*मेडिकल कॉलेज का एक चिकित्सक निष्कासित, तीन कर्मी निलंबित*

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 अयोध्या - राजर्षि दशरथ मेडिकल कालेज दर्शननगर में 23 अक्टूबर की रात आर्थो वार्ड में भर्ती मरीज के बेड से गिरने के बाद 12 घंटे तक उपचार न मिलने से हुई मौत के मामले में चिकित्सक व स्टाफ की लापरवाही सामने आई है। जांच में यह तथ्य प्रकाश में आया कि प्रकरण में चिकित्सकों ने सीनियर डाक्टर को न तो सूचना दी और न ही किसी प्रकार की राय ली। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद शुक्रवार को मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. सत्यजीत वर्मा ने दो चिकित्सक व तीन स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की है।
गौरतलब है कि उपचार के लिए पूराबाजार के बैसिंगपुर गांव निवासी कौशलेन्द्र सिंह पुत्र इंद्रसेन सिंह को मेडिकल कॉलेज लाया गया था। उपचार के दौरान वह बेड से नीचे गिर पड़ा था और परिजनों तथा तीमारदारों के अनुरोध के बावजूद उसको मेडिकल कॉलेज में ठीक से उपचार नहीं मिल पाया, जिसके चलते 12 घंटे बाद उसकी 23 अक्टूबर को मौत हो गई थी। परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी। शिकायत पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन डॉक्टर रीनता शर्मा, डॉ. आनंद शुक्ला व डॉ. जेपी तिवारी की तीन सदस्यीय समिति बनाई थी और 28 अक्टूबर को रिपोर्ट देने को कहा था।मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सत्यजीत वर्मा ने बताया कि जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में डाक्टर और स्टाफ को लापरवाही का दोषी माना है। रिपोर्ट के आधार पर डा. अभिषेक सिंह को निष्कासित किया गया है और दूसरे चिकित्सक डा. विनोद आर्या को चेतावनी जारी की गई है। वहीं घटना के समय ड्यूटी पर तैनात तीन स्टाफ अर्चना तिवारी, दीपमाला सिंह व किरन यादव को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इलाज में लापरवाही कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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