औरैया // कृषि विज्ञान केंद्र औरैया द्वारा राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत ग्राम मिर्गवां ब्लॉक अछल्दा में लिंग एवं पोषण परियोजना के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण कराया गया प्रशिक्षण का संचालन कर रही डॉ रश्मि यादव  ने ग्रामीण महिलाओं को सहजन (मोरिंगा ) के बारे में विस्तार पूर्वक बताया उन्होंने कहा कि सहजन अत्यंत गुणकारी और पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण सुपरफूड के नाम से भी जाना जाता है सहजन की फल, पत्ती, बीज और जड़  में काफी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं यह एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में रेडियो एक्टिवता कम कर कैंसर और अर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव करते हैं सहजन की पत्तियों में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम, विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं 100 ग्रा सहजन की पत्तियों में दही से 9 गुना ज्यादा प्रोटीन, संतरे से 7 गुना ज्यादा विटामिन सी, गाजर से 4 गुना ज्यादा विटामिन ए, केले से 15 गुना ज्यादा पोटेशियम, पालक से 25 गुना ज्यादा आयरन,  दूध से 17 गुना ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होता है  हमें सहजन को अपने आहार में आवश्यक रूप से शामिल करना चाहिए यह हमें अनेक बीमारियों से दूर रखता है साथ ही डॉ रश्मि यादव ने ग्रामीण महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से सहजन के कुछ व्यंजन जैसे सहजन की पत्तियों का साग व पराठा बना कर दिखाया साथ ही महिलाओं को साहित्य का भी वितरण किया गया, वही केंद्र के पौध संरक्षण विशेषज्ञ डॉ अंकुर झा  ने बताया कि सहजन का पौधा लगभग 10 मीटर उँचाई वाला होता है किन्तु लोग इसे डेढ़-दो मीटर की ऊँचाई से प्रतिवर्ष काट देना चहिए ताकि इसके फल-फूल-पत्तियों तक हाथ सरलता से पहुँच सके इसकी कच्ची-हरी फलियाँ सर्वाधिक उपयोग में लायी जातीं हैं, साथ ही उन्होंने सहजन के वृक्ष को लगाने के तरीके व रोग नियंत्रण के बारे में भी विस्तार पूर्वक चर्चा की, किसी भी जानकारी के लिए जिले के समस्त किसान भाई कृषि विज्ञान केन्द्र पर सम्पर्क करें। 

ब्यूरो रिपोर्ट :- जितेन्द्र कुमार 

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने