रिपोर्ट शोभित अवस्थी

हरदोई। पराली जलाने को लेकर प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। जिसमें कृषि विभाग अन्य विभागों से समन्वय बनाकर गोष्ठी का अयोजन कर रहा है। इसी को लेकर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने पराली जलाने वाले किसानों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश दिए थे। साथ ही पराली ना जलाने की किसानों से अपील की थी। जिलाधिकारी ने कहा कि पराली जलाने से ना सिर्फ प्रदूषण फैलता है, बल्कि एनजीटी और कोर्ट के निर्देश है कि पराली ना जलाई जाए। शासन ने पराली प्रबंधन को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए है, उन्हीं को लेकर के कृषि विभाग लगातार स्थानीय स्तर पर प्रशासन से समन्वय बनाकर गोष्ठियां कर रहा है। जिसमें किसानों को निरंतर समझाते हुए उन्हें पराली ना जलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, और उनको इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है। अभी तक हरदोई जनपद में पराली जलाने की कुछ घटनाएं हुई है, लेकिन गत वर्षों की भांति घटनाएं काफी कम रही है। और गोष्ठी के माध्यम से पराली दो खाद लो के लिए जागरूक किया जा रहा है। पराली जलाने के मुख्य कारण यह है कि किसान समझता है कि धान काटने के बाद इसे जलाकर खाद में परिवर्तित कर ले और रबी की बुआई के लिए अपशिष्ट खेतो में बकाया ना रहे। जिससे उसे जुताई के समय किसी समस्या का सामना ना करना पड़े। इसी वजह से वह पराली जलाते है, जिसमें किसानों को कार्यक्रम के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। इसमें किसानों को ना सिर्फ राहत बल्कि उनकी आर्थिक मदद भी होगी। गत वर्षो की भांति इस वर्ष पराली जलाने की घटनाएं कम हुई है, और किसान काफी जागरूक हो रहे है। उन्हें इससे होने वाले नुकसान के बारे जानकारी होने के बाद वह पराली जलाने से बचते नजर आ रहे है, और प्रदूषण को नियंत्रण करने में शासन प्रशासन की मदद कर रहे है।

 

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने