उत्तर प्रदेश में दो दशकों से अपमानित महसूस कर रहे हैं शिक्षा मित्र

शिक्षक दिवस पर  शिक्षा मित्रों की पीडा़ निकली  

             गिरजा शंकर गुप्ता ब्यूरों
अम्बेडकरनगर। शिक्षक दिवस 5 सितंबर 2022 को जहां देश के शिक्षकों का सम्मान किया जा रहा है, वही उत्तर प्रदेश में दो दशक से अधिक समय से परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षा मित्र शिक्षक अपने आप को अपमानित व कुंठित महसूस कर रहा है। उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से शिक्षा को एक नया आयाम प्रदान करने का काम किया । जिसके कारण पूर्व में सरकार द्वारा शिक्षामित्रों की मेहनत व शिक्षा के प्रति लगन को देखकर शिक्षामित्रों को समायोजित कर नियमित करते हुए सम्मानजनक वेतन देकर शिक्षामित्रों का सम्मान किया गया था। कतिपय विवादों के चलते शिक्षामित्रों का समायोजन हाई कोर्ट द्वारा निरस्त कर दिया गया। 


सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी शिक्षामित्रों के समायोजन को निरस्त करने के आदेश को सही ठहराया गया। समायोजन निरस्त होने के बाद बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों द्वारा एकजुट होकर बहुत से धरना प्रदर्शन, आंदोलन लखनऊ से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक किया गया, लेकिन उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो सका। तत्कालीन देश के प्रधानमंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व में शिक्षामित्रों की समस्याओं का निस्तारण सरकार बनने पर 3 माह के अंदर करने का वादा किया गया था। पांच वर्ष से अधिक का समय बीतने के बाद भी शिक्षामित्रों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो सका। शिक्षामित्र शिक्षकों क साथ देश के जिम्मेदारों द्वारा किया गया वादा झूठा साबित हुआ। जिसके कारण आर्थिक तंगी, गरीबी व अवसाद के चलते उत्तर प्रदेश के लगभग दस हजार शिक्षामित्रों की समायोजन निरस्त होने के बाद असामयिक मृत्यु हो गई। शिक्षामित्रों की समस्याओं के निस्तारण की मांग को लेकर लंबे समय तक शिक्षा मित्रों द्वारा आंदोलन किया गया। उत्तर प्रदेश की महिला शिक्षा मित्रों द्वारा सुहागिन होते हुए भी अपने केस तक उतरवा दिया गया, फिर भी शिक्षामित्रों की समस्याओं का निस्तारण नहीं हो सका। प्रदेश सरकार द्वारा हाई पावर कमेटी शिक्षामित्रों की समस्याओं के निस्तारण हेतु बनाई गई। लेकिन अभी तक हाई पावर कमेटी का निर्णय का अता पता नहीं है। जहां 5 सितंबर 2022 को देश के शिक्षकों का विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से शिक्षक दिवस पर शिक्षकों का सम्मान किया जा रहा है। वही उत्तर प्रदेश में दो दशकों से अधिक समय से परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्र अपने आप को अपमानित व ठगा हुआ महसूस कर रहा है। 
आम शिक्षक शिक्षामित्र एसोसिएशन अंबेडकर नगर के जिला अध्यक्ष रामचंद्र मौर्य ने कहा कि शिक्षक दिवस पर जहां एक तरफ देश के शिक्षकों को माननीयों द्वारा सम्मानित किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों द्वारा शिक्षामित्रों के साथ न्याय करने की मांग को लेकर विद्यालय जनपद, व प्रदेश स्तर पर शिक्षामित्रों द्वारा अपनी पीड़ा व्यक्त की जा रही है। यह बहुत बड़ी विडंबना है कि जहां शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को सम्मानित किया जा रहा है, वही बड़ी संख्या में शिक्षामित्र रूपी शिक्षकों का एक बड़ा समूह देश के जिम्मेदारों के समक्ष शिक्षामित्रों के साथ न्याय करने की गुहार लगा रहा है। अब देखना यह है कि देश व प्रदेश के जिम्मेदारों द्वारा पूर्व में शिक्षामित्रों से किए गए वायदे को कब पूरा किया जाता है। न्याय पाने की आस में उत्तर प्रदेश का शिक्षा मित्र घुट घुट कर मरने को मजबूर है। शिक्षक दिवस 5 सितंबर 2022 के शुभ अवसर पर विद्यालय स्तर ,जनपद व प्रदेश स्तर पर एकत्रित होकर शिक्षा मित्रों द्वारा अपनी व्यथा बताने, पीड़ा व्यक्त करने का काम किया जा रहा है। फिलहाल अभी तक शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है। जिसके कारण शिक्षामित्र, शिक्षक के समान सारी योग्यताओं को रखते हुए भी अपने आप को अपमानित, ठगा हुआ व कुंठित महसूस कर रहा है। आज भी शिक्षामित्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व देश के प्रधानमंत्री से न्याय पाने की आस में असहाय होकर देख रहा है। सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह देश के एक बड़े शिक्षकों के समूह शिक्षामित्र शिक्षकों के साथ न्याय करने का काम करें। उपरोक्त बातें आम शिक्षक शिक्षामित्र एसोसिएशन अंबेडकर नगर के जिला अध्यक्ष राम चन्दर मौर्य ने कहा, रामचंद्र मौर्य, शिक्षामित्र शिक्षक कल्याण समिति व उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ अम्बेडकर नगर के पूर्व जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। शिक्षक दिवस पर जिला अध्यक्ष रामचंद्र मौर्य ने शिक्षामित्रों को शीघ्र न्याय दिलाने की मांग की है।

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