत के लिए आगे बढ़ना, एक होकर कार्य करना तथा अपने कर्तव्यों का पालन करना शामिल है। यह पंचप्रण देश के सभी नागरिकों का कर्तव्य व दायित्व होने के साथ ही जीवन का ध्येय होना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश ने आजादी के 75 वर्ष की लम्बी दूरी तय की है। यह पर्व व त्योहार हम सभी को चिंतन व मनन करने का अवसर प्रदान करते हैं। मनुष्य के जीवन में 75 वर्षाें की यात्रा, चार आश्रमों में अंतिम आश्रम में प्रवेश करने की प्रक्रिया का एक हिस्सा होती है। यह वह उम्र होती है, जब व्यक्ति अपने सभी प्रकार के कर्तव्यों से मुक्त होकर सम्पूर्ण रूप से, समाज के प्रति अपने आपको समर्पित कर देता है। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में हम सभी का दायित्व है कि संविधान में बताये गये सभी अनुच्छेदों का ईमानदारीपूर्वक पालन करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश को दुनिया में सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करने के लिए हमें अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी के साथ करना होगा। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में भारत को जी-20 सम्मेलन के माध्यम से दुनिया के 20 प्रतिष्ठित देशों की अध्यक्षता करने का अवसर प्राप्त हुआ है। यह भारत को वैश्विक मंच पर स्थापित करने का भी अवसर है। जी-20 सम्मेलन के कुछ आयोजन उत्तर प्रदेश में भी आयोजित किये जाएंगे। इस सम्मेलन से जुड़कर उत्तर प्रदेश भी अपनी बात देश-दुनिया के सामने रख सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज देश आजादी के अमृत महोत्सव के साथ-साथ गणतंत्र दिवस के अमृत महोत्सव की ओर अग्रसर हो रहा है। भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करने में प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान होगा। उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है। देश व दुनिया को उत्तर प्रदेश से कई अपेक्षाएं है। हमें उन अपेक्षाओं के प्रति खरा उतरना होगा। देश को ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के रूप मंे स्थापित करने हेतु हम सभी को ‘नये भारत के नये उत्तर प्रदेश’ के रूप में आगे बढ़ने के संकल्प से जुड़ना होगा। यह आज की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से करते हुए शासन की योजनाओं का लाभ प्रत्येक तबके तक पहुंचाया है। प्रदेश से जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, मत-मजहब की मानसिकता को दूर करने में विगत कुछ वर्षाें में सफलता प्राप्त हुई है। उत्तर प्रदेश बेहतरीन कानून व्यवस्था के साथ दंगा मुक्त राज्य के रूप मंे स्थापित हुआ है, इससे प्रदेश निवेश के मामले में बेहतरीन गन्तव्य के रूप मंे उभरा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने 47वीं वाहिनी पी0ए0सी0, गाजियाबाद की सलामी ली।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री अमित सिंह, सूचना निदेशक श्री शिशिर, अपर निदेशक श्री अंशुमान राम त्रिपाठी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
-------------

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने